Hanuman Stuti Hindi

❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

Hanuman Stuti Hindi

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनिवार के दिन सुबह एवं शाम को दोनों समय हनुमान मंदिर में जाकर सबसे पहले गाय के घी का एक दीपक जला दें और हनुमान जी की प्रतिमा के समक्ष सिंदूर या कुशा के आसन पर बैठकर निम्न स्तुति का पाठ करें। स्तुति का पाठ पूरा करने के बाद 1 बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ एवं श्री हनुमत आरती भी अवश्य करें।

Hanuman Stuti (हनुमान स्तुति अर्थ सहित)

प्रनवऊं पवन कुमार खल बन पावक ग्यान घन।
जासु ह्रदय आगार बसहिं राम सर चाप धर ॥

हिंदी में अर्थ : मैं उन पवन पुत्र श्री हनुमान जी को प्रणाम करता हूं, जो दुष्ट रूपी वन में अर्थात राक्षस रूपी वन में अग्नि के समान ज्ञान से परिपूर्ण हैं। जिनके हृदय रूपी घर में धनुषधारी श्री राम निवास करते हैं।

अतुलित बलधामं हेमशैलाभदेहं,
दनुजवनकृशानुं ज्ञानिनामअग्रगण्यम्।
सकलगुणनिधानं वानराणामधीशं,
रघुपतिप्रियं भक्तं वातंजातं नमामि ॥

हिंदी में अर्थ : अतुलीय बल के निवास, हेमकूट पर्वत के समान शरीर वाले राक्षस रूपी वन के लिए अग्नि के समान, ज्ञानियों के अग्रणी रहने वाले, समस्त गुणों के भंडार, वानरों के स्वामी, श्री राम के प्रिय भक्त वायुपुत्र श्री हनुमान जी को नमस्कार करता हूं।

गोष्पदीकृत वारिशं मशकीकृत राक्षसम्।
रामायण महामालारत्नं वन्दे अनिलात्मजं ॥

हिंदी में अर्थ : समुद्र को गाय के खुर के समान संक्षिप्त बना देने वाले, राक्षसों को मच्छर जैसा बनाने वाले, रामायण रूपी महती माला का रत्न वायुनंदन हनुमान जी को मैं प्रणाम करता हूं।

अंजनानंदनंवीरं जानकीशोकनाशनं।
कपीशमक्षहन्तारं वन्दे लंकाभयंकरम् ॥

हिंदी में अर्थ : माता अंजनी को प्रसन्न रखने वाले , माता सीता जी के शोक को नष्ट करने वाले, अक्ष को मारने वाले, लंका के लिए भंयकर रूप वाले वानरों के स्वामी को मैं प्रणाम करता हूं।

उलंघ्यसिन्धों: सलिलं सलीलं य: शोकवह्नींजनकात्मजाया:।
तादाय तैनेव ददाहलंका नमामि तं प्राञ्जलिंराञ्नेयम ॥

हिंदी में अर्थ : जिन्होंने समुद्र के जल को लीला पूर्वक( खेल-खेल में) लांघ कर माता सीता जी की शोकरूपी अग्नि को लेकर उस अग्नि से ही लंका दहन कर दिया, उन अंजनी पुत्र को मैं हाथ जोड़ कर नमस्कार करता हूं।

मनोजवं मारुततुल्यवेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठम्।
वातात्मजं वानरयूथमुख्यं श्रीरामदूतं शरणं प्रपद्ये ॥

हिंदी में अर्थ : मन के समान गति वाले, वायु के समान वेग वाले, इंद्रियों के जीतने वाले, बुद्धिमानों में श्रेष्ठ, वायुपुत्र, वानरों के समूह के प्रमुख, श्री राम के दूत की शरण प्राप्त करता हूं।

आञ्जनेयमतिपाटलाननं काञ्चनाद्रिकमनीय विग्रहम्।
पारिजाततरूमूल वासिनं भावयामि पवमाननंदनम्॥

हिंदी में अर्थ : अंजना के पुत्र, गुलाब के समान मुख वाले, हेमकुट पर्वत समान सुंदर शरीर वाले, कल्पवृक्ष की जड़ पर रहने वाले, पवन पुत्र श्री हनुमान जी को मैं याद करता हूं।

यत्र यत्र रघुनाथकीर्तनं तत्र तत्र कृत मस्तकाञ्जिंलम।
वाष्पवारिपरिपूर्णलोचनं मारुतिं नमत राक्षसान्तकम् ॥

हिंदी में अर्थ : जहां- जहां श्री रामचंद्र जी का कीर्तन होता है वहां-वहां मस्तक पर अंजलि बांधे हुए आनंदाश्रु से पूरित नेत्रों वाले, राक्षसों के काल वायुपुत्र (श्री हनुमान जी) को नमस्कार करें।

हनुमान जी की स्तुति इस मंत्र से करें-

  • हनुमान, ॐ श्री हनुमते नमः। अर्थात- भक्त हनुमान, जिनकी ठोड़ी में दरार हो।
  • अञ्जनी सुत, ॐ अञ्जनी सुताय नमः। अर्थात- देवी अंजनी के पुत्र
  • वायु पुत्र, ॐ वायुपुत्राय नमः। अर्थात- पवनदेव के पुत्र
  • महाबल, ॐ महाबलाय नमः। …
  • रामेष्ट, ॐ रामेष्ठाय नमः। …
  • फाल्गुण सखा, ॐ फाल्गुण सखाय नमः।

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके Hanuman Stuti PDF में डाउनलोड कर सकते हैं। 

Hanuman Stuti PDF Free Download

REPORT THISIf the purchase / download link of Hanuman Stuti PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES