हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta PDF Hindi

हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta Hindi PDF Download

Download PDF of हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta in Hindi from the link available below in the article, Hindi हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta PDF free or read online using the direct link given at the bottom of content.

84 Like this PDF
REPORT THIS PDF ⚐

Harchat Vrat Katha Hindi

हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप Harchat Vrat Katha हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक।

हलषष्ठी व्रत बलराम जी को समर्पित होता है। भगवान बलराम को भगवान विष्णु के 8वें अवतार के रूप में पूजा जाता है। भगवान बलराम जी की जयंती को हल षष्ठी अथवा ललाही छठ के रूप में मनाया जाता है। हरछठ व्रत एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण व विशेष फलदायी व्रत माना गया है। हरछठ को विभिन्न जगहों पर हलषष्ठी या ललही छठ जैसे अलग-अलग नामों से भी जाना जाता है। हरछठ के व्रत का पालन केवल सुहागिन स्त्रियाँ कर सकती हैं।

बलराम भगवान कृष्ण के बड़े भाई थे। भगवान बलराम को आदिशेष के अवतार के रूप में भी पूजा जाता है, जिन शेषनाग पर भगवान विष्णु विश्राम करते हैं उन्हें ही आदिशेष के नाम से भी जाना जाता है। बलराम को बलदेव, बलभद्र और हलयुध के नाम से भी जाना जाता है। इस पर्व को उत्तर भारत में Harchat Vrat Katha Hindi PDF / हरछठ व्रत कथा PDF और ललही छठ व्रत कथा PDF के नाम से भी जाना जाता है।

हलषष्ठी (ललही) छठ व्रत कथा हिंदी | Halsashti (Harchat) Vrat Katha PDF in Hindi :

प्राचीन काल में एक ग्वालिन थी। उसका प्रसवकाल अत्यंत निकट था। एक ओर वह प्रसव से व्याकुल थी तो दूसरी ओर उसका मन गौ-रस (दूध-दही) बेचने में लगा हुआ था। उसने सोचा कि यदि प्रसव हो गया तो गौ-रस यूं ही पड़ा रह जाएगा। यह सोचकर उसने दूध-दही के घड़े सिर पर रखे और बेचने के लिए चल दी किन्तु कुछ दूर पहुंचने पर उसे असहनीय प्रसव पीड़ा हुई। वह एक झरबेरी की ओट में चली गई और वहां एक बच्चे को जन्म दिया।

वह बच्चे को वहीं छोड़कर पास के गांवों में दूध-दही बेचने चली गई। संयोग से उस दिन हलषष्ठी थी। गाय-भैंस के मिश्रित दूध को केवल भैंस का दूध बताकर उसने सीधे-सादे गांव वालों में बेच दिया। उधर जिस झरबेरी के नीचे उसने बच्चे को छोड़ा था, उसके समीप ही खेत में एक किसान हल जोत रहा था। अचानक उसके बैल भड़क उठे और हल का फल शरीर में घुसने से वह बालक मर गया।

इस घटना से किसान बहुत दुखी हुआ, फिर भी उसने हिम्मत और धैर्य से काम लिया। उसने झरबेरी के कांटों से ही बच्चे के चिरे हुए पेट में टांके लगाए और उसे वहीं छोड़कर चला गया। कुछ देर बाद ग्वालिन दूध बेचकर वहां आ पहुंची। बच्चे की ऐसी दशा देखकर उसे समझते देर नहीं लगी कि यह सब उसके पाप की सजा है।

वह सोचने लगी कि यदि मैंने झूठ बोलकर गाय का दूध न बेचा होता और गांव की स्त्रियों का धर्म भ्रष्ट न किया होता तो मेरे बच्चे की यह दशा न होती। अतः मुझे लौटकर सब बातें गांव वालों को बताकर प्रायश्चित करना चाहिए।

ऐसा निश्चय कर वह उस गांव में पहुंची, जहां उसने दूध-दही बेचा था। वह गली-गली घूमकर अपनी करतूत और उसके फलस्वरूप मिले दंड का बखान करने लगी। तब स्त्रियों ने स्वधर्म रक्षार्थ और उस पर रहम खाकर उसे क्षमा कर दिया और आशीर्वाद दिया। बहुत-सी स्त्रियों द्वारा आशीर्वाद लेकर जब वह पुनः झरबेरी के नीचे पहुंची तो यह देखकर आश्चर्यचकित रह गई कि वहां उसका पुत्र जीवित अवस्था में पड़ा है।

तभी उसने स्वार्थ के लिए झूठ बोलने को ब्रह्म हत्या के समान समझा और कभी झूठ न बोलने का प्रण कर लिया।

हलछठ (हरछठ) पूजन विधि | Lalahi Chhath Puja Vidhi | Hal Shashti Puja Vidhi :

  • हलषष्ठी के दिन प्रात: काल स्नान आदि से निवृत्त होकर दीवार पर गोबर से हरछठ चित्र मनाया जाता है।
  • इसमें गणेश-लक्ष्मी, शिव-पार्वती, सूर्य-चंद्रमा, गंगा-जमुना आदि के चित्र बनाए जाते हैं।
  • इसके बाद हरछठ के पास कमल के फूल, छूल के पत्ते व हल्दी से रंगा कपड़ा भी रखें।
  • हलषष्ठी की पूजा में पसाई के चावल, महुआ व दही आदि का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
  • इस पूजा में सतनजा यानी कि सात प्रकार का भुना हुआ अनाज चढ़ाया जाता है।
  • इसमें भूने हुए गेहूं, चना, मटर, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर आदि शामिल होते हैं।
  • इसके बाद हलषष्ठी माता की कथा सुनने का भी विधान है।

Download the Harchat (Halshashthi) Pooja Vrat Kahta (हलषष्ठी व्रत कथा) PDF format using the link given below.

2nd Page of हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta PDF
हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta
PDF's Related to हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta

Download link of PDF of हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta

REPORT THISIf the purchase / download link of हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *