ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha) Hindi

ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha) Hindi PDF download free from the direct link given below in the page.

9 Like this PDF
❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha) Hindi PDF

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी ऋषि पंचमी के रुप में मनाई जाती है। इस व्रष ऋषि पंचमी व्रत 20 सितंबर 2023 को गुरुवार के दिन आया है। ऋषि पंचमी का व्रत सभी के लिए फल दायक होता है। हिंदू धर्म में ऋषि पंचमी का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक सप्त ऋषियों की पूजा करने से जीवन में सुख शांति का वास होता है। इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है। इस दिन व्रत रखने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

इस व्रत को श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया जाता है। आज के दिन ऋषियों का पूर्ण विधि-विधान से पूजन कर कथा श्रवण करने का बहुत महत्व होता है। यह व्रत पापों का नाश करने वाला व श्रेष्ठ फलदायी है। यह व्रत और ऋषियों के प्रति श्रद्धा, कृतज्ञता, समर्पण एवं सम्मान की भावना को प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण आधार बनता है।

ऋषि पंचमी व्रत कथा PDF (Rishi Panchami Vrat Katha Book)

एक समय वर्षा ऋतु में जब उसकी पत्नी खेती के कामों में लगी हुई थी, तो वह रजस्वला हो गई। उसको रजस्वला होने का पता लग गया फिर भी वह घर के कामों में लगी रही। कुछ समय बाद वह दोनों स्त्री-पुरुष अपनी-अपनी आयु भोगकर मृत्यु को प्राप्त हुए। जयश्री तो कुतिया बनीं और सुमित्र को रजस्वला स्त्री के सम्पर्क में आने के कारण बैल की योनी मिली, क्योंकि ऋतु दोष के अतिरिक्त इन दोनों का कोई अपराध नहीं था।

इसी कारण इन दोनों को अपने पूर्व जन्म का समस्त विवरण याद रहा। वे दोनों कुतिया और बैल के रूप में उसी नगर में अपने बेटे सुचित्र के यहां रहने लगे। धर्मात्मा सुचित्र अपने अतिथियों का पूर्ण सत्कार करता था। अपने पिता के श्राद्ध के दिन उसने अपने घर ब्राह्मणों को भोजन के लिए नाना प्रकार के भोजन बनवाए।

जब उसकी स्त्री किसी काम के लिए रसोई से बाहर गई हुई थी तो एक सर्प ने रसोई की खीर के बर्तन में विष वमन कर दिया। कुतिया के रूप में सुचित्र की मां कुछ दूर से सब देख रही थी। पुत्र की बहू के आने पर उसने पुत्र को ब्रह्म हत्या के पाप से बचाने के लिए उस बर्तन में मुंह डाल दिया। सुचित्र की पत्नी चन्द्रवती से कुतिया का यह कृत्य देखा न गया और उसने चूल्हे में से जलती लकड़ी निकाल कर कुतिया को मारी।

बेचारी कुतिया मार खाकर इधर-उधर भागने लगी। चौके में जो झूठन आदि बची रहती थी, वह सब सुचित्र की बहू उस कुतिया को डाल देती थी, लेकिन क्रोध के कारण उसने वह भी बाहर फिकवा दी। सब खाने का सामान फिकवा कर बर्तन साफ करके दोबारा खाना बना कर ब्राह्मणों को खिलाया।

रात्रि के समय भूख से व्याकुल होकर वह कुतिया बैल के रूप में रह रहे अपने पूर्व पति के पास आकर बोली, हे स्वामी! आज तो मैं भूख से मरी जा रही हूं। वैसे तो मेरा पुत्र मुझे रोज खाने को देता था, लेकिन आज मुझे कुछ नहीं मिला। सांप के विष वाले खीर के बर्तन को अनेक ब्रह्म हत्या के भय से छूकर उनके न खाने योग्य कर दिया था। इसी कारण उसकी बहू ने मुझे मारा और खाने को कुछ भी नहीं दिया।

तब वह बैल बोला, हे भद्रे! तेरे पापों के कारण तो मैं भी इस योनी में आ पड़ा हूं और आज बोझा ढ़ोते-ढ़ोते मेरी कमर टूट गई है। आज मैं भी खेत में दिनभर हल में जुता रहा। मेरे पुत्र ने आज मुझे भी भोजन नहीं दिया और मुझे मारा भी बहुत। मुझे इस प्रकार कष्ट देकर उसने इस श्राद्ध को निष्फल कर दिया।

