निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) Hindi

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Nilavanti Granth Free Hindi

निळावंती ग्रंथ (Nilavanti Granth) एक ऐसा ग्रंथ था जिसे पढ़ने से मनुष्य कल का ज्ञाता बन जाता था। निळावंती ग्रंथ एक अनसुलझा रहस्य है जिसको मनुष्य को अब तक उसको सुलझा नहीं पाए। कहा जाता है की निळावंती ग्रंथ का उपयोग पशु पक्षी भाषा को समझने का ज्ञान मिलता है।

निळावंती ग्रंथ में दिया गया मंत्र सिद्ध हो जाए तो आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है लेकिन इस ज्ञान को प्राप्त करना और समझना बहुत कठिन कार्य है। इस पोस्ट में आप बड़ी आसानी से (Nilavanti Granth PDF in Hindi) निलावन्ती ग्रन्थ पीडीएफ हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं। यह दुनिया की इकलौती किताब है कि इसमें दे गए मंत्र को सिद्ध करके आप दुनिया पर भी राज कर सकते हैं | लेकिन कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि अगर आप ऐसा करने से सफल नहीं होते हैं तो आप याद पागल हो सकते हो या आप मर सकते हो या आप सताई तंत्र-मंत्र के रास्ते पर जा सकते हैं । निळावंती ग्रंथ हिंदी पीडीएफ गई है।

(Nilavanti Granth) निलावंती एक श्रापित ग्रंथ की पूरी कहानी-

निलवंती ग्रंथ पढ़ने से मनुष्य काल का ज्ञाता बन जाता था। ना जाने कितने ही लोग उसे खोजते हुए मृत्युपंथ को लग गये जो लोग काल का ग्रास बन गये उन सब में एक समानता थी की वे उस ग्रंथ का हेतु अथवा उपयोग ही जानते थे। असल मे किसीको भी उस ग्रंथ का ठिकाना मालुम नही था। सभी ने अपने अपने तरीके से उसे खोजने मे अपनी जिंदगी लगा दी थी पर कामयाब एक भी न हुआ था।

काल पर नियंत्रण रखने की चाह उतनी ही पुरानी है जितनी मनुष्य को काल की समझ है। जब मनुष्य ने काल के रहस्य को जान लिया है तब से वह उसपर नियंत्रण रखने की उसके साथ आगे-पीछे सफर करने की ख्वाईश पाले हुए है। वास्तव में काल जिसको समय कहा जाता है बहुत पेचीदा चीज है। उसके साथ थोडी सी छेडछाड इतिहास बदल देती है। लेकीन यह सच है की अगर आप वह कर पाये तो आप वह कर ही नहीं पायेंगे क्योंकी आप समय में पीछे गये और आपने कुछ घटनायें बदल दी तो आगे का पुरा इतिहास बदल जायेगा और इतिहास के साथ आप भी, मतलब आप इतिहास बदलने के लिये गये यह परिस्थिती ही उत्पन्न नही होगी इसका सीधा अर्थ यह है की आपने समय बदला ही नही मतलब इतिहास वैसा का वैसा ही है। इसि जगह उस ग्रंथ का काम शुरू होता है लोग खुद समय बदलने की सोचते है लेकीन यह ग्रंथ पढनेवाले को यह ताकत देता है की वह चाहे जिसके माध्यम से समय को बदलवा सकते है। उसे वह शक्ती प्राप्त होती है जिससे वह दुसरे का इतिहास बदल सके। लेकीन यह सब सुनी सुनाई बाते है आज तक किसीने अपनी आँखो से उस ग्रंथ को नही देखा सिर्फ उसका नाम और उसके कारनामे सुने है उस ग्रंथ का नाम है “नीळावंती” महाराष्ट्र के किसी भी गाव मे जाकर आप किसी बुढे को पुछेंगे तो वह अवश्य आपको नीळावंती के बारे मे बतायेगा और साथ मे यह चेतावनी भी की उसके पढ़ने से पढनेवाले का वंश नष्ट हो जायेगा। सबसे महत्वपुर्ण बात यह ग्रंथ पढने से पढने वाले को पशु पक्षीयों की भाषा समझने लगती है।

