बृहस्पति देव की आरती | Brihaspati Dev Aarti Hindi PDF
हैलो दोस्तों, आज हम आपके लिए लेकर आये हैं बृहस्पति देव की आरती | Brihaspati Dev Aarti PDF हिन्दी भाषा में। अगर आप बृहस्पति देव की आरती | Brihaspati Dev Aarti हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको देंगे बृहस्पति देव की आरती | Brihaspati Dev Aarti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक।
हिन्दू धर्म के अनुसार बृहस्पति देव को देवी-देवताओं का गुरु माना जाता है इसकी पूजा साधन करने से मनुष्य के जीवन मे सुख समृद्धि आती है। गुरुवार के दिन गुरु बृहस्पति प्रतिधिनित्व और उपासना करके व्यक्ति को अनेक प्रकार के भौतिक सुखों की प्राप्ति होती है।
बृहस्पति देव को प्रसन्न करने के लिए आप बृहस्पति देव की आरती PDF का पाठ नियमित रूप से करना होगा । गुरुवार के दिन आप बृहस्पति देव के व्रत कर सकते हैं जिसके फलस्वरूप देव प्रसन्न होकर मनवांछित फल प्रदान करते हैं।
श्री बृहस्पति देव की आरती पीडीएफ़ | Brihaspati Dev Aarti Lyrics in Hindi PDF
ऊँ जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा |
छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा ||
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी |
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा ||
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता |
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा ||
तन मन धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े |
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा ||
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी |
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा ||
सकल मनोरथ दायक, सब संशय तारो |
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा ||
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे |
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा |
छिन छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ||
ऊँ जय बृहस्पति देवा ||
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