अपने माता-पिता की इन बातों को सुचित्र सुन रहा था, उसने उसी समय दोनों को भरपेट भोजन कराया और फिर उनके दुख से दुखी होकर वन की ओर चला गया। वन में जाकर ऋषियों से पूछा कि मेरे माता-पिता किन कर्मों के कारण इन नीची योनियों को प्राप्त हुए हैं और अब किस प्रकार से इनको छुटकारा मिल सकता है। तब सर्वतमा ऋषि बोले तुम इनकी मुक्ति के लिए पत्नीसहित ऋषि पंचमी का व्रत धारण करो तथा उसका फल अपने माता-पिता को दो।

भाद्रपद महीने की शुक्ल पंचमी को मुख शुद्ध करके मध्याह्न में नदी के पवित्र जल में स्नान करना और नए रेशमी कपड़े पहनकर अरूधन्ती सहित सप्तऋषियों का पूजन करना। इतना सुनकर सुचित्र अपने घर लौट आया और अपनी पत्नीसहित विधि-विधान से पूजन व्रत किया। उसके पुण्य से माता-पिता दोनों पशु योनियों से छूट गए। इसलिए जो महिला श्रद्धापूर्वक ऋषि पंचमी का व्रत करती है, वह समस्त सांसारिक सुखों को भोग कर बैकुंठ को जाती है।

ऋषि पंचमी पूजन (Rishi Panchami Puja Rituals)

  • पूर्वकाल में यह व्रत समस्त वर्णों के पुरुषों के लिए बताया गया था, किन्तु समय के साथ साथ अब यह अधिकांशत: स्त्रियों द्वारा किया जाता है।
  • इस दिन पवित्र नदीयों में स्नान का भी बहुत महत्व होता है। सप्तऋषियों की प्रतिमाओं को स्थापित करके उन्हें पंचामृत में स्नान करना चाहिए।
  • तत्पश्चात उन पर चन्दन का लेप लगाना चाहिए, फूलों एवं सुगन्धित पदार्थों, धूप, दीप, इत्यादि अर्पण करने चाहिए तथा श्वेत वस्त्रों, यज्ञोपवीतों और नैवेद्य से पूजा और मन्त्र जाप करना चाहिए।
  • अब व्रत की कथा सुनें। व्रत कथा सुनकर आरती कर प्रसाद वितरित करें।
  • अकृष्ट (बिना बोई हुई) पृथ्वी में पैदा हुए शाकादि का आहार लें।
  • इस प्रकार सात वर्ष तक व्रत करके आठवें वर्ष में सप्त ऋषियों की सोने की सात मूर्तियां बनवाएं।
  • तत्पश्चात कलश स्थापन करके यथाविधि पूजन करें। अंत में सात गोदान तथा सात युग्मक-ब्राह्मण को भोजन करा कर उनका विसर्जन करें।

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके ऋषि पंचमी व्रत कथा पीडीएफ़ | Rishi Panchami Vrat Katha PDF मे डाउनलोड कर सकते हैं।

Also Check-

ઋષિ પંચમી વ્રત કથા | Rishi Panchami Vrat Katha in Gujarati PDF

Rishi Panchami Vrat Katha in Marathi PDF

PDF's Related to ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)

Download ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha) PDF

1 more PDF files related to ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha)

ऋषि पंचमी व्रत कथा PDF Download

ऋषि पंचमी व्रत कथा PDF Download

Size: 0.19 | Pages: 2 | Source(s)/Credits: drive.google.com | Language: Hindi

ऋषि पंचमी व्रत कथा PDF Download using the link given below.

Added on 31 Aug, 2022 by Pradeep

REPORT THISIf the purchase / download link of ऋषि पंचमी व्रत कथा (Rishi Panchami Vrat Katha) PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES

  • Agastya Sanhita (अगस्त्य संहिता) Hindi

    अगस्त्य संहिता प्राचीन ऋषि अगस्त्य को जिम्मेदार संस्कृत पाठ में कई कार्यों का शीर्षक है। पंचरात्रगाम की एक संहिता अगस्त्य संहिता है, जो अगस्त्य द्वारा निर्धारित राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की पूजा के बारे में है। इसे अगस्त्य-सुतीक्ष-संवाद के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि यह ऋषियों सुतीक्ष...