तांत्रिको मे यह हमेशा से माना जाता रहा है की पशु-पक्षीयों का समय मनुष्यों के समय से अलग तरह से चलता है। मनुष्यो के लिये जो काल एक दिन का होता है वही चींटीयों के लिये कई सालों का हो सकता है। और दुसरी मान्यता यह है की समय को समय जितना ही सुक्ष्म होकर परिवर्तित किया जा सकता है। यह सब तब की बाते है जब यह ग्रंथ मिल जाये और उसे पढ़ने की कला अवगत हो क्योंकी वह ग्रंथ मिल भी जाये तो वह किसी मानवीय लिपी मे नही है पैशाच लिपी में लिखा हुआ हैं। पैशाच लिपि को जानने वाला कोई भी मनुष्य इस सृष्टि मे नही है। कहा ये भी जाता रहा है की हिमालय की गुफा- कंधराओं मे बैठे साधु-मुनियों में से कईयों को वह रहस्यमयी लिपी आती है लेकीन वह कहाँ है यह भी कोई नही जानता तो पुरी बात यह है की वह ग्रंथ कैसा है यह भी कोई नही जानता, ना वह कहाँ है यह, ना उसके पढ़ने का तरीका ही लेकीन उस ग्रंथ से क्या किया जा सकता है यह जानने से ही कोई भी उसे खोजने के लिये प्रवृत्त हो जाता है, कोई भी का मतलब जिसे किसी अलौकिक कार्य मे अति रूचि हो।

Neelwanti Granth को खोजने का पहला चरण यह था की ग्रंथ की खोज कहाँ से शुरु करे जिन्होने उस ग्रंथ के बारे मे सुना है उन्होने भी उन से सुना है जिन्होंने उस ग्रंथ के बारे मे सिर्फ सुना है देखा नही है। और ऐसे ही यह श्रृंखला पता नही कहाँ तक जा सकती है।

“Nilavanti Granth” के बारे में और एक बात प्रसिद्ध थी की उसे जाननेवाला एक मनुष्य आज भी जिवित है उसे लोग बाजिंद कहते है और वह महाबळेश्वर के जंगलो में रहता है। कहते है उसकी आयु १००० वर्ष से भी ज्यादा है। अब सबसे आसान तरीका तो यह है की पहले बाजिंद को खोजा जाये जो उसे जाननेवाला है और उसके पास से जो जानकारी मिले. उसके आधार पर “ती” की खोज करे और एक बात आप को बता दू जो लोग “नीळावंती’ के पीछे थे वह चाहे जिस भी काल मे हुये हो या फिर किसी भी जगह से हो उन मे एक और समानता थी वे सभी महाबळेश्वर के जंगलो मे जाते देखे गये थे। उनमे से केवल दो लोग ही जाने के बाद फिर से देखे गये थे वह भी मृत अवस्था मे बाकियों का जिनकी संख्या सैकडो मे हो सकती है क्या हुआ किसी को नही पता क्योंकी उनका ना शरिर मिला था ना कोई अवशेष।

अब इतनी जानकारी मिलने के बाद क्या आप अब भी चाहते है की आप भी उस ग्रंथ की खोज करने जाये तो मैं आप को उस आखरी इंसान के बारे मे बताता हूँ जो नीळावंती की खोज मे गया था। शायद आपको कोई काम की बात मिल जाये जो आपको नीळावंती खोजने मे काम आ जाये।

दोस्तो यह बहुत समय पहले की बात है। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव मे एक आदमी था उसकी एक पत्नी और एक छोटी सी बच्ची थी। जब वह बच्ची पाँच वर्ष की हुई तो उसकी माँ की मृत्यु हो गई। इस बच्ची का नाम निलावंती था। निलावंती की माँ की मृत्यु के पश्चात निलावंती के पिता ने उस गाँव को छोड दिया और निलावंती को लेकर दूसरे गाँव मे चले गये। दोस्तो निलावंती के पिता जी को आर्युवेद का अच्छा खासा ज्ञान था। निलावंती भी अपने पिता से आर्युवेद का ज्ञान लेती थी। निलावंती के अंदर एक खासियत थी कि वह पेड पौधो, जानवरों, पशु पक्षियों सब की भाषा समझती थी।

