नवरात्रि हवन मंत्र – Navratri Hawan Mantra - Summary
नवरात्रि हवन मंत्र – Navratri Hawan Mantra
नवरात्रि हवन मंत्र न केवल एक महत्वपूर्ण पूजा विधि है, बल्कि यह देवी दुर्गा को प्रसन्न करने का एक साधन भी है। हवन कुंड का मतलब है हवन की अग्नि का निवास स्थान। जब हवन कुंड में अग्नि प्रज्वलित की जाती है, तब इसमें फल, शहद, घी और काष्ठ जैसे पवित्र पदार्थों की आहुति दी जाती है। ऐसा माना जाता है कि हवन प्रक्रिया आपको आसपास की बुरी आत्माओं से मुक्ति दिलाने में मदद करती है। इसके अलावा, शुभकामनाएं, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए भी हवन किया जाता है।
हवन प्रक्रिया
आरती के बाद, हवन सामग्री अपने पास रखें। पहले कपूर से आम की सूखी लकड़ियों को जला लें। अग्नि प्रज्वलित होने पर, हवन सामग्री की आहुति दें। अंत में, सूखे नारियल में लाल वस्त्र या कलावा बाधें। उसके बाद पान, सुपारी, लौंग, बतासा, पूरी और खीर आदि को उसके शीर्ष पर स्थापित करें। अब इसे हवन कुंड में रखें। जो भी हवन सामग्री बची है, उसे इस मंत्र के साथ एक बार में आहुति दें: ‘ओम पूर्णमद: पूर्णमिदम् पुर्णात पूण्य मुदच्यते, पुणस्य पूर्णमादाय पूर्णमेल विसिस्यते स्वाहा’।
नवरात्रि हवन मंत्र / Navratri Havan Mantra in Hindi
- ओम आग्नेय नम: स्वाहा
- ओम गणेशाय नम: स्वाहा
- ओम गौरियाय नम: स्वाहा
- ओम नवग्रहाय नम: स्वाहा
- ओम दुर्गाय नम: स्वाहा
- ओम महाकालिकाय नम: स्वाहा
- ओम हनुमते नम: स्वाहा
- ओम भैरवाय नम: स्वाहा
- ओम कुल देवताय नम: स्वाहा
- ओम स्थान देवताय नम: स्वाहा
- ओम ब्रह्माय नम: स्वाहा
- ओम विष्णुवे नम: स्वाहा
- ओम शिवाय नम: स्वाहा
- ओम जयंती मंगलाकाली, भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवाधात्री स्वाहा
- स्वधा नमस्तुति स्वाहा।
- ओम ब्रह्मा मुरारी त्रिपुरांतकारी भानु: शशि भूमि सुतो बुधश्च: गुरुश्च शुक्र शनि राहु केतव सर्वे ग्रहा शांति करा भवंतु स्वाहा।
- ओम गुरुर्ब्रह्मा, गुरुर्विष्णु, गुरुर्देवा महेश्वर: गुरु साक्षात् परब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: स्वाहा।
- ओम शरणागत दीनार्त परित्राण परायणे, सर्व स्थार्ति हरे देवि नारायणी नमस्तुते।
नवरात्रि हवन सामग्री लिस्ट – Navratri Havan Samagari List
- एक गोला या सूखा नारियल।
- लाल रंग का कपड़ा या कलावा।
- एक हवन कुंड और सूखी लकड़ियां, जिनमें आम की लकड़ी, तना और पत्ता, अश्वगंधा, ब्राह्मी, मुलैठी की जड़, चंदन की लकड़ी, बेल, नीम, पीपल का तना और छाल, गूलर की छाल और पलाश शामिल हैं।
- काला तिल।
- कपूर।
- चावल।
- गाय का घी।
- लौंग।
- लोभान।
- इलायची।
- गुग्गुल।
- जौ।
- शक्कर।
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