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Somvati Amavasya Katha in Hindi
सोमवती अमावस्या पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठ के स्नान कर लें और स्वच्छ कपड़े धारण कर लें।
- इसके बाद सबसे पहले सूर्य देव को अर्घ्य दें।
- पितरों के निमित्त तर्पण करें।
- हरियाली अमावस्या के दिन नदी या तालाब में जाकर मछली को आटे की गोलियां खिलाने की भी परंपरा है।
- इस तिथि को तर्पण, स्नान, दान आदि के लिये बहुत ही पुण्य फलदायी माना जाता है।
- पीपल के वृक्ष की पूजा करें।
- गरीब, जरूरतमन्द व ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा करें।
सोमवती अमावस्या पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा का विधान
सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव, पार्वती, गणेशजी और कार्तिकेय की पूजा की जाती है। इस दिन जलाभिषेक करना भी विशेष रूप से फलदायी बताया गया है। कई लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। अमावस्या को महिलाएं तुलसी या पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा भी करती हैं। कई जगह अमावस्या पर पितर देवताओं की पूजा और श्राद्ध करने की भी परंपरा है। सावन हरियाली और उत्साह का महीना माना जाता है। इसलिए इस महीने की अमावस्या पर प्रकृति के करीब आने के लिए पौधरोपण किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन पौधारोपण से ग्रह दोष शांत होते हैं। इस तिथि पर गंगा स्नान और दान का महत्व बहुत है।