Bhadra Lakshmi Stotram - Summary
भद्र लक्ष्मी स्तोत्रम देवी भद्र लक्ष्मी को समर्पित एक प्रतिष्ठित भजन या प्रार्थना है, जो हिंदू देवी लक्ष्मी का एक रूप है। इसे पाठ करने से शुभता, समृद्धि और प्रचुरता प्राप्त होने की मान्यता है। भक्त इसे मन से पढ़कर देवी भद्र लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने और उनकी दिव्य कृपा और सुरक्षा का आह्वान करते हैं।
भद्र लक्ष्मी स्तोत्रम का पाठ करने से हमारे जीवन में खुशियाँ और सुख समृद्धि आती हैं। यह एक महत्वपूर्ण सामग्री है जो हमें देवी भद्र लक्ष्मी के प्रति अपनी भक्ति को दर्शाने का अवसर देती है। भक्त इस स्तोत्र में देवी के गुणों की स्तुति करते हैं और उनके आशीर्वाद की कामना करते हैं।
Importance of Bhadra Lakshmi Stotram
यद्यपि भद्र लक्ष्मी स्तोत्रम के विशिष्ट छंद भिन्न हो सकते हैं, प्रार्थना का सार देवी भद्र लक्ष्मी के गुणों और लक्षणों की महिमा करना है। भक्त सौहार्दपूर्ण और समृद्ध जीवन के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं। यह स्तोत्र हमें सकारात्मकता और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
Bhadra Lakshmi Stotram (भद्र लक्ष्मी स्तोत्रम)
श्रीदेवी प्रथमं नाम द्वितीयममृतोद्भवा ।
तृतीयं कमला प्रोक्ता चतुर्थं लोकसुन्दरी ॥ १ ॥
पञ्चमं विष्णुपत्नीति षष्ठं श्रीवैष्णवीति च ।
सप्तमं तु वरारोहा अष्टमं हरिवल्लभा ॥ २ ॥
नवमं शार्ङ्गिणी प्रोक्ता दशमं देवदेविका ।
एकादशं महालक्ष्मिः द्वादशं लोकसुन्दरी ॥ ३ ॥
श्रीः पद्म कमला मुकुन्दमहिषी लक्ष्मीस्त्रिलोकेश्वरी ।
मा क्षीराब्धि सुताऽरविन्दजननी विद्या सरोजात्मिका ॥ ४ ॥
सर्वाभीष्टफलप्रदेति सततं नामानि ये द्वादशा ।
प्रातः शुद्धतराः पठन्ति सततं सर्वान् लभन्ते शुभान् ॥ ५ ॥
भद्रलक्ष्मी स्तवं नित्यं पुण्यमेतच्छुभावहं ।
काले स्नात्वापि कावेर्यां जप श्रीवृक्षसन्निधौ ॥ ६ ॥
इति श्री भद्रलक्ष्मी स्तोत्रम् ॥
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