विजया एकादशी व्रत कथा | Vijaya Ekadashi Vrat Katha PDF Hindi

विजया एकादशी व्रत कथा | Vijaya Ekadashi Vrat Katha Hindi PDF Download

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विजया एकादशी व्रत कथा | Vijaya Ekadashi Vrat Katha Hindi PDF

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फाल्गुन कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। यह माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से व्यक्ति को हर काम में विजय प्राप्त होती है चाहे कोई काम कई वर्षों से ही क्यू ना अटका हुआ हो।

ऐसी मान्यता है भगवान श्री राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए इसी दिन समुद्र किनारे पूजा की थी। पौराणिक कथाओं अनुसार वकदालभ्य ऋषि ने ही भगवान राम से सेनापतियों के साथ विजया एकादशी व्रत रखने के लिए कहा था। इसलिए विजया एकादशी के दिन इस कथा को जरूर पढ़ना चाहिए।

इसलिए अगर आपका भी कोई कार्य रुका हुआ है और उसमें बार-बार अड़चन आती है तो आप भी विजया एकादशी का व्रत कर सकते हैं इससे संबंधित जानकारी आपको PDF में मिल जाएगी।

विजया एकादशी का व्रत विधि

  • एकादशी के दिन स्नानादि करें ।
  • स्नानादि से निवृत्त होकर धूप, दीप, नैवेद्य, नारियल आदि से भगवान श्रीहरि का पूजन करें ।
  • वह सारा दिन भक्तिपूर्वक कलश के सामने व्यतीत करें ।
  • रात को भी उसी तरह बैठे रहकर जागरण करें ।
  • द्वादशी के दिन नदी या बालाब के किनारे स्नान आदि से निवृत्त होकर उस कलश को ब्राह्मण को दे दें ।

विजया एकादशी व्रत कथा | Vijaya Ekadashi Vrat Katha PDF

इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं भी हैं। द्वापर युग में धर्मराज युद्धिष्ठिर ने फाल्गुन एकादशी का महत्व जानना चाहा। उन्होने अपनी इच्छा भगवान श्री कृष्ण के सामने प्रकट की। श्रीकृष्ण ने व्रत के बारे में विस्तार से बताया। भगवान वासुदेव ने कहा कि इस व्रत के बारे में भगवान ब्रह्मा ने सबसे पहले नारद को बताया था। उसके बाद त्रेता में भगवान श्रीराम ने यह व्रत किया। वह उस लंका पर चढ़ाई करने के लिए समुद्र के किनारे पहुंचे थे। विशाल सागर को सेना सहित पार करना मुश्किल दिख रहा था। ……………..
पूरी कथा पढ़ने के लिए PDF डोनलाओड़ करें ।

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