गणेश पूजन सामग्री लिस्ट
गणेश चतुर्थी का पर्व हर साल धूमधाम से मनाया जाता है. भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से इस उत्सव की शुरुआत होती है और अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi) पर इसका समापन होता है. गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत देश के तमाम हिस्सों में इस पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है। इस साल गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है यानी इसी दिन से गणेश उत्सव की शुरुआत हो जाएगी।
गणेंश चतुर्थी का त्योहार भाद्रपद के शुक्लपक्ष में चतुर्थी तिथि के दिन बड़े ही धूम से मनाया जाता है। इस दिन घरों में भक्तों द्वारा गणेश जी की स्थापना की जाती है। बहुत से लोग 10 दिन के लिए स्थापना करते हैं तो बहुत से लोग 15 दिन के लिए। गणेश स्थापना विधि को सनातन हिंदू शास्त्रों में अत्यधिक कल्याणकारी माना गया है। गणेश चतुर्थी के दिन बप्पा के भक्त उन्हें ढोल-नगाड़ों के साथ धूमधाम से घर पर लाते हैं और उनकी स्थापना करते हैं. इस बीच गणपति बप्पा की सेवाभाव से पूजा-अर्चना वगैरह की जाती है. घर पर लेकर आते हैं और स्थापना करते हैं।
गणेश पूजन सामग्री लिस्ट
- गणेश जी को बिठाने के लिए चौकी
- चौकी पर बिछाने के लिए लाल कपडा
- जल कलश
- पंचामृत
- रोली , मोली , लाल चन्दन
- जनेऊ
- गंगाजल
- सिन्दूर
- चांदी का वर्क
- लाल फूल और माला
- इत्र
- मोदक या लडडू
- हरे मुंग
- गुड़ और खड़ा धना
- धानी
- सुपारी
- लौंग ,
- इलायची
- नारियल
- फल
- दूर्वा – दूब
- पंचमेवा
- घी का दीपक
- धूप , अगरबत्ती
- कपूर
गणेश पूजन सामग्री लिस्ट मराठी
- हळद,
- कुंकू,
- अक्षता,
- अष्टगंध,
- गुलाल,
- अत्तर,
- अत्तर वाहण्यासाठी थोडासा कापूस,
- उदबत्ती,
- धूप,
- कापूर,
- काडेपेटी,
- फुले,
- फुलांचा हार,
- दूर्वा,
- विड्याची पाने,
- पत्री (शमीचे पान, रुईचे पान, आघाडा, केवड्याचे पान इत्यादी),
- जानवे,
- पाण्याने भरलेला तांब्या,
- पळी आणि भांडे,
- ताम्हण, पंचामृत,
- तुपाची छोटी वाटी (निरांजनात तूप घालण्यासाठी),
- तेलाची छोटी बरणी किंवा वाटी (समईत तेल घालण्यासाठी),
- उपवस्त्र – २ मणी,
- वस्त्रमाळ – २१ मणी,
- गणपतीला घालायचे दागिने,
- बाजूला ठेवायच्या इतर वस्तू,
- चांदीच्या वस्तू इ.
गणेश पूजन विधि
- गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- घर के मंदिर को साफ करें और बप्पा के आगमन के लिए घर को सजाएं।
- ईशान कोण में लकड़ी की चौकी की स्थापित करें और चौकी पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं।
- सही मुहूर्त में गणपति की प्रतिमा को घर लाएं और चौकी पर विराजमान करें।
- इसके बाद उन्हें सिंदूर, फूलमाला, धूप, दीप, अक्षत, पान, लड्डू, मोदक, दूर्वा आदि अर्पित करें।
- इसके बाद नियमित रूप से गणेश जी की विधिविधान से पूजा करें. पांचवें, सातवें या 11वें दिन उनका विसर्जन करें।
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