Surya Pratah Smaran Stotram Hindi PDF
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श्री सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्रम् का रोजाना पाठ पाठ करने से सूर्य ग्रह को मजबूत बनाया जा सकता हैं। यदि कुंडली में सूर्य ग्रह अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो भी रोजाना Shri Surya Pratah Smaran Stotram PDF का पाठ करने से सूर्य ग्रह की शांति की जा सकती हैं। सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्र सूर्यदेव को समर्पित एक ऐसा स्तोत्र है, जिसका पाठ प्रातः सूर्योदय के समय किया जाता है। सूर्यदेव का स्मरण प्रातःकाल करने से पूरा दिन ऊर्जा से भरा व फलदायी रहते है। सूर्यदेव का यह स्तोत्र बहुत शीघ्र असर दिखाता है।
यदि आप भी अपना हर दिन ऊर्जा से भरा व आनदपूर्वक बिताना चाहते हैं, तो नित्य प्रतिदिन इस दिव्य सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्र का पाठ अवश्य करें।हमने अपने प्यारे पाठकों के लिए, सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्र pdf बनाकर नीचे दी हुयी है, जिसे आप नीचे दिए हुए डाउनलोड लिंक पर क्लिक करके प्राप्त कर सकते हैं। आप इस को डाउनलोड करके प्रतिदिन पूर्ण विधि – विधान से इसका पाठ करें व अपने जीवन में होने वाले परिवर्तन का अनुभव करें।
श्री सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्रम् PDF | Shri Surya Pratah Smaran Stotram PDF
प्रातः स्मरामि खलु तत्सवितुर्वरेण्यं
रूपं हि मंडलमृचोऽथ तनुर्यजूंषि।
सामानि यस्य किरणाः प्रभवादिहेतुं
ब्रह्माहरात्मकमलक्ष्यमचिन्त्यरूपम्॥
प्रातर्नमामि तरणिं तनुवाङ्मनोभि-
र्ब्रह्मेन्द्रपूर्वकसुरैर्नुतमर्चितं च।
वृष्टिप्रमोचनविनिग्रहहेतुभूतं
त्रैलोक्यपालनपरं त्रिगुणात्मकं च॥
प्रातर्भजामि सवितारमन्तशक्तिं
तं सर्वलोककलनात्मककालमूर्तिं
गोकण्ठबंधनविमचोनमादिदेवम्॥
श्लोकत्रयमिदं भानोः प्रातः प्रातः पठेत् तु यः।
स सर्वव्याधिनिर्मुक्तः परं सुखमवाप्नुयात्॥
श्री सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्रम् अनुवाद हिन्दी में
मैं सूर्य भगवान के उस श्रेष्ठ रूप का प्रातः समय स्मरण करता हूं, जिसका मंडल ऋग्वेद है, तनु यजुर्वेद है और किरणें सामवेद हैं तथा जो ब्रह्मा का दिन है, जगत की उत्पत्ति, रक्षा और नाश का कारण है तथा अलक्ष्य और अचिंत्यस्वरूप है।
मैं प्रातः समय शरीर, वाणी और मन के द्वारा ब्रह्मा, इन्द्र आदि देवताओं से स्तुत और पूजित, वृष्टि के कारण एवं अवृष्टि के हेतु, तीनों लोकों के पालन में तत्पर और सत्व आदि त्रिगुण रूप धारण करने वाले तरणि (सूर्य भगवान) को नमस्कार करता हूं।
जो पापों के समूह तथा शत्रुजनित भय एवं रोगों का नाश करनेवाले हैं, सबसे उत्कृष्ट हैं, संपूर्ण लोकों के समय की गणना के निमित्त भूतकाल स्वरूप हैं और गौओं के कण्ठबंधन छुड़ाने वाले हैं, उन अनंत शक्ति आदिदेव सविता (सूर्य भगवान) का मैं प्रातःकाल भजन-कीर्तन करता हूं।’ जो मनुष्य प्रतिदिन प्रातःकाल सूर्य के स्मरणरूप इन तीनों श्लोकों का पाठ करता है, वह सब रोगों से मुक्त होकर परम सुख प्राप्त कर सकता है।
सूर्य प्रातः स्मरण स्तोत्रम के पाठ से होने वाले लाभ | Surya Pratah Smaran Stotram Benefits :
- इस स्तोत्र के पाठ से सूर्यदेव की कृपा होती है।
- सुबह – सुबह इस स्तोत्र का पाठ करके घर से निकलने पर काम बनता है।
- इस स्तोत्र के प्रभाव से आपके अंदर पूरे दिन ऊर्जा भरी रहती है।
- सूर्य की महादशा व अंतरदशा में लाभ होता है।
- यह स्तोत्र कई प्रकार के रोगों से रक्षा करता है।
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