यही नही निलावंती के स्वप्न मे शैतान भी आते थे और निलावंती को जमीन के नीचे गडे हुये धन दौलत के बारे मे जानकारी देते थे लेकिन निलावंती के अंदर उसके पिता जी के अच्छे संस्कार थे इसीलिये वह सबकुछ जानते हुये भी धन दौलत जमीन के नीचे से खोदकर नही निकालती थी। निलावंती को पेड पौधे और शैतान जो भी मंत्र बताते थे वह पीपल के पत्ते से बनी किताब पर लिख लेती थी। जब निलावंती 20 से 22 वर्ष की हो गई तब जो भूतप्रेत निलावंती के स्वप्न मे आते थे वो हकीकत मे सामने आने लगे।

कुछ समय बाद Nilavanti Granth Book को पता चलता है कि कि वो एक श्रापित यक्षिणी है जो कि एक श्राप की वजह से इस दुनिया से बाहर नही निकल पा रही है उसे अपनी दुनिया मे जाना था। यह सब बात वह अपने पिताजी को बताती है। तब उसके पिता जी उससे कहते है कि बेटी यदि तू इस दुनिया की नही है और किसी श्राप के कारण तू इस दुनिया मे फसी हुई है तो मै तुझे नही रोकूंगा अतः तू स्वेच्छा से यहाँ से जा सकती है। फिर निलावंती उस गाँव को छोडकर जाने लगी कि रास्ते मे उसे एक व्यापारी मिलता है अतः निलावंती उस व्यापारी से दूसरे गाँव मे जाने के लिये कहती है क्योंकि निलावंती को एक अच्छी आत्मा ने बताया था कि यहाँ से 35 मील की दूरी पर तुम्हें एक गाँव मिलेगा और उस गाँव मे तुम्हें एक बरगद का पेड मिलेगा।

वही से तुम्हे अपनी दुनिया मे जाने का रास्ता मिलेगा इसके अलावा तुम्हे अपने रक्त के साथ-साथ पशु पक्षियों की भी बली देनी होगी। इसी को ध्यान मे रखते हुये वह निलावंती उस व्यापारी से उस गाँव मे चलने के लिये कहती है। वह व्यापारी निलावंती को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है और कहता है कि मै तुम्हें उस गाँव मे छोड दूँगा लेकिन बदले मे तुम्हे मुझसे शादी करनी पडेगी। निलावंती ने व्यापारी के सामने मुसकराते हुये कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है लेकिन मेरी एक शर्त है कि रात के समय मै तुम्हारे साथ नही रहूँगी मै कहा जाती हूँ क्या करती हूँ इसके बारे मे तुम मुझसे कुछ नही पूछोगे।

व्यापारी ने कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है। उसके बाद वह व्यापारी निलावंती को अपने बैलगाड़ी मे बिठाकर उस गाँव मे ले गया। फिर शर्त के अनुसार निलावंती ने उस व्यपारी से विवाह कर लिया। रात के समय निलावंती प्रतिदिन बरगद के पेड के नीचे तंत्रमंत्र करने के लिये चली जाती थी वहाँ पर वो अपना रक्त और पशु पक्षियों की बली भी चढाती थी। एक दिन रात के समय जब निलावंती तंत्रमंत्र उस बरगद के पेड के नीचे कर रही थी उसी समय उस गाँव के कुछ लोग निलावंती को पशु पक्षियों की बली देते हुये देख लेते है और उस व्यापारी को जाकर सारी घटना की जानकारी देते है।

जब अगली रात को निलावंती अपने समय के अनुसार रात मे तंत्रसाधना के लिये निकलती है तो उसके पीछे-पीछे वह व्यापारी भी चला जाता है और निलावंती को तंत्रसाधना करते हुये देख लेता है। अगले दिन निलावंती के स्वप्न मे शैतान आता है और उससे बताता है कि निलावंती कल जब तुम तंत्रसाधना के लिये बरगद के पेड के नीचे जाओगी उसी समय बरगद के पेड के बगल से जो नदी बहती है उस नदी मे तुम्हें एक लाश बहती हुई दिखाई देगी उस लाश के गले मे एक ताबीज होगा तुम्हें उसे खोल लेना है गले से ताबीज को निकालने के बाद उसी नदी मे तुम्हे एक नाव पर सवार आदमी मिलेगा तुम्हें इस ताबीज को उस आदमी को दे देना है वह तुम्हें दूसरी दुनिया के दरवाजे तक पहुचाने मे तुम्हारी मदद करेगा। उस शैतान ने निलावंती से यह भी कहा कि तुम्हे अपनी दुनिया मे वापस लौटने का सिर्फ यही एक ही चांस मिलेगा दोबारा चांस तुम्हें नही मिलेगा।

