निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) PDF Hindi

निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) Hindi PDF Download

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निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) Hindi

निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको दे रहे हैं निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक।

निळावंती ग्रंथ (Nilavanti Granth) एक ऐसा ग्रंथ था जिसे पढ़ने से मनुष्य कल का ज्ञाता बन जाता था। निळावंती ग्रंथ एक अनसुलझा रहस्य है जिसको मनुष्य को अब तक उसको सुलझा नहीं पाए। कहा जाता है की निळावंती ग्रंथ का उपयोग पशु पक्षी भाषा को समझने का ज्ञान मिलता है।

निळावंती ग्रंथ में दिया गया मंत्र सिद्ध हो जाए तो आपके लिए कुछ भी असंभव नहीं है लेकिन इस ज्ञान को प्राप्त करना और समझना बहुत कठिन कार्य है। इस पोस्ट में आप बड़ी आसानी से Nilavanti Granth PDF in Hindi / निलावन्ती ग्रन्थ पीडीएफ हिंदी में डाउनलोड कर सकते हैं। यह दुनिया की इकलौती किताब है कि इसमें दे गए मंत्र को सिद्ध करके आप दुनिया पर भी राज कर सकते हैं | लेकिन कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि अगर आप ऐसा करने से सफल नहीं होते हैं तो आप याद पागल हो सकते हो या आप मर सकते हो या आप सताई तंत्र-मंत्र के रास्ते पर जा सकते हैं । निळावंती ग्रंथ हिंदी पीडीएफ गई है।

निलावंती एक श्रापित ग्रंथ की पूरी कहानी-

दोस्तो यह बहुत समय पहले की बात है। उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गाँव मे एक आदमी था उसकी एक पत्नी और एक छोटी सी बच्ची थी। जब वह बच्ची पाँच वर्ष की हुई तो उसकी माँ की मृत्यु हो गई। इस बच्ची का नाम निलावंती था। निलावंती की माँ की मृत्यु के पश्चात निलावंती के पिता ने उस गाँव को छोड दिया और निलावंती को लेकर दूसरे गाँव मे चले गये। दोस्तो निलावंती के पिता जी को आर्युवेद का अच्छा खासा ज्ञान था। निलावंती भी अपने पिता से आर्युवेद का ज्ञान लेती थी। निलावंती के अंदर एक खासियत थी कि वह पेड पौधो, जानवरों, पशु पक्षियों सब की भाषा समझती थी।

यही नही निलावंती के स्वप्न मे शैतान भी आते थे और निलावंती को जमीन के नीचे गडे हुये धन दौलत के बारे मे जानकारी देते थे लेकिन निलावंती के अंदर उसके पिता जी के अच्छे संस्कार थे इसीलिये वह सबकुछ जानते हुये भी धन दौलत जमीन के नीचे से खोदकर नही निकालती थी। निलावंती को पेड पौधे और शैतान जो भी मंत्र बताते थे वह पीपल के पत्ते से बनी किताब पर लिख लेती थी। जब निलावंती 20 से 22 वर्ष की हो गई तब जो भूतप्रेत निलावंती के स्वप्न मे आते थे वो हकीकत मे सामने आने लगे।

कुछ समय बाद निलावंती को पता चलता है कि कि वो एक श्रापित यक्षिणी है जो कि एक श्राप की वजह से इस दुनिया से बाहर नही निकल पा रही है उसे अपनी दुनिया मे जाना था। यह सब बात वह अपने पिताजी को बताती है। तब उसके पिता जी उससे कहते है कि बेटी यदि तू इस दुनिया की नही है और किसी श्राप के कारण तू इस दुनिया मे फसी हुई है तो मै तुझे नही रोकूंगा अतः तू स्वेच्छा से यहाँ से जा सकती है। फिर निलावंती उस गाँव को छोडकर जाने लगी कि रास्ते मे उसे एक व्यापारी मिलता है अतः निलावंती उस व्यापारी से दूसरे गाँव मे जाने के लिये कहती है क्योंकि निलावंती को एक अच्छी आत्मा ने बताया था कि यहाँ से 35 मील की दूरी पर तुम्हें एक गाँव मिलेगा और उस गाँव मे तुम्हें एक बरगद का पेड मिलेगा।

