Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika (शब ए बारात की नमाज का तारिका) - Summary
अगर आप भी शबे बरात की नफ़्ल नमाज़ का तरीका (shab e barat ki namaz) जानना चाहते हैं, तो Shab E Barat Ki Namaz Ka Tarika PDF में प्राप्त कर सकते हैं। शबे बरात (Shab e barat) बहुत ही अफजल रात है। इस रात को इबादत में गुजारना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसी रात में आने वाले साल की पूरी जानकारी अल्लाह के पास लिख दी जाती है। हमें इस रात ज्यादा से ज्यादा इबादत करके अपने गुनाहों की मुआफी मांगनी चाहिए।
शबे बरात की नमाज़ का तरीका
मग़रिब की नमाज़ के बाद नफ़्ल नमाज़ का तरीका – Shab e Barat Ki Namaz Ka Tarika
- सबसे पहले आप मगरिब की नमाज़ मुकम्मल कर लीजिए।
- मग़रिब की नमाज़ मस्जिद में अदा की हो या घर पर। नमाज़ अदा होने के बाद तस्बीह और दुआ से फ़ारिग होकर 6 रकअत नमाज़ नफ़्ल 2×2 की नियत से अदा कीजिए।
- पहली 2 रकअत नमाज़ शुरू करने से पहले यह दुआ कीजिए:
- या अल्लाह, इन दो रकआतो की बरकत से मेरी उम्र में बरकत अता फरमा।
- शबे बरात की 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल की नियत करें।
- नियत की मैंने दो रकअत शबे बरात की नफ़्ल नमाज की खास वास्ते अल्लाह तआला के।
- मुखातिब करें, “मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाह हू अकबर”।
- शबे बरात की 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल का तरीका:
- अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ बांध लीजिए। फिर आप और नमाज़ में नफ़्ल अदा करते हैं।
- उसी तरह से नफ़्ल नमाज़ अदा कीजिए। नमाज़ मुकम्मल होने के बाद:
- 21 मर्तबा सूरह इखलास और एक मर्तबा सूरह यासीन की तिलावत कीजिए।
- अगर आप दो जने साथ में नमाज पढ़ते हैं, तो 21 मर्तबा सूरह इखलास (कुल्हुवल्लाहु शरीफ) के बाद:
- जब सूरह यासीन पढ़ने की बारी आए, तो दोनों में से कोई भी एक सूरह यासीन की तिलावत बुलंद आवाज में कर सकता है।
- दूसरा उस आवाज को सूरह यासीन की तिलावत को बिल्कुल खामोशी के साथ सुने।
- दूसरा अपनी जुबान से कुछ भी लफ़्ज़ न कहें, सिर्फ और सिर्फ सूरह यासीन सुने।
- इंशा अल्लाह, शबे बरात में सवाब का अंबार लग जाएगा।
- शबे बरात की दूसरी 2 रकअत नमाज नफ़्ल अदा करने से पहले अल्लाह से ये दुआ:
- या अल्लाह, इन दो रकअत की बरकत से बलाओं से मेरी हिफाजत फरमा!
- इसके बाद पूरी दो रकअत नमाज़ पहली दो रकअत की तरह ही मुकम्मल करेंगे!
- फिर से 21 मर्तबा सूरह इखलास और एक मर्तबा सूरह यासीन की तिलावत करेंगे!
- तीसरी 2 रकअत नमाज शुरू करने से पहले यह दुआ कीजिए:
- या अल्लाह, इन दो रकआतो की बरकत से मुझे सिर्फ अपना मोहताज रख और गैरों की मोहताजी से बचा।
- इसके बाद पूरी दो रकअत नमाज़ पहली और दूसरी दो रकअत की तरह ही मुकम्मल करेंगे!
- फिर से 21 मर्तबा सूरह इखलास और एक मर्तबा सूरह यासीन की तिलावत करेंगे! शबे बरात की नमाज़ का तरीका बाद नमाज़े ईशा:
- सबसे पहले गुस्ल कीजिये। बाद ग़ुस्ल के तहियतुल वुजू कीजिये!
- फिर दो रकअत नमाज़ तहिय्यतु वुजु पढ़ें!
- हर रकअत में सूरए फातिहा के बाद आयतल कुर्सी एक बार और कुल हुवल्लाहु शरीफ़ तीन बार पढ़ें!
- नोट – किसी मजबूरी के कारण गुस्ल न कर पाएं तो कोई बात नहीं! कोशिश यही करनी चाहिए कि गुस्ल किया जाए।
- शबे बरात की 2 रकअत नमाज़ नफ़्ल तहियतुल वुजू की नियत:
- नियत की मैंने दो रक अता तहियतुल वुजू की नफ़्ल नमाज की खास वास्ते अल्लाह तआला के।
- वक्त मौजूदा, मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ, अल्लाह हू अकबर।
- तहियतुल वुजू की नमाज़ का तरीका (tahyitul wuju ki namaz):
- नियत करके अल्लाह हू अकबर कहकर हाथ बांध लेना है। फिर सना पढ़ना है! सना के अल्फाज़ इस तरह हैं:
- * सुबहाना कल्ला हुम्मा व बिहन्दिका व तबारा कस्मुका व त’आला जदुका वला इलाहा गैरुका *
- इसके बाद *अउजू बिल्लाहि मिनश शैतान निर्रजिम. बिस्मिल्लाही र्रहमानिर रहीम* पढ़ें!
- फिर सूरए फातिहा के बाद आयतल कुर्सी एक बार और कुल हुवल्लाहु शरीफ तीन बार पढ़ें!
- इसके बाद रुकू कीजिए, फिर सजदे, फिर खड़े होकर हाथ बांधकर फिर से सूरए फातिहा के बाद आयतल कुर्सी एक बार और कुल हुवल्लाहु शरीफ तीन बार पढ़ें!
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