गांधी जी के भजन Bhagats of Gandhi ji - Summary
गांधी जी के भजन हमारे दिल और कर्म दोनों को छू जाते हैं। उनके भजन और गीत हमें सत्याग्रह और अहिंसा के संदेशों को समझने में मदद करते हैं। खासकर गांधी जयंती के दिन, इन भजनों का महत्व और भी बढ़ जाता है। ये भक्ति गीत गांधी जी की सोच से जोड़े रखते हैं और स्वतंत्रता संग्राम के उनके आदर्शों को दिखाते हैं। 2 अक्टूबर को मनाए जाने वाले इस पावन दिन को हम गर्व के साथ ‘गांधी जयंती’ के रूप में मनाते हैं। आप यहाँ से गांधी जी के भजनों का PDF भी डाउनलोड कर सकते हैं, जो आपके लिए एक सुंदर आध्यात्मिक संग्रह होगा।
गांधी जी के भजन: क्यों हैं ये इतने खास?
गांधी जी ने अपने जीवन में अहिंसा और सत्य के रास्ते को अपनाया। उनके भजन सुनकर और गाकर आप अपने मन में शांति और भक्ति की भावना जगा सकते हैं। ये भजन केवल आध्यात्मिक नहीं हैं, बल्कि ये हमें अपने कर्तव्यों और नैतिक जीवन के प्रति जागरूक करते हैं। गांधी जी के ये भजन उनकी जीवन यात्रा का सार बताते हैं।
गांधी जी के प्रसिद्ध भजन और उनके अर्थ
कुछ सबसे लोकप्रिय भजन हैं – ‘रघुपति राघव राजा राम’, ‘वैष्णव जन तो तेने कहिये’, और ‘एकला चलो रे’। ये भजन गांधी जी के दर्शन को सरल और सुंदर तरीके से दर्शाते हैं और हमें एक बेहतर इंसान बनने की प्रेरणा देते हैं।
गांधी जी के इन भजनों को सुनना और गाना सिर्फ एक आध्यात्मिक अनुभव नहीं है, बल्कि यह हमें गांधी जी के आदर्शों से जुड़ने का मौका भी देता है। आप इन भजनों का PDF फॉर्मेट आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इससे आप इन्हें बार-बार पढ़ या सुन सकते हैं और गांधी जी के विचारों को अपने जीवन में अपना सकते हैं।
हमारे जीवन में गांधी जी के भजनों का शामिल होना हमें अहिंसा, सहिष्णुता और प्रेम का रास्ता दिखाता है, जो 2025 में भी उतना ही जरूरी है। ये भजन हमें सही दिशा देते हैं। नए साल 2025 में इन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
गांधी जी के भजन संग्रह: रघुपति राघव और अन्य
रघुपति राघव राजा राम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम
सीताराम, सीताराम,
भज प्यारे मना सीताराम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम,
सबको सन्मति दे भगवान
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम
मुख में तुलसी घट में राम,
जब बोलो तब सीताराम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम
हाथों से करो घर का काम,
मुख से बोलो सीताराम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम
कौशल्य का वाला राम,
दशरथ का प्यारा राम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम
बंसीवाला हे घनश्याम,
धनुष्य धारी सीताराम
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीताराम।
वैष्णव जन तो तेने कहिये
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
पर दुःखे उपकार करे तो ये,
मन अभिमान न आणे रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
सकल लोकमां सहुने वंदे,
निंदा न करे केनी रे ।
वाच काछ मन निश्चळ राखे,
धन धन जननी तेनी रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
समदृष्टि ने तृष्णा त्यागी,
परस्त्री जेने मात रे ।
जिह्वा थकी असत्य न बोले,
परधन नव झाले हाथ रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
मोह माया व्यापे नहि जेने,
दृढ़ वैराग्य जेना मनमां रे ।
रामनाम शुं ताली रे लागी,
सकल तीरथ तेना तनमां रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
वणलोभी ने कपटरहित छे,
काम क्रोध निवार्या रे ।
भणे नरसैयॊ तेनुं दरसन करतां,
कुल एकोतेर तार्या रे ॥
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
वैष्णव जन तो तेने कहिये,
जे पीड परायी जाणे रे ।
पर दुःखे उपकार करे तो ये,
मन अभिमान न आणे रे ॥
एकला चलो रे
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे,
एकला चलो, एकला चलो,
एकला चलो रे,
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
जोदी केउ कोथा ना कोए
ओ रे ओ ओभागा,
केउ कोथा ना कोए ।
जोदी सोबाई थाके मुख फिराए
सोबाई कोरे भोई,
जोदी सोबाई थाके मुख फिराए
सोबाई कोरे भोई,
तोबे पोरान खुले
ओ तुई मुख फूटे तोर मोनेर कोथा ।
एकला बोलो रे…
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
जोदी सोबाई फिre जाए
ओ रे ओ ओभागा सोबाई फिरे जाई,
जोदी गोहान पोथे जाबार काले केउ
फिरे ना चाय,
जोदी गोहान पोथे जाबार काले केउ
फिरे ना चाय,
तोबे पोथेर काँटा
ओ तुई रोक्तो माखा चोरोनतोले ।
एकला दोलो रे…
जोदी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
जोदी आलो ना धोre
ओ रे ओ ओभागा आलो ना धोरे,
जोदी झोर बादोले आंधार राते
दुयार देये घोरे,
जोदी झोर बादोले आंधार राते
दुयार देये घोरे,
तोबे बज्रानोले
आपोन बुकेर पाजोर जालिये निये ।
एकला जोलो रे…
joडी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
एकला चलो, एकला चलो
एकला चलो रे,
joडी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
joडी तोर डाक सुने केउ ना आसे
तोबे एकला चलो रे ।
गांधी जी के भजनों का ये संग्रह आपके लिए आध्यात्मिक शांति लाने वाला है। आप इसे PDF फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं और रोज सुनकर खुद को प्रेरित कर सकते हैं। यह 2025 के लिए भी एक खास संग्रह है।