वही से तुम्हे अपनी दुनिया मे जाने का रास्ता मिलेगा इसके अलावा तुम्हे अपने रक्त के साथ-साथ पशु पक्षियों की भी बली देनी होगी। इसी को ध्यान मे रखते हुये वह निलावंती उस व्यापारी से उस गाँव मे चलने के लिये कहती है। वह व्यापारी निलावंती को देखकर मंत्रमुग्ध हो जाता है और कहता है कि मै तुम्हें उस गाँव मे छोड दूँगा लेकिन बदले मे तुम्हे मुझसे शादी करनी पडेगी। निलावंती ने व्यापारी के सामने मुसकराते हुये कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है लेकिन मेरी एक शर्त है कि रात के समय मै तुम्हारे साथ नही रहूँगी मै कहा जाती हूँ क्या करती हूँ इसके बारे मे तुम मुझसे कुछ नही पूछोगे।

व्यापारी ने कहा कि ठीक है मुझे मंजूर है। उसके बाद वह व्यापारी निलावंती को अपने बैलगाड़ी मे बिठाकर उस गाँव मे ले गया। फिर शर्त के अनुसार निलावंती ने उस व्यपारी से विवाह कर लिया। रात के समय निलावंती प्रतिदिन बरगद के पेड के नीचे तंत्रमंत्र करने के लिये चली जाती थी वहाँ पर वो अपना रक्त और पशु पक्षियों की बली भी चढाती थी। एक दिन रात के समय जब निलावंती तंत्रमंत्र उस बरगद के पेड के नीचे कर रही थी उसी समय उस गाँव के कुछ लोग निलावंती को पशु पक्षियों की बली देते हुये देख लेते है और उस व्यापारी को जाकर सारी घटना की जानकारी देते है।

जब अगली रात को निलावंती अपने समय के अनुसार रात मे तंत्रसाधना के लिये निकलती है तो उसके पीछे-पीछे वह व्यापारी भी चला जाता है और निलावंती को तंत्रसाधना करते हुये देख लेता है। अगले दिन निलावंती के स्वप्न मे शैतान आता है और उससे बताता है कि निलावंती कल जब तुम तंत्रसाधना के लिये बरगद के पेड के नीचे जाओगी उसी समय बरगद के पेड के बगल से जो नदी बहती है उस नदी मे तुम्हें एक लाश बहती हुई दिखाई देगी उस लाश के गले मे एक ताबीज होगा तुम्हें उसे खोल लेना है गले से ताबीज को निकालने के बाद उसी नदी मे तुम्हे एक नाव पर सवार आदमी मिलेगा तुम्हें इस ताबीज को उस आदमी को दे देना है वह तुम्हें दूसरी दुनिया के दरवाजे तक पहुचाने मे तुम्हारी मदद करेगा। उस शैतान ने निलावंती से यह भी कहा कि तुम्हे अपनी दुनिया मे वापस लौटने का सिर्फ यही एक ही चांस मिलेगा दोबारा चांस तुम्हें नही मिलेगा।

