भारत के गवर्नर जनरल की सूची Hindi

❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

भारत के गवर्नर जनरल की सूची Hindi

भारत के गवर्नर जनरल ( 1857 से 1947 तक, भारत के वायसराय और गवर्नर जनरल) भारतीय उपमहाद्वीप पर ब्रिटिश राज का प्रधान पद था। यह सूची भारत और पाकिस्तान के आजादी से पहले के सभी वायसराय और गवर्नर-जनरल, भारतीय संघ के दो गवर्नर-जनरल और पाकिस्तानी अधिराज्य के चार गवर्नर-जनरल को प्रदर्शित करती है।

गवर्नर जनरल ऑफ द प्रेसीडेंसी ऑफ फोर्ट विलियम के शीर्षक के साथ इस कार्यालय को 1773 में सृजित किया गया था।

1947 में जब भारत और पाकिस्तान को आजादी मिली तब वायसराय की पदवी को हटा दिया गया, लेकिन दोनों नई रियासतों में गवर्नर-जनरल के कार्यालय को तब तक जारी रखा गया जब तक उन्होंने क्रमशः 1950 और 1956 में गणतंत्र संविधान को अपनाया।

भारत के गवर्नर जनरल की सूची Download

कार्यकाल गवर्नर जनरल महत्वपूर्ण योगदान
1772-1785 वारेन हेस्टिंग्स यह भारत के पहले गवर्नर जनरल थे, इन्होंने अपने कार्यालय में काफी बदलाव किये दोहरी सरकार प्रणाली कों समाप्त किया । जमीनदार कों उसके अधिकार दिए जिसमे उसे उसकी न्यायिक शक्तिया प्रदान की गई। यह सुप्रीम काउंसलिंग ऑफ बंगाल जोकि पांच सदस्यों से मिल कर बनी थी, उस काउन्सिल के सदस्य थे। इन्होंने भगवत गीता का इिंग्लिश में अनुवाद किया।
1785-1786 सर जॉन मैकफेर्सन मैकफेर्सन जब बॉम्बे तथा मद्रास के दौरे से लौट रहे थे तब हेस्टिंगस के अचानक इस्तीफा देने के बाद इनको गवर्नर जनरल का पद अस्थायी रूप से मिला था, जों मात्र एक वर्ष के लिए था।
1786-1793 लार्ड कॉर्नवालिस इन्होंन बंगाल के समझोते में स्थायी रूप से योगदान दिया। यह उस समय एक बहत बड़ा मुददा था राजस्व कों लेकर जों की जमीदारों और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच चल रहा था। इन्होंन अपने कार्यालय में भारत में सिविल सेवाओं को शुरू किया. इसी के साथ लोअर कोट और अपीलीय कोट की स्थापना कर उसकी शुरुवात करी. ये तीसर मसूर युद्द के प्रमख थे।
1793-1798  सर जॉन शोर इन्होंन चार्टर अधिनियम,1793 का प्रारभ किया। इन्होंने शुरुवाती दौर में कार्नवालिश के नेृत्व में कई कार्य किये तथा बहुत हद तक सफल भी रहे।
1798-1805 लार्ड वेल्सले इन्होंने अपनी ब्रिटिश शक्ति को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिये भारतीय शासकों कों अपने नियंत्रण में रखा जिसके लिये इन्होंने एक प्रणाली बनाई जिसे सहायक गठबंधन नीति कहा जाता है। इसी के साथ कलकत्ता में कर्चारियों के प्रशिक्षण के लिये फोर्ट विलियम कॉलेज खोला। इन्होंने सिविल सर्विसेज को बहुत बढ़ावा दिया जिसके कारण इनको भारत में, सिविल सेवा के पिता (Father of Civil Services) की उपाधि दी गई। इसके अलावा इन्होंने चौथे एंग्लो मैसूर युद्ध, 1799 तथा द्वितीय एंग्लो मराठा युद्ध में भी अपना योगदान दिया ।
1805-1807 सर जार्ज बाल सन् 1806 में, वेल्लोर का विद्रोह जिसमें, भारतीय सैनिकों ने अनेक अंग्रेजी अधिकारियों की हत्या की थी, यह घटना इनके कार्यकाल में हुई थी।