  • Ganesh Chalisa (गणेश चालीसा) Hindi

    गणेश चालीसा PDF हिन्दी अनुवाद सहित – प्रतिदिन श्री गणेश चालीसा की आराधना करने से घर मे सुख- संपन्नता आती है। श्री गणेश चालीसा का नित्य पाठ करने से गंभीर मुकदमो एवँ परेशानीयो में जीत मिलती है। श्री गणेश चालीसा का पाठ करने से “बुध दोष” भी दूर हो जाता...

  • Hindu Panchang Calendar 2023 Hindi

    हिन्दू कैलेंडर 2023 आगामी तीज-त्योहारों और हर साल आने वाले व्रतों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इन सभी में हिंदू धर्म के अलावा मुस्लिम, ईसाई, सिख और कई अन्य समुदायों के त्योहार शामिल हैं। हिंदू कैलेंडर 2023 (हिंदू पंचांग कैलेंडर 2023) बहुत प्रसिद्ध पंचांग है जिसका उपयोग भारत...

  • Kalnirnay September 2023 Calendar (कालनिर्णय २०२३ सप्टेंबर) Marathi

    Kalnirnay September 2023 Marathi Calendar gives you daily panchang, auspicious wedding muhurat, sankashti Chaturthi moonrise time, daily sunrise–moon rise time, and monthly astrological predictions for all zodiac signs. Kalnirnay Calendar gives you simplified information about Panchang, auspicious days, festivals, holidays, sunrise, and sunset. It also gives information for auspicious dates,...

  • Rishi Panchami Aarti Hindi

    ऋषि पंचमी व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। अगर माहवारी के समय स्त्रियों से गलती से कोई भूल हो जाती है तो उस दोष से मुक्ति पाने के लिए ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत में सप्त-ऋषियों की पूजा-अर्चना की जाती है। ऋषि पंचमी व्रत...

  • ऋषिपंचमीची कहाणी | Rishi Panchami Vrat Katha Marathi

    चातुर्मासातील श्रावण महिन्यानंतर येतो तो भाद्रपद. भाद्रपद मुख्यत्वे करून ओळखला जातो तो गणेशोत्सवासाठी. भाद्रपद महिन्याच्या तृतीयेला हरितालिका पूजन करण्याची परंपरा आहे. यानंतर चतुर्थीला पार्थिव गणेश पूजन केले जाते आणि भाद्रपद पंचमी ही ऋषी पंचमी म्हणून ओळखली जाते. श्रावणातील व्रत-वैकल्यांप्रमाणे ऋषिपंचमीचे व्रतही स्त्रियांनी करावयाचे एक व्रत आहे. भारतीय इतिहासात होऊन गेलेल्या...

  • ठाकुर प्रसाद कैलेंडर 2022 | Thakur Prasad Panchang Calendar 2022 Hindi

    Thakur Prasad Calendar 2022 (ठाकुर प्रसाद कैलेंडर 2022) PDF is an Panchang calendar is made up of many elements including Nakshatra, Karana, Yoga, Festival, Vaar, Paksha, Yoga, etc. Thakur Prasad Panchang Calendar 2022 PDF can be download from the link given at the bottom of this page. Thakur Prasad Panchang...

  • पुरुषोत्तम मास (अधिकमास) कथा – Purushottam Maas Katha Hindi

    अधिकमास के अधिपति स्वामी भगवान विष्णु माने जाते हैं। पुरूषोत्तम भगवान विष्णु का ही एक नाम है। इसीलिए अधिकमास को पुरूषोत्तम मास के नाम से भी पुकारा जाता है। इस विषय में एक बड़ी ही रोचक कथा पुराणों में पढ़ने को मिलती है। कहा जाता है कि भारतीय मनीषियों ने...

  • सरस्वती चालीसा | Saraswati Chalisa Hindi

    हिंदू धर्म में माता सरस्वती को ज्ञान की देवी कहा गया है। सरस्वती जी को वाग्देवी के नाम से भी जाना जाता है। सरस्वती जी को श्वेत वर्ण अत्यधिक प्रिय होता है। श्वेत वर्ण सादगी का परिचायक होता है। सरस्वती चालीसा का पाठ करने से मनुष्य बुद्धिमान बनता है। किसी...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *