यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र – Yantrodharaka Hanuman Stotra - Summary
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हनुमान जी को समर्पित अनेकों दिव्य स्त्रोतों में से एक चमत्कारी स्तोत्र का नाम यंत्रोद्धारक हनुमान स्तोत्र है। यह एक वैदिक स्तोत्र है जिसमें प्रभावशाली श्लोकों को संगलित किया गया है। यह स्तोत्र मुख्यतः संस्कृत भाषा में लिखा गया है। इस स्तोत्र का प्रभाव आपको चालीस दिन में दिखाई देने लगता है।
Importance of Yantrodharaka Hanuman Stotra
यह चमत्कारी स्तोत्र भक्तों के लिए अनेक लाभ प्रस्तुत करता है। इसे नियमित रूप से पाठ करने से हर प्रकार की बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
Yantrodharaka Hanuman Stotra in Sanskrit
श्री हनुमत्स्तोत्रम् व्यासतीर्थविरचितम्
नमामि दूतं रामस्य सुखदं च सुरद्रुमम् ।
पीनवृत्तमहाबाहुं सर्वशत्रुनिबर्हणम् ॥ १॥
नानारत्नसमायुक्तकुण्डलादिविभूषितम् ।
सर्वदाभीष्टदातारं सतां वै दृढमाहवे ॥ २॥
वासिनं चक्रतीर्थस्य दक्षिणस्थगिरौ सदा ।
तुङ्गाम्भोधितरङ्गस्य वातेन परिशोभिते ॥ ३॥
नानादेशागतैः सद्भिः सेव्यमानं नृपोत्तमैः ।
धूपदीपादिनैवेद्यैः पञ्चखाद्यैश्च शक्तितः ॥ ४॥
भजामि श्रीहनूमन्तं हेमकान्तिसमप्रभम् ।
व्यासतीर्थयतीन्द्रेण पूजितं प्रणिधानतः ॥ ५॥
त्रिवारं यः पाठं नित्यं स्तोत्रं भक्त्या द्विजोत्तमः ।
वांछितं लभतेऽभीष्टं षण्मासाभ्यन्तरे खलु ॥ ६॥
पुत्रार्थी लभते पुत्रं यशोऽर्थी लभते यशः ।
विद्यार्थी लभते विद्यां धनार्थी लभते धनम् ॥ ७॥
सर्वथा मास्तु सन्देहा हरिः साक्षी जगत्पतिः ।
यः करोत्यत्र सन्देहं स याति निरयं ध्रुवम् ॥ ८॥
। इति श्रीव्यासतीर्थविरचितम् हनुमत्स्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
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