सूर्य षष्ठी व्रत कथा (Surya Shashti Vrat Katha) Hindi

सूर्य षष्ठी व्रत कथा (Surya Shashti Vrat Katha) Hindi PDF download free from the direct link given below in the page.

0 Like this PDF
❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

सूर्य षष्ठी व्रत कथा (Surya Shashti Vrat Katha) Hindi PDF

हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह से शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। इस षष्ठी को सूर्य षष्ठी और लोलार्क षष्ठी भी कहा जाता है। आज के दिन महिलाएं व्रत करती हैं, जिसका उन्हें विशेष फल मिलता है। यह व्रत भगवान सूर्यदेव को समर्पित होता है। ऐसे में आज व्रत के साथ 16 दिनों तक काशी के लोलार्क कुंड में स्नान करने का भी विशेष महत्व होता है।

जिस तरह सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित होता है ठीक ऐसे ही रविवार सूर्य देव को समर्पित है। ऐसे में रविवार को उगते सूरज को जल अर्पित कर सूर्यदेव की आराधना करने से हर मनोकामना पूरी होती है, रुके हुए कार्य पूरे होते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। कहा जाता है कि यह व्रत संतान प्राप्ति और संतान की खुशी के लिए किया जाता है।

Surya Shashti Vrat Katha Puja Vidhi

  • सूर्य षष्ठी/लोलार्क षष्ठी पर नदी या साफ तालाब में स्नान कर लें और अगर आप कहीं दूर नदी या तालाब में स्नान करने जा सकते हैं तो आप अपने घर में ही साफ पानी से स्नान कर लें।
  • इसके बाद सूर्यदेव का स्मरण करते हुए चंदन, चावल, तिल और चंदन मिले हुए जल से उगते सूरज को अर्घ्य दें।
  • इसके बाद सूर्य देव घी का दीपक या धूप जलाकर सूर्यदेव के मंत्र का यथा शक्ति जप करते हुए सूर्य देव की पूजा करें।
  • आदित्यहृदयस्त्रोत्र का पाठ करें।
  • आज के दिन ब्राह्मणों को दान देने का भी खास महत्व होता है।

सूर्य षष्ठी व्रत कथा (Surya Shashti Vrat Katha PDF)

कथा के अनुसार प्रियव्रत नाम के एक राजा थे। उनकी पत्नी का नाम मालिनी था। दोनों की कोई संतान नहीं थी। इस बात से राजा और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहते थे। उनकी पत्नी का नाम मालिनी था। दोनों की कोई संतान नहीं थी। इस बात से राजा और उसकी पत्नी बहुत दुखी रहते थे। उन्होंने एक दिन संतान प्राप्ति की इच्छा से महर्षि कश्यप द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ करवाया। इस यज्ञ के फलस्वरूप रानी गर्भवती हो गईं।

नौ महीने बाद संतान सुख को प्राप्त करने का समय आया तो रानी को मरा हुआ पुत्र प्राप्त हुआ। इस बात का पता चलने पर राजा को बहुत दुख हुआ। संतान शोक में वह आत्म हत्या का मन बना लिया। लेकिन जैसे ही राजा ने आत्महत्या करने की कोशिश की उनके सामने एक सुंदर देवी प्रकट हुईं।  देवी ने राजा को कहा कि मैं षष्टी देवी हूं। मैं लोगों को पुत्र का सौभाग्य प्रदान करती हूं। इसके अलावा जो सच्चे भाव से मेरी पूजा करता है, मैं उसके सभी प्रकार के मनोरथ को पूर्ण कर देती हूं। यदि तुम मेरी पूजा करोगे तो मैं तुम्हें पुत्र रत्न प्रदान करूंगी। देवी की बातों से प्रभावित होकर राजा ने उनकी आज्ञा का पालन किया।

राजा और उनकी पत्नी ने कार्तिक शुक्ल की षष्टी तिथि के दिन देवी षष्टी की पूरे विधि -विधान से पूजा की। इस पूजा के फलस्वरूप उन्हें एक सुंदर पुत्र की प्राप्ति हुई। तभी से छठ का पावन पर्व मनाया जाने लगा।

PDF's Related to सूर्य षष्ठी व्रत कथा (Surya Shashti Vrat Katha)

