छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi PDF Hindi

छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi Hindi PDF Download

छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi in Hindi PDF download link is available below in the article, download PDF of छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi in Hindi using the direct link given at the bottom of content.

9 People Like This
REPORT THIS PDF ⚐

छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi Hindi PDF

छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको रहे हैं छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक।

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को छठ पूजा का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को चार दिनों तक मनाया जाता है और छठी मैय्या से संतान की रक्षा के लिए प्रार्थना की जाती है। छठ पूजा का महापर्व (Chhath Puja Festival) चार दिनों तक मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्यत: बिहार और झारंखड में मनाया जाता है। छठ पूजा में विशेष रूप से सूर्यदेव की पूजा (Surya Dev Ki Puja) की जाती है। जिसमें उगते सूर्य के साथ ही डूबते सूर्य को भी जल दिया जाता है।

छठ पूजा की शुरुआत षष्ठी तिथि से दो दिन पूर्व चतुर्थी से हो जाती है जो कि इस बार बुधवार को है। चतुर्थी को नहाय-खाय होता है। नहाय-खाय के दिन लोग घर की साफ-सफाई/पवित्र करके पूरे दिन सात्विक आहार लेते हैं। इसके बाद पंचमी तिथि को खरना शुरू होता है जिसमे व्रती को दिन में व्रत करके शाम को सात्विक आहार जैसे- गुड़ की खीर/ कद्दू की खीर आदि लेना होता है। पंचमी को खरना के साथ लोहंडा भी होता है जो सात्विक आहार से जुड़ा है।

छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha in Hindi 2021

एक कथा के अनुसार राजा प्रियवद को कोई संतान नहीं थी, तब महर्षि कश्यप ने पुत्रेष्टि यज्ञ कराकर उनकी पत्नी मालिनी को यज्ञाहुति के लिए बनाई गई खीर दी। इसके प्रभाव से उन्हें पुत्र हुआ परंतु वह मृत पैदा हुआ। प्रियवद पुत्र को लेकर श्मशान गए और पुत्र वियोग में प्राण त्यागने लगे। उसी वक्त भगवान की मानस कन्या देवसेना प्रकट हुई और कहा कि सृष्टि की मूल प्रवृत्ति के छठे अंश से उत्पन्न होने के कारण मैं षष्ठी कहलाती हूं। राजन तुम मेरा पूजन करो तथा और लोगों को भी प्रेरित करो। राजा ने पुत्र इच्छा से देवी षष्ठी का व्रत किया और उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई। यह पूजा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को हुई थी।

मूलतः सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण इसे छठ कहा गया है। यह पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहली बार चैत्र में और दूसरी बार कार्तिक में। चैत्र शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जानेवाले छठ पर्व को चैती छठ व कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। पारिवारिक सुख-समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है।

इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं। छठ पूजा चार दिवसीय उत्सव है। इसकी शुरुआत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी को तथा समाप्ति कार्तिक शुक्ल सप्तमी को होती है। इस दौरान व्रतधारी लगातार 36 घंटे का व्रत रखते हैं। इस दौरान वे पानी भी ग्रहण नहीं करते।

छठ पर्व बांस निर्मित सूप, टोकरी, मिट्टी के बरतनों, गन्ने के रस, गु़ड़, चावल और गेहूं से निर्मित प्रसाद और सुमधुर लोकगीतों से युक्त होकर लोक जीवन की भरपूर मिठास का प्रसार करता है। यह मुख्य रूप से पूर्वी भारत के बिहार, झारखण्ड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई क्षेत्रों में मनाया जाता है। षष्ठी को मनाया जाने वाला छठ पूजा सूर्य उपासना का अनुपम लोकपर्व है।

छठ पूजा विधि | Chhath Puja Vidhi

  • छठ पर्व में मंदिरों में पूजा नहीं की जाती है और ना ही घर में साफ-सफाई की जाती है।
  • पर्व से दो दिन पूर्व चतुर्थी पर स्नानादि से निवृत्त होकर भोजन किया जाता है।
  • पंचमी को उपवास करके संध्याकाल में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। तत्पश्चात अलोना (बिना नमक का) भोजन किया जाता है।
  • षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते समय इन मंत्रों का उच्चारण करें।
  •  ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।
  • पूरा दिन निराहार और नीरजा निर्जल रहकर पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
  • अर्घ्य देने की भी एक विधि होती है। एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढंक दें। तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।

छठ पूजा 2021 का कार्यक्रम

8 नवंबर 2021,सोमवार- (नहाय-खाय)
9 नवंबर 2021, मंगलवार-(खरना)
10 नवंबर 2021,बुधवार- (डूबते सूर्य को अर्घ्य)
11 नवंबर 2021, शुक्रवार- (उगते सूर्य को अर्घ्य)

छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha PDF

You can download the Chhath Puja Katha & Vidhi in PDF format using the link given below.

Also Check
Chhath Puja Samagri List PDF

छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi PDF - 2nd Page
छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi PDF - PAGE 2
PDF's Related to छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi

छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi PDF Download Link

1 more PDF of छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi

छठ पूजा कथा और पूजा विधि PDF | Chhath Puja Katha & Vidhi Hindi PDF

छठ पूजा कथा और पूजा विधि PDF | Chhath Puja Katha & Vidhi Hindi PDF

Size: 0.20 | Pages: 6 | Source(s)/Credits: Multiple Sources | Language: Hindi

छठ पूजा कथा और पूजा विधि PDF हिन्दी में डाउनलोड करें

Added on 22 Feb, 2022 by Kumar

REPORT THISIf the purchase / download link of छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If छठ पूजा कथा | Chhath Puja Katha & Vidhi is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *