संग्रह आरती और चालीसा – Sangrah Aarti and Chalisa - Summary
आरती पूजा का एक हिंदू धार्मिक अनुष्ठान है, जिसे आरती और चालीसा के रूप में जाना जाता है। यह पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें एक या एक से अधिक देवताओं को प्रकाश (ज्यादातर एक लौ से) चढ़ाया जाता है।
आरती भी देवता की स्तुति में गाए जाने वाले गीतों को संदर्भित करती है, जब प्रकाश की पेशकश की जा रही है। आरती संस्कृत शब्द “अराद्रिक” से लिया गया है, जिसका अर्थ है कुछ ऐसा जो रात्री को दूर करता है, अंधेरा (या एक आइकन के सामने अंधेरे में लहराया गया प्रकाश)। एक मराठी भाषा का संदर्भ इसे “महानिरंजना” (संस्कृत: ग्रेटरंजना) के नाम से भी जानता है।
“चालीसा” शब्द “चालीस” से लिया गया है, जिसका अर्थ हिंदी में चालीस की संख्या है, क्योंकि हनुमान चालीसा में 40 छंद हैं (शुरुआत में और अंत में दोहे को छोड़कर)।
संग्रह आरती और चालीसा – Sangrah Aarti and Chalisa
इसमें शामिल हैं:
1) आरती श्री गणेश जी की – Aarti Shri Ganesh Ji ki
2) बाबा बालक नाथ चालीसा – Baba Balak Nath Chalisa
3) सिद्ध श्री बाबा बालक नाथ जी – Siddh Baba Balak Nath ki Aarti
4) श्री दुर्गा चालीसा – Shri Durga Chalisa
5) श्री दुर्गा आरती – Shri Durga Aarti
6) श्री हनुमान चालीसा – Shri Hanuman Chalisa
7) श्री हनुमान जी की आरती – Shri Hanuman Ji ki Aarti
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