Navratri Puja Vidhi (नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि) Hindi PDF

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Navratri Puja Vidhi (नवरात्रि सम्पूर्ण पूजन विधि) - Summary

नवरात्रि का पर्व 3 Oct 2024, से प्रारंभ हो रहा हैं। इस नौ दिनों में दुर्गा माँ की पूजा अलग रूपों मे की जाती हैं। नवरात्र में पहले द‍िन मां शैलपुत्री की पूजा होती है। साथ ही इसी द‍िन कलश स्‍थापना का भी व‍िधान है। कलश को नौ देव‍ियों का स्‍वरूप माना जाता है।

नवरात्र कथा पर्व (Navratri Festival) वर्ष में दो बार आता है एक चैत्र माह में, दूसरा आश्विन माह में अश्विन मास की नवरात्रि के दौरान भगवान राम की पूजा और रामलीला अहम होती है।  अश्विन मास की नवरात्रि को शारदीय नवरात्र भी कहते हैं।

नवरात्रि पूजन विधि इन हिन्दी

  • नवरात्रि के दिन सबसे पहले नित्य कर्म से निवृत्त होकर साफ पानी से स्नान कर लें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • इसके बाद कलश की स्थापना करना चाहिए। जिसमे आम के पत्ते व पानी डालें । कलश पर पानी वाले नारियल को लाल वस्त्र या फिर लाल मौली में बांध कर रखें।
  • उसमें एक बादाम, दो सुपारी एक सिक्का जरूर डालें ।
  • तत्पश्चात मूर्ति का आसन, पाद्य, अर्द्ध, आचमय, स्नान, वस्त्र, गंध, अक्षत, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन, पुष्पांजलि, नमस्कार, प्रार्थना आदि से पूजन करें।
  • मां दुर्गा को फल और मिठाई का भोग लगाएं। धूप, अगरबत्ती से माता रानी की आरती उतारें।
  • इसके पश्चात दुर्गा सप्तशती का पाठ दुर्गा स्तुति करें। पाठ स्तुति करने के बाद दुर्गाजी की आरती करके प्रसाद वितरित करें।

नवरात्रि पूजन मुहुर्त

नवरात्रि पर्व 3 Oct 2024, से हो रही है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह सुबह 8 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इस शुभ मुहूर्त में ही कलश स्थापित कर लेना अच्छा रहेगा। दु्र्गा जी के नौ स्‍वरूपों में पहले द‍िल मां शैलपुत्री की आराधना की जाती है।

शारदीय नवरात्रि 2024 के कार्यक्रम

नवरात्रि का पहला दिन मां शैलपुत्री की पूजा 3 Oct 2024
नवरात्रि का दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा 4 Oct 2024
नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा की पूजा 5 Oct 2024
नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा की पूजा 6 Oct 2024
नवरात्रि का पांचवां दिन मां स्कंदमाता की पूजा 7 Oct 2024
नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी की पूजा 8 Oct 2024
नवरात्रि का सातवां दिन मां कालरात्रि की पूजा 9 Oct 2024
नवरात्रि का आठवां दिन  मां सिद्धिदात्री की पूजा 10 Oct 2024
नवरात्रि का नौवां दिन मां महागौरी की पूजा 11 Oct 2024
दशमी तिथि विजयदशमी पर्व 12 Oct 2024

आरती दुर्गा माँ

जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ।
तुमको निशदिन ध्यावत । हरि ब्रह्मा शिवरी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

मांग सिंदूर विराजत, टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना । चंद्रवदन नीको ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

कनक समान कलेवर, रक्ताम्बर राजै ।
रक्तपुष्प गल माला ।  कंठन पर साजै ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।
सुर-नर-मुनिजन सेवत । तिनके दुखहारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

कानन कुण्डल शोभित, नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर, सम राजत ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

शुंभ-निशुंभ बिदारे, महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना, निशदिन मदमाती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे ।
मधु-कैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

ब्रह्माणी, रूद्राणी, तुम कमला रानी ।
आगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

चौंसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरों ।
बाजत ताल मृदंगा, अरू बाजत डमरू ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

तुम ही जग की माता, तुम ही हो भरता,
भक्तन की दुख हरता । सुख संपति करता ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

भुजा चार अति शोभित, खडग खप्पर धारी ।
मनवांछित फल पावत, सेवत नर नारी ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

कंचन थाल विराजत, अगर कपूर बाती ।
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योती ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

श्री अंबेजी की आरति, जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी, सुख-संपति पावे ॥
ॐ जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी ॥

Navratri Puja Vidhi

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