Hindi Vyakaran Book PDF
हिन्दी व्याकरण PDF, हिन्दी भाषा को शुद्ध रूप में लिखने और बोलने संबंधी नियमों का बोध करानेवाला शास्त्र है। यह हिन्दी भाषा के अध्ययन का महत्त्वपूर्ण अंग है। इसमें हिंदी के सभी स्वरूपों का चार खंडों के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है; यथा – वर्ण विचार के अंतर्गत ध्वनि और वर्ण, शब्द विचार के अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों, वाक्य विचार के अंतर्गत वाक्य संबंधी विभिन्न स्थितियों एवं छंद विचार में साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है।
Hindi Vyakaran PDF किसी भी व्यक्ति या छात्र के लिए आवश्यक है जो हिन्दी भाषा को धाराप्रवाह बोलना, पढ़ना और लिखना चाहता है, और यह भारत और उसके बाहर भाषा शिक्षा का एक अभिन्न अंग है। हिन्दी व्याकरण के जनक श्री दामोदर पंडित जी को कहा जाता है। इन्होंने १२ वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में एक ग्रंथ की रचना की थी जिसे ” उक्ति-व्यक्ति-प्रकरण ” के नाम से जाना जाता है । हिन्दी भाषा के पाणिनि ” आचार्य किशोरीदास वाजपेयी ” को कहा जाता है।
Hindi Vyakaran
हिंदी व्याकरण (Hindi Grammar) में भाषा, हिन्दी भाषा, वर्ण, शब्द, पद, काल, वाक्य, विराम चिन्ह, संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया विशेषण, समुच्चय बोधक, विस्मयादि बोधक, वचन, लिंग, कारक, पुरुष, उपसर्ग, प्रत्यय, अव्यय, संधि, रस, छन्द, अलंकार, समास, विलोम शब्द तत्सम-तद्भव शब्द, पर्यायवाची शब्द, अनेक शब्दों के लिए एक शब्द, एकार्थक शब्द, अनेकार्थक शब्द युग्म शब्द, शुद्ध अशुद्ध वाक्य और शब्द, मुहावरे और लोकोक्तियाँ, पत्र लेखन, निबंध लेखन आदि प्रमुख अध्याय आते हैं।
हिंदी व्याकरण के खंड या भेद
- वर्ण विचार- इसके अंतर्गत ध्वनि और वर्ण,
- शब्द विचार इसके अंतर्गत शब्द के विविध पक्षों संबंधी नियमों,
- वाक्य विचार इसके अंतर्गत वाक्य संबंधी – विभिन्न स्थितियों और
- छंद विचार- इसमें साहित्यिक रचनाओं के शिल्पगत पक्षों पर विचार किया गया है।
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