बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali PDF Sanskrit

बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali Sanskrit PDF Download

बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali in Sanskrit PDF download link is available below in the article, download PDF of बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali in Sanskrit using the direct link given at the bottom of content.

0 People Like This
REPORT THIS PDF ⚐

बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali Sanskrit PDF

बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali PDF Download in Sanskrit for free using the direct download link given at the bottom of this article.

गुरु ग्रह अष्टोत्तर शतनामावली गुरु बृहस्पति के 108 नामों का एक बहुत ही उपयोगी संग्रह है जिसका जाप आप देवगुरु बृहस्पति की स्तुति करने के लिए कर सकते हैं। यदि आप कुंडली में सप्ताह गुरु के कारण किसी समस्या का सामना कर रहे हैं। जिन जातकों की जन्म कुंडली में राहु/गुरु का चांडाल योग बन रहा हो या गुरु किसी भी प्रकार से पीड़ित हो रहा हो तब उन्हें नित्य प्रति बृहस्पति जी के 108 नाम का जाप करना चाहिए।

आपको इस अष्टोत्तर शतनामावली का नियमित जाप करना चाहिए। देवगुरु बृहस्पति जी के 108 नामों का संकलन है जिनका पाठ करने से बृहस्पति ग्रह से संबंधित समस्याओं का समाधान होता है। गुरु चांडाल योग से पीड़ित लोगों को पूरी श्रद्धा के साथ प्रतिदिन गुरु अष्टोत्तर शतनामावली का जाप करना चाहिए। जिन लड़कों का यज्ञोपवीत अर्थात जनेऊ नहीं हुआ है उन्हें और महिलाओं को इस पाठ के आरंभ में “ऊँ” के स्थान पर “श्री” का प्रयोग करना चाहिए।

बृहस्पत्यष्टोत्तरशतनामावलि | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali Lyrics

