Surya Aarti Hindi
भारत में प्रतिवर्ष ऐसे अनेक उत्सव व पर्व मनाये जाते हैं जो पूर्णतः सूर्यदेव को समर्पित हैं। इन त्योहारों में छठ पूजा व मकर संक्रांति मुख्य रूप से लोकप्रिय हैं। सूर्यदेव की उपासना करने से जातक का समाज में मान – सम्मान बढ़ता है तथा समस्त प्रकार के भौतिक सुखों में वृद्धि होती है। जिन व्यक्तियों में आत्मविश्वास की कमी होती है अथवा वह किसी के सामने बोलने में डर लगता है उन्हें सूर्यदेव की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
श्री सूर्य आरती को शांत मन के साथ, अपने आप को सूर्यदेव (surya dev) के चरणों में समर्पित करते हुए पढ़ने से निश्चित ही धन धान्य, कीर्ति में बढ़ोतरी होती है तथा सारे कष्ट दूर हो जाते हैं | इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर करके पुण्य के भागी बनें तथा दूसरों को भी इसका लाभ लेने का मौका अवश्य दें |
Surya Dev Aarti Lyrics (सूर्यदेव आरती लिरिक्स हिंदी)
॥ आरती श्री सूर्य जी ॥
जय कश्यप-नन्दन,ॐ जय अदिति नन्दन।
त्रिभुवन – तिमिर – निकन्दन,भक्त-हृदय-चन्दन॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सप्त-अश्वरथ राजित,एक चक्रधारी।
दु:खहारी, सुखकारी,मानस-मल-हारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सुर – मुनि – भूसुर – वन्दित,विमल विभवशाली।
अघ-दल-दलन दिवाकर,दिव्य किरण माली॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सकल – सुकर्म – प्रसविता,सविता शुभकारी।
विश्व-विलोचन मोचन,भव-बन्धन भारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
कमल-समूह विकासक,नाशक त्रय तापा।
सेवत साहज हरतअति मनसिज-संतापा॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
नेत्र-व्याधि हर सुरवर,भू-पीड़ा-हारी।
वृष्टि विमोचन संतत,परहित व्रतधारी॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।
सूर्यदेव करुणाकर,अब करुणा कीजै।
हर अज्ञान-मोह सब,तत्त्वज्ञान दीजै॥
जय कश्यप-नन्दन, ॐ जय अदिति नन्दन।