Laddu Gopal Ji Ki Aarti - Summary
भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा, जिसे लड्डू गोपाल जी की पूजा कहते हैं, से व्यक्ति को संतान सुख प्राप्त होता है। सुबह के ब्रह्म मुहूर्त में नहा-धोकर, लड्डू गोपाल जी को प्यार से उठाना चाहिए। उन्हें पानी पिलाकर “राधे राधे” कहें और फिर साफ वस्त्र पहनाएं। इसके बाद, चंदन का तिलक करके उन्हें खुशबू लगाएं, फिर फूल चढ़ाएं और धूप जलाकर उनकी पूजा करें।
लड्डू गोपाल जी की आरती का महत्व
भगवान की आरती करते समय दीपक को घुमाने का तरीका और संख्या पर ध्यान देना आवश्यक है। आरती भगवान के चरणों से शुरू होनी चाहिए। आरती करते समय चार बार दीपक को सीधी दिशा में घुमाएं। उसके बाद, भगवान के नाभि के पास दो बार और सात बार भगवान के मुख की आरती करें।
(लड्डू गोपाल आरती हिन्दी में) Laddu Gopal Ji Ki Aarti Lyrics
आरती बाल कृष्ण की कीजै ।
अपना जन्म सफल कर लीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
श्री यशोदा का परम दुलारा ।
बाबा के अँखियन का तारा ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
गोपियन के प्राणन से प्यारा ।
इन पर प्राण न्योछावर कीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
बलदाऊ के छोटे भैया ।
कनुआ कहि कहि बोले मैया ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
परम मुदित मन लेत बलैया ।
अपना सरबस इनको दीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
श्री राधावर कृष्ण कन्हैया ।
ब्रज जन को नवनीत खवैया ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
देखत ही मन लेत चुरैया ।
यह छवि नैनन में भरि लीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
तोतली बोलन मधुर सुहावै ।
सखन संग खेलत सुख पावै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
सोई सुक्ति जो इनको ध्यावे ।
अब इनको अपना करि लीजै ॥
आरती बाल कृष्ण की कीजै…
॥ इति श्री लड्डू गोपाल आरती संपूर्णम् ॥
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