Gayatri Mantra Ki Vilakshan Shakti Book Hindi

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Gayatri Mantra Ki Vilakshan Shakti Book Hindi

गायत्री मन्त्र सद्बुद्धि का मन्त्र है । जिसमें ऐसी विलक्षण सामर्थ्य है कि यह उपासक के हृदय और मस्तिष्क पर आश्चर्यजनक प्रभाव डालता है । इस महामंत्र का नित्य – निरंतर जप करने से अंतःकरण की गहराई में जड़े जमायें बैठे कुविचार यथा काम, क्रोध, लोभ, मोह, ईर्ष्या और द्वेष आदि उखड़ना शुरू हो जाते है । इसके विपरीत धैर्य, आत्मविश्वास, साहस, निर्भयता, सुझबुझ, परिश्रमशीलता, नियमितता और शांति जैसे सद्गुणों की नित्य निरंतर अभिवृद्धि होती जाती है ।

मन्त्र में अद्भुत शक्ति होती है । लेकिन मेरी यह बात केवल वही लोग समझ सकेंगे जिन्होंने मन्त्र शक्ति की विलक्षणता का या तो अपने जीवन में अनुभव किया है या फिर शास्त्रीय व धार्मिक दृष्टि से विश्वास करते है । कई बार मुझे ऐसे लोग मिल जाते है जो मन्त्र जप को बकवास बोलते है । मन्त्र जप को समय की बर्बादी बताते है। एक बार महर्षि दयानंद शब्द शक्ति पर चर्चा कर रहे थे । तभी सभासदों में से एक व्यक्ति झुँझलाता हुआ खड़ा हुआ और बोला – “ स्वामीजी ! फालतू की बकवास मत कीजिये ।

गायत्री मन्त्र की शक्ति – Gayatri Mantra Ki Vilakshan Shakti Book

अगर सूक्ष्म दृष्टि से देखा जाये तो संसार के समस्त दुखो की जननी अविद्या है । बेईमानी, झूठ, लड़ाई – झगड़ा, आलस्य, अशक्ति, अभाव और चिंता आदि जितने भी दुर्गुण और कुसंस्कार है, सभी अज्ञान और अविद्या से जन्म लेते है । इन्हीं के कारण मनुष्य स्वयं गलती करके बेवजह दुखी होता रहता है । अगर अविद्या को समस्त पापों की जननी कहा जाये तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी ।

गायत्री मन्त्र मुख्य रूप से इसी दुर्बुद्धि रूपी अविद्या को हटाता है और सद्बुद्धि और सद्विचारों की स्थापना करता है । गायत्री मन्त्र में विशुद्ध रूप से परमपिता परमात्मा से सद्बुद्धि की प्रार्थना की गई है ।

गायत्री मन्त्र वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों ही रूप से अद्वितीय मन्त्र है । जिन लोगों की स्मरण शक्ति कमजोर हो चुकी है, जो मानसिक रूप से जल्दी थक जाते है, ऐसे लोग गायत्री उपासना करके कुछ ही समय में इस महामंत्र के चमत्कार देख सकते है । गायत्री मन्त्र से स्मरण शक्ति को आश्चर्यजनक रूप से बढ़ाया जा सकता है, क्योंकि इस मन्त्र के जप से उपासक किसी भी ध्येय में ध्रुव एकाग्र हो जाता है ।

गायत्री मन्त्र के माध्यम से उपासक न केवल अपना बल्कि अपने निकटवर्ती वातावरण का भी परिशोधन कर सकते है । समाज में व्याप्त कुरूतियों व कुसंस्कारों के उन्मूलन और सद्गुणों की स्थापना के लिए सभी मनुष्यों को यथाशक्ति गायत्री शक्ति का आवाहन करना चाहिए ।

अगर संक्षेप में इस महामंत्र की महत्ता का उल्लेख किया जाये तो महर्षि वशिष्ठ ने महर्षि विश्वामित्र को जिस कामधेनु का वर्णन किया है, वो गायत्री ही है । कामधेनु गायत्री एक दैवीय शक्ति है । कामधेनु की कोई सीमा नहीं होती, इससे आप अपनी इच्छा और आवश्यकता के अनुरूप कुछ भी प्राप्त कर सकते है । केवल आवश्यकता है साधना की विधि को गहराई से समझकर नियमित रूप से उपासना की जाये । श्रृद्धा, विश्वास, प्रेम और समर्पण किसी भी साधना की सफलता के लिए अनिवार्य रूप से आवश्यक है ।

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Gayatri Mantra Ki Vilakshan Shakti Book

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