Chhattisgarh Rent Control Act 2011 Hindi
Chhattisgarh Rent Control Act 2011 to provide for adjudication of matters relating to rent by a Tribunal and to promote leasing of accommodation by balancing the interests of landlords and tenants. भाई से संबंधित विषयों पर अधिकरण द्वारा न्यायनिर्णयन तथा भवन स्वामी और किरायेदारों के हितों को संतुलित रखते हुए वास सुविधा को भाड़े (किराये ) पर दिये जाने की प्रवृत्ति को प्रोत्साहित करने हेतु अधिनियम।
यह अधिनियम छत्तीसगढ़ भाड़ा नियंत्रण अधिनियम, 2011 कहलायेगा। इसका विस्तार प्रथमत: ऐसे नगरपालिक क्षेत्रों में होगा जो राज्य में जिला मुख्यालय के रूप में समाविष्ट हैं, तदुपरांत ऐसे नगरपालिक क्षेत्रों या राज्य के भीतर किसी अन्य क्षेत्रों में होगा जिन्हें राज्य शासन, राजपत्र में अधिसूचना द्वारा समय-समय पर विनिर्दिष्ट करे।
Chhattisgarh Rent Control Act 2011 in Hindi – अधिनियम में जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो,
- “वास सुविधा से अभिप्रेत है, कोई भवन या भवन का भाग, चाहे आवासीय हो या गैर आवासीय हो भवन स्वामी द्वारा किरायेदार को किराये पर दिया गया हो, तथा जिसमें सम्मिलित है, कृषि प्रयोजनों के लिये उपयोग में न लाई जाने वाली कोई भूमि, खुला स्थान, सीढ़ी, मैदान, बगीचा गैरेज तथा समस्त सुविधायें एवं साधन जो उनके बीच हुए करारनामें में अंगभूत हो
- करारनामा’ से अभिप्रेत है, इस अधिनियम के अधीन अपेक्षित किये गये अनुसार, भवन स्वामी तथा किरायेदार द्वारा निष्पादित लिखित करारनामा
- “जिला से अभिप्रेत है, छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता, 1959 के अर्थानुसार जिला
- “आदतन व्यतिक्रमी से अभिप्रेत है, ऐसा करार जो 12 माह की कालावधि में तीन या दोन से अधिक बार भवन स्वामी को करारनामा के अनुसार देय तिथि पर पूर्ण किराया एवं समस्त देवकी का भुगतान करने में विफल रहता है।
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