अगले दिन निलावंती बहुत खुश हुई और रात के समय बरगद के पेड के नीचे चली गई। वह तंत्र साधना करके अपनी रक्त की तथा पशु पक्षी की बली दे ही रही थी कि उसे नदी के किनारे एक लाश बहती हुई दिखाई देती है। निलावंती उस लाश के पास जाती है और उसके गले मे बधे हुये ताबीज को निकालने की कोशिश करती है। उसी समय वहाँ पर वह व्यापारी भी आ गया जो अपने असली शैतानी रूप मे आ गया था। वह ताबीज की पहली गाँठ खोल पाई थी दूसरा खोलने ही वाली थी कि गाँव वाले वहाँ आ गये और निलावंती को नरभक्षी समझकर कहने लगे कि ये दोनो शैतान है ये दोनो तो सभी गाँव वालो को मार डालेंगे अतः इन दोनो को मार डालो। सभी गाँव वालो ने अपने-अपने हथियार लेकर दोनो को दौडा लिया निलावंती तो बच गई लेकिन गाँव वालो ने उस राक्षस को मार गिराया। राक्षस होने की वजह से वह दोबारा जीवित हो उडा और निलावंती के पास आकर बोला कि तुम मुझे ये किताब दे दो जिसमे तुमने मंत्रो को लिखा है और मुझे कुछ नही चाहिये।

तब निलावंती ने सोचा कि यदि यह किताब इस शैतान को मिल गया तो यह दुनिया के लिये अनर्थ साबित हो सकता है अतः निलावंती ने उस किताब को श्रापित करते हुये कहा कि जिसने लालच मे आकर इस किताब को पूरा पढ लिया उसकी तुरंत मृत्यु हो जायेगी और जिसने इस किताब को आधा पढकर बीच मे ही छोड दिया वह पागल हो जायेगा। यह कहकर निलावंती उस किताब को लेकर भाग गई। उसके बाद निलावंती का आज तक पता नही चला कि वह कहा गई। कुछ समय पश्चात वह किताब एक साधू को मिलती है उस साधू के मन मे किसी भी तरह का कोई लालच नही था। चूंकि वह किताब दूसरे भाषा मे लिखी गई थी अतः उस साधू ने उसे सरलतम रूप मे अनुवाद करके लिखा ताकि सबको समझ मे आ जाये।

निलवंती ग्रंथ कहाँ मिलेगा

नीलावंती ग्रंथ एक रहस्यमयी पुस्तक है और इसे मारुति चितमपल्ली ने लिखा था। वास्तव में इसे कोई नहीं पढ़ सकता 😂😂 यह संस्कृत में लिखा गया था। इसमें पशु-पक्षियों की भाषा सिखाने का दावा किया गया है। यह कई मिथकों और अफवाहों से घिरा हुआ है।

हालाँकि, यह ऐसे अंधविश्वासों और प्रथाओं के लिए भी जाना जाता है जो वैज्ञानिक रूप से मान्य नहीं हैं। ऐसा कहा जाता है कि पुस्तक में प्रस्तुत जानकारी की सटीकता और सुरक्षा के बारे में चिंताओं के कारण इसे भारत के कुछ क्षेत्रों में प्रतिबंधित कर दिया गया है।

ऐसा क्‍या है नीलावंती ग्रंथ में?

