Braj 84 Kos Yatra List - Summary
यह ब्रज यात्रा मथुरा, मधुवन, अड़ीग, राधाकुंड, गोवर्धन, डीग, आदिबद्री, केदारनाथ, काम्यवन, बरसाना, नंदगांव, होडल, शेषशायी, कोसीकलां, मांटवन, राया, दाऊजी, गोकुल, मथुरा होते हुए वृंदावन मोर कुटी पर आकर समाप्त होगी। ब्रजयात्रा के कुल 24 पड़ाव यात्रा में चौरासी कोस की इस यात्रा में कुल 24 पड़ाव होते है। सबसे ज्यादा दिनों का पड़ाव जतीपुरा में होता है। यहां थोड़े-थोड़े वक्त कृष्ण भक्त समय बिताते हैं। यह स्पेशल तीर्थ यात्रा 18 नवम्बर 2023 को वृंदावन से प्रारम्भ होगी।
रात्रि विश्राम आश्रम/गेस्ट हाउस वृन्दावन में (तीन/चार बैड के अटैच लैट-बाथरूम कमरों में), चाय, नाश्ता, भोजन, पीने के लिए RO पानी/बोतल, घुमाने के लिए छोटी गाड़ी सहित किराया 14,000/- रूपया प्रति यात्री होगा। एडवांस बुकिंग हेतु 1,000/- प्रति यात्री नगद अथवा ऑनलाइन ‘श्री शिव शंकर तीर्थ यात्रा’ ऋषिकेश के SBI बैंक खाते में जमा करवा दें। बकाया किराया वृन्दावन पहुँचने पर संस्था द्वारा लिया जायेगा। हमारी यात्रा वृन्दावन से शुरू होकर वृन्दावन पर सम्पन्न होगी। यात्री अपनी सुविधानुसार वृन्दावन/ मथुरा स्टेशन पहुंचेगे। चैतन्य महाप्रभु के शिष्यों में से एक श्रीपाद सनातन गोस्वामी द्वारा दशकों पहले शुरू की गई ब्रज चौरासी कोस परिक्रमा यात्रा आज भी जारी है। यात्रा में साधु-संत हरिनाम संकीर्तन करते, पताका, झांझ-मंजीरे और मृदंग की धुन पर थिरकते हुए चल रहे। थे। जगह-जगह आरती उतारकर और पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया।
Braj 84 Kos Yatra List
ब्रजयात्रा गुजरने वाले स्थान
मथुरा, मधुवन, तालवन, कमोध वन, शांतन कुंड, बहुलावन, राधाकुंड, कुसुम सरोवर, चंद्रसरोवर, जतीपुरा, डीग, परमदरा, कामवन, बरसाना, नंदगांव, कोकिला वन, जाव, कोट वन, पैगाम, शेरगढ़, चीरघाट, बच्छवन, वृंदावन, महावन, लोहवन, श्रीदाऊजी, श्रीमद गोकुल फिर मथुरा में पंचकोसीय परिक्रमा।
कृष्ण लीलाओं से जुड़े यात्रा स्थल
ब्रज चौरासी कोस की यात्रा में 360 कुंड, 12 वन, 24 उपवन, सरोवर, चार पोखर, चार ओखर, आठ झूला की ठौर, आठ दाऊजी के दर्शन आदि धार्मिक स्थल आते हैं।
सम्पूर्ण यात्रा छोटी गाड़ी (सूमो व इको) द्वारा करायी जायेगी।
- पहला दिन :- श्री धाम वृन्दावन में आपका आगमन एवं रात्रि विश्राम वृन्दावन में।
- दूसरा दिन:- यमुना स्नान, यमुना पूजन, सात धारा गोपेश्वर, निधि वन, रंगनाथ मन्दिर, प्रातः से दोपहर तक (दोपहर का भोजन धर्मशाला में), सायंकाल के समय मानसरोवर, भांडेर वन राधा रानी की विवाह स्थली, बेल वन, माटवन, नरसिंह मन्दिर, गोरे दाऊजी।
- तीसरा दिन:- प्रातः जमुना स्नान विश्राम घाट (मथुरा) द्वारकाधीश मन्दिर, कृष्ण जन्म स्थली, जेल कारावास, बिडला मन्दिर, ध्रुव टीला महोली, तपोवन गायत्री मन्दिर (दोपहर का भोजन धर्मशालों) सायंकाल जयपुर मन्दिर, कांच मन्दिर, जमाई ठाकुर, सीताराम मन्दिर।
- चैथा दिन:- प्रातः लोहवन, रावल दाऊजी, राधा रानी का जन्म स्थान, चिन्ताहरण महादेव, ब्रह्माण घाट, रमनरेती, गोकुल चौरासी खम्बा, पूतना वध, चन्द्रावली, पागल बाबा मन्दिर, अक्रूर घाट, वात्सल्य ग्राम (दोपहर का भोजन लन्च पैक)।
- पांचवा दिन:- (गोर्वधन परिक्रमा) यात्रा, राधाकुण्ड, श्यामकुण्ड, कुसुम सरोवर, मानसी गंगा, दान घाटी, गोविन्द कुण्ड, पूछरी का लोठा, मुखारबिन्द, चकलेश्वर, जतीपुरा, उद्धव कुण्ड, राधारानी की ननिहाल मुखराई, ललिताकुण्ड (दोपहर का भोजन धर्मशाला) सायंकाल बांके बिहारी, कालीदह, मदनमोहन मन्दिर।
- छठा दिन:- चार धाम मन्दिर, डीग जल महल, लक्ष्मण मंदिर, आदि बद्रीनाथ, चरण पहाड़ी, विमल कुण्ड, कामेश्वर महादेव (दोपहर भोजन लन्च पैक) सायंकाल प्रेम मन्दिर।
- सातवां दिन:- प्रातः बरसाना, घेवरवन, दानगढ़, मानगढ, राधारानी मन्दिर, ललिता सखी मन्दिर,मोरकुटी, (दोपहर का भोजन धर्मशाला में)। सायंकाल, इस्कॉन टैम्पल, वैष्णो देवी, अक्षय पात्र।
- आठवां दिन:- नन्दगाँव, नन्द महल, चरण पहाडी, आशेश्वर महादेव, टेर कदम, संकेत वन, कोकिला वन, गौ चरण लीला, चरण चिन्ह, पावन सरोवर, जाववट, किशोरी कुंड, जय कुंड, कालिया नाग दमन, ब्रह्मकुंड (दोपहर में लन्च पैक) टेर कुण्ड, चरण गंगा, शेख संया विष्णु दर्शन।
- नवां दिन: – खेलनवन, विहारवन, एचादाऊजी, अक्षय वट, असली चीर घाट, कात्यायिनी देवी, कच्छ वन बिहारी दर्शन (दोपहर का भोजन धर्मशाला) ।
- दसवाँ दिन:- यमुना पूजन (वृन्दावन) एवं वृन्दावन धाम की सामुहिक परिक्रमा यात्रापूर्ण संकल्प (यात्रा सम्पन्न) एवं दोपहर भोजन के बाद स्वधाम प्रस्थान।
और अधिक जानकारी के लिए आप इसकी आदिकारिक वेबसाईट :-shivshankartirthyatra.com पर जाए।