पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa Hindi

❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa Hindi

पार्वती माता को आदिशक्ति कहा जाता है। मान्यता के अनुसार काली, दुर्गा, अन्नपूर्णा, गौरा सब देवी पार्वती का ही रूप हैं। विवाहित स्त्रियाँ शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन के लिए देवी पार्वती का पूजन करती हैं तथा अविवाहित स्त्रियाँ अनुकूल वर की प्राप्ति हेतु देवी पार्वती की पूजा – आराधना करती हैं।

पार्वती चालीसा का पाठ अत्यधिक सरल व प्रभावशाली हैं। यदि आप पूर्ण श्रद्धाभाव से श्री पार्वती चालीसा का प्रतिदिन पाठ करते हैं, तो देवी पार्वती शीघ्र ही प्रसन्न होकर आपके मनोरथ पूर्ण करती हैं। पार्वती जी बहुत दयालु हैं यदि व्यक्ति अपनी गलतियों के लिए सच्चे मन से आराधना करें तो वह तुरंत क्षमा कर देती हैं।

पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa Lyrics in Hindi

।।दोहा।।

जय गिरि तनये दक्षजे शंभु प्रिये गुणखानि ।

गणपति जननी पार्वती अम्बे ! शक्ति ! भवानि ।।

।।चौपाई।।

ब्रह्मा भेद न तुम्हरो पावे । पंच बदन नित तुमको ध्यावे ।।

षड्मुख कहि न सकत यश तेरो । सहसबदन श्रम करत घनेरो ।।

तेऊ पार न पावत माता । स्थित रक्षा लय हित सजाता ।।

अधर प्रवाल सदृश अरुणारे । अति कमनीय नयन कजरारे ।।

ललित ललाट विलेपित केशर । कुंकुम अक्षत शोभा मनहर ।।

कनक बसन कंचुकी सजाए । कटि मेखला दिव्य लहराए ।।

कंठ मदार हार की शोभा । जाहि देखि सहजहि मन लोभा ।।

बालारुण अनंत छबि धारी । आभूषण की शोभा प्यारी ।।

नाना जड़ित सिंहासन । तापर राजति हरि चतुरानन ।।

इंद्रादिक परिवार पूजित । जग मृग नाग रक्ष रव कूजित ।।

गिर कैलास निवासिनी जय जय । कोटिक प्रभा विकासिन जय जय ।।

त्रिभुवन सकल कुटुम्ब तिहारी । अणु अणु महं तुम्हारी उजियारी ।।

हैं महेश प्राणेश ! तुम्हारे । त्रिभुवन के जो नित रखवारे ।।

उनसो पति तुम प्राप्त कीन्ह जब । सुकृत पुरातन उदित भए तब ।।

बूढ़ा बैल सवारी जिनकी । महिमा का गावै कोउ तिनकी ।।

सदा श्मशान बिहारी शंकर । आभूषण है भुजंग भयंकर ।।

कण्ठ हलाहल को छबि छाई । नीलकंठ की पदवी पाई ।।

देव मगन के हित अस कीन्हों । विष लै आरपु तिनहि अमि दीन्हों ।।

ताकी तुम पत्नी छवि धारिणि । दूरित विदारिणि मंगल कारिणि ।।

देखि परम सौंदर्य तिहारो । त्रिभुवन चकित बनावन हारो ।।

भय भीता सो माता गंगा । लज्जा मय है सलिल तरंगा ।।

सौत समान शम्भु पहआयी । विष्णु पदाब्ज छोड़ि सो धायी ।।

तेहिकों कमल बदन मुरझायो । लखि सत्वर शिव शीश चढ़ायो ।।

नित्यानंद करी बरदायिनी । अभय भक्त कर नित अनपायिनी ।।

अखिल पाप त्रयताप निकन्दिनि । माहेश्वरी हिमालय नंदिनि ।।

काशी पुरी सदा मन भायी । सिद्ध पीठ तेहि आपु बनायी ।।

भगवती प्रतिदिन भिक्षा दात्री । कृपा प्रमोद सनेह विधात्री ।।

रिपुक्षय कारिणि जय जय अम्बे । वाचा सिद्ध करि अवलम्बे ।।

गौरी उमा शंकरी काली । अन्नपूर्णा जग प्रतिपाली ।।

सब जन की ईश्वरी भगवती । प्रतिप्राणा परमेश्वरी सती ।।

तुमने कठिन तपस्या कीनी । नारद सों जब शिक्षा लीनी ।।

अन्न न नीर न वायु अहारा । अस्थि मात्रतन भयौ तुम्हारा ।।

पत्र गहस को खाद्य न भायउ । उमा नाम तब तुमने पायउ ।।

तप बिलोकि रिषि सात पधारे । लगे डिगावन डिगी न हारे ।।

तब तव जय जय जय उच्चारेउ । सप्तरिषी निज गेह सिधारेउ ।।

सुर विधि विष्णु पास तब आए । वर देने के वचन सुनाए ।।

मांगे उमा वर पति तुम तिनसों । चाहत जग त्रिभुवन निधि जिनसों ।।

एवमस्तु कहि ते दोऊ गए । सुफल मनोरथ तुमने लए ।।

करि विवाह शिव सों हे भामा । पुन: कहाई हर की बामा ।।

जो पढ़िहै जन यह चालीसा । धन जन सुख देइहै तेहि ईसा ।।

।।दोहा।।

कूट चंद्रिका सुभग शिर जयति जयति सुख खानि ।

पार्वती निज भक्त हित रहहु सदा वरदानि ।।

श्री पार्वती जी की आरती

जय पार्वती माता, जय पार्वती माता,

ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता ।

अरिकुलपद्म विनासनी जय सेवकत्राता,

जगजीवन जगदंबा हरिहर गुण गाता ।

सिंह का वाहन साजे कुंडल हैं साथा,

देवबंधु जस गावत नृत्य करत ता था ।

सतयुग रूप शील अति सुंदर नाम सती कहलाता,

हेमांचल घर जन्मी सखियन संग राता ।

शुम्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्थाता,

सहस्त्र भुज तनु धरिके चक्र लियो हाथा ।

सृष्टि रूप तुही है जननी शिवसंग रंगराता,

नंदी भृंगी बीन लही है हाथन मदमाता ।
देवन अरज करत तव चित को लाता,

गावत दे दे ताली मन में रंगराता ।

श्री “ओम” आरती मैया की जो कोई गाता,

सदा सुखी नित रहता सुख सम्पत्ति पाता ।।

पार्वती चालीसा का महत्व

पार्वती चालीसा का पाठ करने से सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है।पार्वती माता की कृपा से सिद्धि-बुद्धि,धन-बल और ज्ञान-विवेक की प्राप्ति होती है। पार्वती माता के प्रभाव से इंसान धनी बनता है, वो तरक्की करता है। वो हर तरह के सुख का भागीदार बनता है, उसे कष्ट नहीं होता। पार्वती माता की कृपा मात्र से ही इंसान सारी तकलीफों से दूर हो जाता है और वो तेजस्वी बनता है।

पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa in Hindi PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।

2nd Page of पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa PDF
पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa

पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa PDF Free Download

1 more PDF files related to पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa

Parvati Chalisa PDF

Parvati Chalisa PDF

Size: 0.27 | Pages: 3 | Source(s)/Credits: bhrmfjblog.files.wordpress.com | Language: Hindi

Parvati Chalisa PDF download using the link given below.

Added on 28 Feb, 2022 by Pradeep (13.233.164.178)

REPORT THISIf the purchase / download link of पार्वती चालीसा | Parvati Chalisa PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES