Navratri Path Book (नवरात्रि पाठ एवं कथा) - Summary
श्री दुर्गा नवरात्रि का पर्व साल में दो बार आता है एक बार चैत्र नवरात्रि और दुरसर बार शारदीय नवरात्रि। इस नवरात्रि बुक में आप पूरे 9 दिनों की कथा है जिसे आप यह से डाउनलोड कर के अपनी पूजा कर सकते हैं।
Navratri Path Book in Hindi
नवरात्रि, जो “नौ रातें” का अर्थ है, हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण पर्व है। इस दौरान पूरे भारत में शक्तियों की देवी के नौ रूपों की पूजा बड़े उत्साह के साथ की जाती है। नवरात्रि के ये नौ दिन और दस दिन विशेष रूप से माता की आराधना के लिए जाने जाते हैं। इस पर्व के अवसर पर, भक्तजन नवरात्रि पाठ को पढ़कर देवी मां की कृपा साधते हैं और उनके आशीर्वाद से अपने जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं।
नवरात्रि के दौरान देवी के नौ रूपों की कथा, पूजा विधि और आरती
इन नौ रूपों की पूजा और कथा के लिए नीचे दिए गए लिंक से PDF डाउनलोड करें। यह नवरात्रि पाठ पुस्तक न केवल आपके लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे पढ़ने से आप देवी मां की कृपा भी प्राप्त कर सकते हैं।
नवरात्रि का दूसरा दिन: मां ब्रह्मचारिणी कथा PDF
नवरात्रि का दूसरा दिन यानी चैत्र नवरात्रि की द्वितीया 30 मार्च दिन रविवार को है। इस दिन मां दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है।
नवरात्रि का तीसरा दिन: चंद्रघंटा माता कथा PDF
नवरात्रि का तीसरा दिन यानी चैत्र नवरात्रि की तृतीया 4 April दिन शनिवार को है। इस दिन मां दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरुप की पूजा होती है।
नवरात्रि का चौथा दिन: कुष्मांडा माता कथा PDF
नवरात्रि का चौथा दिन यानी चैत्र नवरात्रि की चतुर्थी 5 April दिन रविवार को है। इस दिन कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है।
नवरात्रि का पांचवा दिन: स्कन्दमाता माता कथा PDF
नवरात्रि का पांचवा दिन यानी चैत्र नवरात्रि की पंचमी 6 April दिन सोमवार को है। पंचमी के दिन मां स्कन्दमाता की पूजा होती है। भगवान कार्तिकेय को स्कन्दकुमार भी कहा जाता है। इसे लक्ष्मी पंचमी के नाम से भी जाना जाता है।
नवरात्रि का छठा दिन: कात्यायनी माता कथा PDF
चैत्र नवरात्रि का छठा दिन यानी चैत्र नवरात्रि की षष्ठी 7 April दिन मंगलवार को है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा होती है।
नवरात्रि का सातवां दिन: कालरात्रि माता कथा PDF
नवरात्रि का सातवां दिन यानी चैत्र नवरात्रि की सप्तमी 8 April दिन बुधवार को है। इसे महासप्तमी भी कहते हैं। इस दिन मां कालरात्रि की पूजा की जाती है।
नवरात्रि का आठवां दिन: महागौरी माता कथा PDF
नवरात्रि का आठवां दिन यानी नवरात्रि की महाष्टमी या दुर्गा अष्टमी 9 April दिन गुरुवार को है। दुर्गा अष्टमी के दिन मां दुर्गा के महागौरी स्वरुप की पूजा होती है।
नवरात्रि का नौवां दिन: राम नवमी/ सिद्धिदात्री माता कथा
नवरात्रि का नौवां दिन या राम नवमी 10 April दिन शुक्रवार को है। इस दिन त्रेतायुग में श्रीराम अयोध्या में राजा दशरथ के घर जन्मे थे। इस वजह से इस दिन को राम नवमी कहा जाता है। राम नवमी के दिन व्रत रखते हुए श्री राम की पूजा की जाती है।
श्री दुर्गा नवरात्रि की कथा
लंका-युद्ध में, ब्रह्माजी ने श्रीराम से रावण वध के लिए चंडी देवी का पूजन करने का कहा। उन्होंने देवी को प्रसन्न करने के लिए चंडी पूजन और हवन के लिए दुर्लभ एक सौ आठ नीलकमल की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। रावण ने भी अमरता पाने के लिए चंडी पाठ प्रारंभ किया। यह बात इंद्र देव ने पवन देव के माध्यम से श्रीराम को बताई और सलाह दी कि चंडी पाठ को पूरा होने दिया जाए। पूजा स्थल से एक नीलकमल गायब हो गया, जिससे राम का संकल्प टूटता-सा नजर आने लगा। देवी माँ के रुष्ट होने का डर था। दुर्लभ नीलकमल की व्यवस्था करना जल्दी में असंभव था। तब भगवान राम ने सोचा कि लोग उन्हें ‘कमलनयन नवकंच लोचन’ कहते हैं, इसलिए उन्होंने अपनी आंख अर्पित करने का निर्णय लिया। जैसे ही प्रभु राम ने एक बाण निकालने के लिए अपने तूणीर में हाथ बढ़ाया, देवी प्रकट हुईं और कहा- “राम, मैं प्रसन्न हूँ,” और विजय का आशीर्वाद दिया।
इस बीच, रावण के चंडी पाठ कर रहे ब्राह्मणों की सेवा के लिए हनुमानजी बालक का रूप धारण कर वहाँ पहुंचे। उनकी निःस्वार्थ सेवा देखकर ब्राह्मणों ने हनुमानजी से वर माँगने के लिए कहा। हनुमानजी ने विनम्रता से कहा- “प्रभु, यदि आप प्रसन्न हैं, तो यज्ञ के मंत्र का एक अक्षर मेरे कहने से बदल दीजिए।” ब्राह्मणों ने यह नहीं समझा और ‘तथास्तु’ कह दिया। उन्होंने मंत्र में ‘ह’ के स्थान पर ‘क’ उच्चारित करने की इच्छा प्रकट की। यह सुनकर देवी रुष्ट हो गईं और रावण का सर्वनाश करवा दिया। हनुमानजी महाराज ने मंत्र में ‘ह’ की जगह ‘क’ करवाकर रावण के यज्ञ की दिशा ही बदल दी।
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