गणपति की सेवा मंगल मेवा आरती | Ganpati Ji Ki Seva Mangal Meva Aarti Hindi

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गणपति की सेवा मंगल मेवा आरती | Ganpati Ji Ki Seva Mangal Meva Aarti Hindi

गणपति की सेवा मंगल मेवा आरती (Ganpati Ji Ki Seva Mangal Meva Aarti PDF) यह सबसे लोकप्रिय आरती में से एक है जो भगवान गणपति जी को समर्पित है। गणेश भगवान की पूजा मुख्य त्योहार के रूप में गणेश चतुर्थी के दिन की जाती है शिव पुराण के अनुसार गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को शुरू होता है जबकि गणेश पुराण में यहां भाद्रपद शुक्ल चतुर्थी को शुरू होता है।

गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है तथा इसे पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है किंतु महाराष्ट्र में इसे सबसे बड़े पैमाने पर मनाया जाता है गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणपति जी की बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है।

गणपति जी की सेवा मंगल मेवा आरती पीडीएफ़ | Ganpati Ji Ki Seva Mangal Meva Aarti Lyrics in Hindi

गणपति की सेवा मंगल मेवा, सेवा से सब विघ्न टरैं।

तीन लोक के सकल देवता, द्वार खड़े नित अर्ज करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

रिद्धि-सिद्धि दक्षिण वाम विराजें, अरु आनन्द सों चमर करैं।

धूप-दीप अरू लिए आरती भक्त खड़े जयकार करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

गुड़ के मोदक भोग लगत हैं मूषक वाहन चढ्या सरैं।

सौम्य रूप को देख गणपति के विघ्न भाग जा दूर परैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

भादो मास अरु शुक्ल चतुर्थी दिन दोपारा दूर परैं।

लियो जन्म गणपति प्रभु जी दुर्गा मन आनन्द भरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

अद्भुत बाजा बजा इन्द्र का देव बंधु सब गान करैं।

श्री शंकर के आनन्द उपज्या नाम सुन्यो सब विघ्न टरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

आनि विधाता बैठे आसन, इन्द्र अप्सरा नृत्य करैं।

देख वेद ब्रह्मा जी जाको विघ्न विनाशक नाम धरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

एकदन्त गजवदन विनायक त्रिनयन रूप अनूप धरैं।

पगथंभा सा उदर पुष्ट है देव चन्द्रमा हास्य करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

दे शराप श्री चन्द्रदेव को कलाहीन तत्काल करैं।

चौदह लोक में फिरें गणपति तीन लोक में राज्य करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

उठि प्रभात जप करैं ध्यान कोई ताके कारज सर्व सरैं।

पूजा काल आरती गावैं ताके शिर यश छत्र फिरैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

गणपति की पूजा पहले करने से काम सभी निर्विघ्न सरैं।

सभी भक्त गणपति जी के हाथ जोड़कर स्तुति करैं॥

गणपति की सेवा मंगल मेवा…।

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