Rudrashtadhyayi – सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्यायी पाठ Hindi PDF

Rudrashtadhyayi – सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्यायी पाठ in Hindi PDF download free from the direct link below.

Rudrashtadhyayi – सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्यायी पाठ - Summary

रुद्राष्टाध्यायी – सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्यायी पाठ

रुद्राष्टाध्यायी, जिसे शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी भी कहा जाता है, का महत्व विशेष है। इसमें भगवान शिव की पूजा का एक अद्वितीय तरीका है, जिसमें मुख्य रूप से आठ अध्यायों का समावेश है। रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से आठ अध्याय सबसे महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसलिए रुद्राष्टाध्यायी को समझना हर शिव भक्त के लिए जरूरी है। रुद्राष्टाध्यायी यजुर्वेद का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, और वेदों को सर्वोत्तम ग्रंथ माना गया है।

रुद्राष्टाध्यायी का महत्व

रुद्राष्टाध्यायी का अर्थ है कि यह रुद्र (शिव) के बारे में है और इसमें आठ अध्याय शामिल हैं। वेद शिव के ही अंश हैं। हम सभी जानते हैं कि वेदों से पूजा, यज्ञ, और अभिषेक होते हैं। हिंदू संस्कृति में वेदों का बहुत महत्व है, और कहा जाता है, “वेद: शिव: शिवो वेद:” इससे यह सिद्ध होता है कि वेद और शिव एक हैं।

भगवान शिव और भगवान विष्णु को भी एक रूप में देखा जाता है। इन्हें हरिहर कहा जाता है, जिसमें हरि का मतलब नारायण (विष्णु) और हर का मतलब महादेव (शिव) है। यह भारतीय संस्कृति में उनके संबंध को दर्शाता है। रुद्र का अर्थ है वह जो दुःखों को नष्ट करता है। यही कारण है कि रुद्राष्टाध्यायी का पाठ विशेष फलदायी माना जाता है।

रुद्राष्टाध्यायी की रचना

रुद्राष्टाध्यायी में कुल दस अध्याय होते हैं, जहां पहले आठ अध्यायों में शिव की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया है। यह शुक्लयजुर्वेद का एक अनमोल हिस्सा है। इसमें अनेक महत्वपूर्ण श्लोक और सूक्त शामिल हैं, जो शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए आवश्यक हैं।

इसमें सबसे पहले गणेशावाहन मंत्र है, जो प्रथम अध्याय का हिस्सा है। इसके बाद द्वितीय अध्याय में 22 वैदिक श्लोक शामिल हैं, जिनमें पुरुसुक्त का उल्लेख है।

श्लोकों की संख्या इस प्रकार है:

  1. प्रथम अध्याय                 = 10 श्लोक
  2. द्वितीय अध्याय               = 22 श्लोक
  3. तृतीय अध्याय                = 17 श्लोक
  4. चतुर्थ अध्याय                 = 17 श्लोक
  5. पंचम अध्याय                  = 66 श्लोक
  6. षष्ठम अध्याय                  = 8 श्लोक
  7. सप्तम अध्याय                 = 7 श्लोक
  8. अष्टम अध्याय                 = 29 श्लोक
  9. शान्त्यध्याय:                  = 24 श्लोक
  10. स्वस्तिप्रार्थनामंत्राध्याय:  = 13 श्लोक

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके (रुद्राष्टाध्यायी) Rudrashtadhyayi PDF डाउनलोड कर सकते हैं।

RELATED PDF FILES

Rudrashtadhyayi – सम्पूर्ण रुद्राष्टाध्यायी पाठ Hindi PDF Download