ऐसे सवाल ये उठता है कि इस ग्रंथ में आखिर क्‍या है या ये ग्रंथ किस बारे में है। इसका जवाब है कि ये एक ऐसा ग्रंथ है जिसके अध्ययन से व्‍यक्ति पशु पक्षियों से बात करने में सक्षम हो सकता है या किसी गड़े हुए खजाने का पता लगा सकता है। लेकिन इस ग्रंथ को मिले श्राप के कारण ऐसा संभव नहीं हो पाता है।

भारत में बैन है नीलावंती ग्रंथ?

हिंदी साहित्य में नीलावंती ग्रंथ का वर्णन मिलता है, लेकिन अब ये ग्रंथ कहीं भी मौजूद नहीं है। यहां तक कहा जाता है कि शापित होने के कारण यह ग्रंथ भारत में बैन है। हालांकि इस बात का कहीं प्रमाण नहीं मिलता है। हालांकि इंटरनेट पर नीलावंती ग्रंथ के कुछ अंश मिलते हैं, लेकिन ये असली हैं या नहीं इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है। ना ही इस बारे में कि इस ग्रंथ से जुड़े तथ्‍य सत्‍य हैं या नहीं।

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Added on 24 Jun, 2023 by Pradeep (13.233.164.178)

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53 thoughts on “निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth)

  1. मुझे लीलावन्ती ग्रंथ की सम्पूर्ण जानकारी चाहिए।

  2. मुझे निइलवंती ग्रंथ की पूरी जानकारी चाइए

  3. मला निळावंती ग्रंथ मिळेल का ?

  4. मूझे निलावंती ग्रंथ की पूरी पङनी है इस लिए मुझे उसकी जानकारी पूरी दे

  5. Nilavanti Granth ko koi smanya vyakti Nahin padh Sakta iss liye iss Granth ko soch smajha kar padhe or mujhe bhi jaankari de🙏

  6. Ye kitab koi nhi padn sakta na hi padhni chahiye iske alawa dusri tantra kitabon ka adhyan kafein agar apki bohot jyada hi ruchi hai aur agar apko koi upyukt kitab na mile to ap mujhe personal message karke
    Le sakte hai lekin is shaapit kitba ko na pahr nhi to ap ki mrityu bhi ho sakti hai ya fir aap pagal ho jayenge
    whatsapp-8318083699

  7. muje ye kitab chaiye …kaha milegi
    plz bata do muje aise kitab padne ka bahut pasand hai …
    bass apne kendra ko dhyan karke pado …

  8. Ese kese ho skta hai koi ek book pdh kr kese pagal ho jayega
    Ye sab logo ko gyaan say door rkhne ka ek jariya hai bs

  9. Muje puri kitab padneki he 7820966558 mera watsapp no he uttar ,teligarm akuond ahe to muje lik shr kar ya kitab nilvanti garnt ki

  10. KOI Kitab apko pagal nahi kar sakti, ye sab bate bas usme chupi huye bate sabko na pata pade isliye kahi jati hain

  11. Koi mujhe de ye kitab Live youtube par padh ke dikha dunga, kuchh nahi hoga, all are stories are myths about this book.

  12. Is kitab Ka each. asli Janne ke liye mai
    Book ko padna chata hun or mujhe yakin hai ki ya sirfh mangndhnt hai

  13. ke liye mai Book ko padna chata hun or mujhe yakin hai ki ya sirfh mangndhnt hai. निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) PDF Hindi

  14. I want to know what is it like, what is the story of Nilvati in this book

  15. Mujhe nila vranthi granth ki kitab chahiye or os kitab ka pora path samjhna ha.

  16. it's a interesting books,we must learn ,understand,the mantra,we are too far away from mantra,tantra,these days.actually,it exist,and will continues ,

  17. pls i need this book i konw this book is very very powerfull for life changing

  18. I also need this TREATISE (GRANTH)

    Because I want to change my whole life

    my life is also destroyed

    I don't care if I died after reading this TREATISE

    my contact 7697129212

  19. Mujko ye book hindi mai chiye English mai ho tb bhi chalegi but I read this book

  20. Mujhe bhi chahiye kase milegi. निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) PDF Hindi

  21. Mera naam Anil shing jadon kyuki mujme kuch baat hai kase mene try kya hai main ujjain gaya agori se tanter manter our moth karwaya kuch nahi hua naahi hoga bas ek swal zindigi ka nilavanti kya hai

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