1807-1813 लार्ड मिंटो आई इन्होंने अपने कार्यकाल में सन् 1809 में, महाराजा रणजीत सिंह के साथ अमृतसर संधि की थी और चार्टर एक्ट, 1813 को मंजूरी दी थी।
1813-1823 लार्ड हेस्टिंग्स इन्होंने अपने कार्यकाल में गैर हस्तक्षेप की नीति को समाप्त कर दिया तथा उसी के साथ तृतीय एग्लो-मराठा युद्ध,(1816-1818), सुगौली की संधि में योगदान दिया। मध्य भारत, पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा पंजाब में महालवाडी प्रणाली तथा मद्रास में रायोतवाडी प्रणाली की शुरुवात की. सन् 1818 में बॉम्बे प्रेसीडेंसी की नीव रखी,
1823-1828 लार्ड एमहर्स्ट इनके कार्यकाल में, प्रथम एंग्लो बर्मी युद्ध (1824- 1826) और बैरकपुर विद्रोह 1824 हुआ था जिसमें इन्होंने अपना योगदान दिया था।
1828-1835 लार्ड विलियम बेंटिक इनके बारे में ऐसा कहा जाता है कि यह व्यवहार में बहुत अच्छे तथा उदार प्रवृत्ति के थे इसलिये लोग इनको लिबरल गवर्नर जनरल कहते थे। इन्होंने अपने कार्यकाल में रहते हुए बहुत अच्छे कार्य किये. राजाराम मोहन रॉय के साथ मिल कर सती प्रथा, जैसी प्रथाओं तथा कन्या भ्रूणहत्या को समाप्त कर सामाजिक सुधार पर ध्यान दिया. इसी के साथ कलकत्ता में पहला मेडिकल कॉलेज खोला।
1835-1836 सर चार्ल्स में टकाल्फ इन्होंने अपने शासनकाल में सन् 1823 में लाईसेंसिंग निमयों को पुनः लाया गया तथा प्रेस प्रतिबंधों कों हटाया।
1836-1842 लार्ड ऑकलैंड इन्होंने अपने कार्यकाल में प्रथम अफगान युद्ध लड़ा था।
1848-1856 लार्ड डलहोजी इन्होंने अपने शासनकाल में ऐसे कार्य किये जिसके लिये इनको आज भी याद किया जाता है जैसे- सन् 1853 में पहली रेलवे लाइन बनाई जो बॉम्बे से ठाणे तक की थी। इसके अलावा पहली टेलीग्राफ लाइन सन् 1853 में कलकत्ता से आगरा तक डाली थी। यह बहुत ही शक्तिशाली गवर्नर थे जिन्होंने अपनी डॉक्टेरिन ऑफ़ लेप्स की नीति के कारण सन् 1848 में सतारा, सन् 1849 में जयपुर और संभलपुर तथा सन् 1852 उदयपुर पर, सन् 1853 रानी लक्ष्मीबाई झाँसी पर, सन् 1854 नागपुर पर कब्जा किया. इन्होंने आने-जाने के लिये कई पुल का निर्माण किया तथा ग्रैंड ट्रंक रोड की शुरुआत की इसी के साथ स्थापित डाक प्रणाली शुरू की जिससे संचार किया जा सके और संदेश आसानी से एक दूसरे तक पहुच जाये। इसके साथ विश्वविद्यालय खोल कर शिक्षा को बढ़ावा दिया तथा सबसे बड़ा बदलाव विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, 1856 बनाया। लोक निर्माण विभाग की स्थापना करी, इसी के साथ इंजीनियरिंग कॉलेज खोला गया।

You can download the भारत के गवर्नर जनरल की सूची in PDF format using the link given below or an alternative link.

2nd Page of भारत के गवर्नर जनरल की सूची PDF
भारत के गवर्नर जनरल की सूची

भारत के गवर्नर जनरल की सूची PDF Free Download

REPORT THISIf the purchase / download link of भारत के गवर्नर जनरल की सूची PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES