ऋषि पंचमी आरती Hindi
ऋषि पंचमी व्रत महिलाओं के लिए बेहद खास होता है। अगर माहवारी के समय स्त्रियों से गलती से कोई भूल हो जाती है तो उस दोष से मुक्ति पाने के लिए ऋषि पंचमी का व्रत किया जाता है। इस व्रत में सप्त-ऋषियों की पूजा-अर्चना की जाती है। ऋषि पंचमी व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन किया जाता है। सामान्यतः यह व्रत गणेश चतुर्थी के अगले दिन पड़ता है। यहां देखिए ऋषि पंचमी की आरती।
सनातन धर्म में ऋषि पंचमी व्रत का खास महत्व है। ऋषि पंचमी व्रत व्यक्ति को पाप कर्मों से मुक्ति दिलाता हैं। ऋषि पंचमी व्रत मुख्य तौर पर महिलाएं रखती है। भारत में कई स्थानों पर ऋषि पंचमी को भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत में सप्तम ऋषियों की पूजा भी की जाती है।
Rishi Panchami Aarti Lyrics in Hindi (ऋषि पंचमी आरती)
श्री हरि हर गुरु गणपति , सबहु धरि ध्यान।
मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।।
ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।
ऋषिवर पूज्य हमारे ,मुद मंगल दाता।। ॐ जय।।
द्विज कुल कमल दिवाकर , परम् न्याय कारी।
जग कल्याण करन हित, न्याय रच्यौ भारी।। ॐ जय।।
पिप्लाद सूत शिष्य आपके, सब आदर्श भये।
वेद शास्त्र दर्शन में, पूर्ण कुशल हुए।।ॐ जय।।
गुर्जर करण नरेश विनय पर तुम पुष्कर आये ।
सभी शिष्य सुतगण को, अपने संग लाये।।ॐ जय।।
अनावृष्टि के कारण संकट आन पड्यो ।
भगवान आप दया करी, सबको कष्ट हरयो।।ॐ जय।।
पुत्र प्राप्ति हेतु , भूप के यज्ञ कियो।
यज्ञ देव के आशीष से , सुत को जन्म भयो।।ॐ जय।।
भूप मनोरथ पूर्ण करके , चिंता दूर करी।
प्रेतराज पामर की , निर्मल देह करी।।ॐ जय।।
ऋषिवर अक्षपाद की आरती ,जो कोई नर गावे।
ऋषि की पूर्ण कृपा से , मनोवांछित फल पावे ।।ॐ जय।।
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