अगले दिन निलावंती बहुत खुश हुई और रात के समय बरगद के पेड के नीचे चली गई। वह तंत्र साधना करके अपनी रक्त की तथा पशु पक्षी की बली दे ही रही थी कि उसे नदी के किनारे एक लाश बहती हुई दिखाई देती है। निलावंती उस लाश के पास जाती है और उसके गले मे बधे हुये ताबीज को निकालने की कोशिश करती है। उसी समय वहाँ पर वह व्यापारी भी आ गया जो अपने असली शैतानी रूप मे आ गया था। वह ताबीज की पहली गाँठ खोल पाई थी दूसरा खोलने ही वाली थी कि गाँव वाले वहाँ आ गये और निलावंती को नरभक्षी समझकर कहने लगे कि ये दोनो शैतान है ये दोनो तो सभी गाँव वालो को मार डालेंगे अतः इन दोनो को मार डालो। सभी गाँव वालो ने अपने-अपने हथियार लेकर दोनो को दौडा लिया निलावंती तो बच गई लेकिन गाँव वालो ने उस राक्षस को मार गिराया। राक्षस होने की वजह से वह दोबारा जीवित हो उडा और निलावंती के पास आकर बोला कि तुम मुझे ये किताब दे दो जिसमे तुमने मंत्रो को लिखा है और मुझे कुछ नही चाहिये।

तब निलावंती ने सोचा कि यदि यह किताब इस शैतान को मिल गया तो यह दुनिया के लिये अनर्थ साबित हो सकता है अतः निलावंती ने उस किताब को श्रापित करते हुये कहा कि जिसने लालच मे आकर इस किताब को पूरा पढ लिया उसकी तुरंत मृत्यु हो जायेगी और जिसने इस किताब को आधा पढकर बीच मे ही छोड दिया वह पागल हो जायेगा। यह कहकर निलावंती उस किताब को लेकर भाग गई। उसके बाद निलावंती का आज तक पता नही चला कि वह कहा गई। कुछ समय पश्चात वह किताब एक साधू को मिलती है उस साधू के मन मे किसी भी तरह का कोई लालच नही था। चूंकि वह किताब दूसरे भाषा मे लिखी गई थी अतः उस साधू ने उसे सरलतम रूप मे अनुवाद करके लिखा ताकि सबको समझ मे आ जाये।

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निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth)

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21 thoughts on “निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth)

  1. मुझे लीलावन्ती ग्रंथ की सम्पूर्ण जानकारी चाहिए।

  2. मुझे निइलवंती ग्रंथ की पूरी जानकारी चाइए

  3. मला निळावंती ग्रंथ मिळेल का ?

  4. मूझे निलावंती ग्रंथ की पूरी पङनी है इस लिए मुझे उसकी जानकारी पूरी दे

  5. Nilavanti Granth ko koi smanya vyakti Nahin padh Sakta iss liye iss Granth ko soch smajha kar padhe or mujhe bhi jaankari de🙏

  6. Ye kitab koi nhi padn sakta na hi padhni chahiye iske alawa dusri tantra kitabon ka adhyan kafein agar apki bohot jyada hi ruchi hai aur agar apko koi upyukt kitab na mile to ap mujhe personal message karke
    Le sakte hai lekin is shaapit kitba ko na pahr nhi to ap ki mrityu bhi ho sakti hai ya fir aap pagal ho jayenge
    whatsapp-8318083699

  7. muje ye kitab chaiye …kaha milegi
    plz bata do muje aise kitab padne ka bahut pasand hai …
    bass apne kendra ko dhyan karke pado …

  8. Ese kese ho skta hai koi ek book pdh kr kese pagal ho jayega
    Ye sab logo ko gyaan say door rkhne ka ek jariya hai bs

  9. Muje puri kitab padneki he 7820966558 mera watsapp no he uttar ,teligarm akuond ahe to muje lik shr kar ya kitab nilvanti garnt ki

  10. KOI Kitab apko pagal nahi kar sakti, ye sab bate bas usme chupi huye bate sabko na pata pade isliye kahi jati hain

  11. Koi mujhe de ye kitab Live youtube par padh ke dikha dunga, kuchh nahi hoga, all are stories are myths about this book.

  12. Is kitab Ka each. asli Janne ke liye mai
    Book ko padna chata hun or mujhe yakin hai ki ya sirfh mangndhnt hai

  13. ke liye mai Book ko padna chata hun or mujhe yakin hai ki ya sirfh mangndhnt hai. निलावन्ती ग्रन्थ (Nilavanti Granth) PDF Hindi

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