Download सूर्य षष्ठी व्रत कथा (Surya Shashti Vrat Katha) PDF

REPORT THISIf the purchase / download link of सूर्य षष्ठी व्रत कथा (Surya Shashti Vrat Katha) PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES

  • Jharkhand Government Calendar 2021 Hindi

    झारखंड सरकार ने अपना वार्षिक कैलेंडर जारी कर दिया है। नए साल 2021 में पहली सरकारी छुट्टी सोहराय के लिए 13 जनवरी को मिलेगी। राज्‍यपाल द्रौपदी मूर्मू ने वर्ष 2021 का सरकारी कैलेंडर जारी किया है। वर्ष 2021 में एनआइ एक्ट के अधीन 22 दिनों की छुट्टी और कार्यपालक आदेश...

  • कार्तिक मास की कथा (Kartik Maas Katha) Hindi

    इस साल 2023 में कार्तिक माह की शुरुआत 29 अक्टूबर से 27 नंवबर 2023 तक चलेगा। कार्तिक माह का महीना बारह महीनों में से श्रेष्ठ महीना है। पुराणों में कार्तिक मास को स्नान, व्रत व तप की दृष्टि से मोक्ष ओए कल्याण प्रदान करने वाला बताया गया है। आप इस...

  • चैत्र नवरात्रि व्रत कथा 2022 | Chaitra Navratri Vrat Katha Hindi

    नवरात्रि का त्योहार चैत्र माह में पड़ने से उसको चैत्र नवरात्रि कहा जाता हैं।  नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 02 अप्रैल 2022, शनिवार से हो रही है, जो कि 11 अप्रैल तक रहेगी। मान्यता है कि नवरात्रि...

  • छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi Hindi

    कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को चार दिनों तक मनाया जाता है और छठी मैय्या से संतान की रक्षा के लिए प्रार्थना की जाती है। छठ पूजा का महापर्व (Chhath Puja Festival) चार दिनों तक मनाया जाता...

  • छठ पूजा सामग्री सूची (Chhath Puja Samagri List) Hindi

    कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को चार दिनों तक मनाया जाता है और छठी मैय्या से संतान की रक्षा के लिए प्रार्थना की जाती है। छठ पूजा का महापर्व (Chhath Puja Festival) चार दिनों तक मनाया जाता...

  • ठाकुर प्रसाद कैलेंडर 2021 – Thakur Prasad Calendar 2021 Hindi

    ठाकुर प्रसाद कैलेंडर 2021 भारत में सबसे प्रसिद्ध है इसमे भारतीय तिथि, मुहूर्त, त्योहार, तिथि आदि उनके दिए गए पंचांग कैलेंडर में दिए गए हैं। पंचांग पांच तत्वों (तिथि, नक्षत्र, करण, योग, त्योहार, तिथि, वर, पक्ष, करण, योग और वर) से बना है। ठाकुर प्रसाद कैलेंडर 2021 में विक्रम संवत...

  • ठाकुर प्रसाद कैलेंडर 2022 | Thakur Prasad Panchang Calendar 2022 Hindi

    Thakur Prasad Calendar 2022 (ठाकुर प्रसाद कैलेंडर 2022) PDF is an Panchang calendar is made up of many elements including Nakshatra, Karana, Yoga, Festival, Vaar, Paksha, Yoga, etc. Thakur Prasad Panchang Calendar 2022 PDF can be download from the link given at the bottom of this page. Thakur Prasad Panchang...

  • हलषष्ठी व्रत कथा | Halshashthi (Harchat ) Pooja Vrat Kahta Hindi

    हलषष्ठी व्रत बलराम जी को समर्पित होता है। भगवान बलराम को भगवान विष्णु के 8वें अवतार के रूप में पूजा जाता है। भगवान बलराम जी की जयंती को हल षष्ठी अथवा ललाही छठ के रूप में मनाया जाता है। हरछठ व्रत एक अत्यंत ही महत्वपूर्ण व विशेष फलदायी व्रत माना...

  • हिन्दू पंचांग कैलंडर – Panchang Hindu Calendar 2021 Hindi

    A Panchang is a detailed Hindu calendar that takes into account five factors of any given day as per Indian Vedic scriptures to provide information useful for astrologers to forecast celestial phenomena, and also to outline auspicious and inauspicious time frames for important occasions such as marriage, education, career, travel,...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *