हनुमान रक्षा स्तोत्र – Hanuman Raksha Stotram Sanskrit PDF

हनुमान रक्षा स्तोत्र – Hanuman Raksha Stotram in Sanskrit PDF download free from the direct link below.

हनुमान रक्षा स्तोत्र – Hanuman Raksha Stotram - Summary

नमस्कार दोस्तों! आज हम सभी भक्तों के लिए हनुमान रक्षा स्तोत्र PDF साझा कर रहे हैं, जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। अगर आप हनुमान रक्षा स्तोत्र संस्कृत में PDF फॉर्मेट में खोज रहे हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। नीचे दिए गए लिंक से इस दिव्य स्तोत्र को तुरंत डाउनलोड करें। हनुमान रक्षा स्तोत्र भगवान हनुमान को समर्पित एक विशेष स्तोत्र है, जिसके पाठ से आप उन्हें प्रसन्न कर सकते हैं।

हनुमान रक्षा स्तोत्र – Hanuman Raksha Stotram

हनुमान रक्षा स्तोत्र का नियमित पाठ आपके जीवन में सभी बाधाओं को दूर करने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही, हनुमान चालीसा का पाठ भी बड़े से बड़े भय को मिटाने में सहायक होता है। पुराणों के अनुसार, इस धरती पर वे सात मनीषी अमरत्व का वरदान प्राप्त कर चुके हैं, जिनमें भगवान बजरंगबली का नाम भी शामिल है।

हनुमान, माता अंजनी और पवन देवता के पुत्र हैं, जिनकी जीवनगाथाएँ पराक्रम और भगवान श्रीराम के प्रति अटूट निष्ठा से भरी हुई हैं। हनुमान जी अपने भक्तों की सदैव रक्षा करते हैं और हर संकट से निपटने की अद्भुत क्षमता रखते हैं। 🌟

हनुमान रक्षा स्तोत्र – Hanuman Raksha Stotram Lyrics

वामे करे वैरिभिदं वहन्तं शैलं परे श‍ृङ्खलहारटङ्कम् ।
ददानमच्छाच्छसुवर्णवर्णं भजे ज्वलत्कुण्डलमाञ्जनेयम् ॥ १॥

पद्मरागमणिकुण्डलत्विषा पाटलीकृतकपोलमस्तकम् ।
दिव्यहेमकदलीवनान्तरे भावयामि पवमाननन्दनम् ॥ २॥

उद्यदादित्यसङ्काशमुदारभुजविक्रमम् ।
कन्दर्पकोटिलावण्यं सर्वविद्याविशारदम् ॥ ३॥

श्रीरामहृदयानन्दं भक्तकल्पमहीरुहम् ।
अभयं वरदं दोर्भ्यां कलये मारुतात्मजम् ॥ ४॥

वामहस्ते महाकृッチ्रदशास्यकरमर्दनम् ।
उद्यद्वीक्षणकोदण्डं हनूमन्तं विचिन्तयेत् ॥ ५॥

स्फटिकाभं स्वर्णकान्तिं द्विभुजं च कृताञ्जलिम् ।
कुण्डलद्वयसंशोभिमुखाम्भोजं हरिं भजे ॥ ६॥

श्री हनुमान जी आरती – Shri Hanuman Aarti Lyrics

आरती कीजै हनुमान लला की।दुष्ट दलन रघुनाथ कला की॥
जाके बल से गिरिवर कांपे।रोग दोष जाके निकट न झांके॥

अंजनि पुत्र महा बलदाई।सन्तन के प्रभु सदा सहाई॥
दे बीरा रघुनाथ पठाए।लंका जारि सिया सुधि लाए॥

लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥
लंका जारि असुर संहारे।सियारामजी के काज सवारे॥

लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।आनि संजीवन प्राण उबारे॥
पैठि पाताल तोरि जम-कारे।अहिरावण की भुजा उखारे॥

बाएं भुजा असुरदल मारे।दाहिने भुजा संतजन तारे॥
सुर नर मुनि आरती उतारें।जय जय जय हनुमान उचारें॥

कंचन थार कपूर लौ छाई।आरती करत अंजना माई॥
जो हनुमानजी की आरती गावे।बसि बैकुण्ठ परम पद पावे॥

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके हनुमान रक्षा स्तोत्र PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।

RELATED PDF FILES

हनुमान रक्षा स्तोत्र – Hanuman Raksha Stotram Sanskrit PDF Download