  1. ऊँ वृं गुरवे नम:
  2. ऊँ वृं गुणवराय नम:
  3. ऊँ वृं गोप्त्रे नम:
  4. ऊँ वृं गोचराय नम:
  5. ऊँ वृं गो-पतिप्रियाय नम:
  6. ऊँ वृं गुणिने नम:
  7. ऊँ वृं गुणवतां श्रेष्ठाय नम:
  8. ऊँ वृं गुरुणां गुरवे नम:
  9. ऊँ वृं अव्ययाय नम:
  10. ऊँ वृं जेत्रे नम:
  11. ऊँ वृं जयन्ताय नम:
  12. ऊँ वृं जयदाय नम:
  13. ऊँ वृं जीवाय नम:
  14. ऊँ वृं अनन्ताय नम:
  15. ऊँ वृं जयावहाय नम:
  16. ऊँ वृं आंगीरसाय नम:
  17. ऊँ वृं अध्वरासक्ताय नम:
  18. ऊँ वृं विविक्ताय नम:
  19. ऊँ वृं अध्वरकृत्पराय नम:
  20. ऊँ वृं वाचस्पतये नम:
  21. ऊँ वृं वशिने नम:
  22. ऊँ वृं वश्याय नम:
  23. ऊँ वृं वरिष्ठाय नम:
  24. ऊँ वृं वाग् विचक्षणाय नम:
  25. ऊँ वृं चित्तशुद्धिकराय नम:
  26. ऊँ वृं श्रीमते नम:
  27. ऊँ वृं चैत्राय नम:
  28. ऊँ वृं चित्रशिखण्डिजाय नम:
  29. ऊँ वृं बृहद्रथाय नम:
  30. ऊँ वृं बृहद्भानवे नम:
  31. ऊँ वृं वृहस्पतये नम:
  32. ऊँ वृं अभीष्टदाय नम:
  33. ऊँ वृं सुराचार्याय नम:
  34. ऊँ वृं सुराध्यक्षाय नम:
  35. ऊँ वृं सुरकार्यहितकराय नम:
  36. ऊँ वृं गीर्वाणपोषकाय नम:
  37. ऊँ वृं धन्याय नम:
  38. ऊँ वृं गीष्पतये नम:
  39. ऊँ वृं गिरीशाय नम:
  40. ऊँ वृं अनघाय नम:
  41. ऊँ वृं धीवराय नम:
  42. ऊँ वृं दिव्यभूषणाय नम:
  43. ऊँ वृं देवपूजिताय नम:
  44. ऊँ वृं धनुर्धराय नम:
  45. ऊँ वृं दैत्यहन्त्रे नम:
  46. ऊँ वृं दयासाराय नम:
  47. ऊँ वृं दयाकराय नम:
  48. ऊँ वृं दारिद्र्यविनाशनाय नम:
  49. ऊँ वृं धन्याय नम:
  50. ऊँ वृं धिषणाय नम:
  51. ऊँ वृं दक्षिणायनसम्भवाय नम:
  52. ऊँ वृं धनुर्वीराधिपाय नम:
  53. ऊँ वृं देवाय नम:
  54. ऊँ वृं धनुर्बाणधराय नम:
  55. ऊँ वृं हरये नम:
  56. ऊँ वृं अंगीरसाब्दसंजाताय नम:
  57. ऊँ वृं अंगिरसकुलोद्भवाय नम:
  58. ऊँ वृं सिन्धुदेशाधिपाय नम:
  59. ऊँ वृं धीमते नम:
  60. ऊँ वृं स्वर्णकायाय नम:
  61. ऊँ वृं चतुर्भुजाय नम:
  62. ऊँ वृं हेमांगदाय नम:
  63. ऊँ वृं हेमवपुषे नम:
  64. ऊँ वृं हेमभूषणभूषिताय नम:
  65. ऊँ वृं पुष्यनाथाय नम:
  66. ऊँ वृं पुष्यरागमणि मण्डनमण्डिताय नम:
  67. ऊँ वृं काशपुष्पसमानाभाय नम:
  68. ऊँ वृं कलिदोषनिवारकाय नम:
  69. ऊँ वृं इन्द्रादिदेवदेवेशाय नम:
  70. ऊँ वृं देवताsभीष्टदायकाय नम:
  71. ऊँ वृं असमानबलाय नम:
  72. ऊँ वृं सत्त्वगुणसम्पद्विभावसवे नम:
  73. ऊँ वृं भूसुराभीष्टफलदाय नम:
  74. ऊँ वृं भूरियशसे नम:
  75. ऊँ वृं पुण्यविवर्धनाय नम:
  76. ऊँ वृं धर्मरूपाय नम:
  77. ऊँ वृं धनाध्यक्षाय नम:
  78. ऊँ वृं धनदाय नम:
  79. ऊँ वृं धर्मपालनाय नम:
  80. ऊँ वृं सर्वदेवतार्थतत्त्वज्ञाय नम:
  81. ऊँ वृं सर्वापद्विनिवारकाय नम:
  82. ऊँ वृं सर्वपापप्रशमनाय नम:
  83. ऊँ वृं स्वमतानुगतामराय नम:
  84. ऊँ वृं ऋग्वेदपारगाय नम:
  85. ऊँ वृं सदानन्दाय नम:
  86. ऊँ वृं सत्यसन्धाय नम:
  87. ऊँ वृं सत्यसंकल्पमानसाय नम:
  88. ऊँ वृं सर्वागमज्ञाय नम:
  89. ऊँ वृं सर्वज्ञाय नम:
  90. ऊँ वृं सर्ववेदान्तविदुषे नम:
  91. ऊँ वृं ब्रह्मपुत्राय नम:
  92. ऊँ वृं ब्राह्मणेशाय नम:
  93. ऊँ वृं ब्रह्मविद्याविशारदाय नम:
  94. ऊँ वृं समानाधिकनिर्मुक्ताय नम:
  95. ऊँ वृं सर्वलोक वंशकराय नम:
  96. ऊँ वृं सुरासुरगन्धर्ववन्दिताय नम:
  97. ऊँ वृं सत्यभाषणाय नम:
  98. ऊँ वृं सुराचार्याय नम:
  99. ऊँ वृं दयावते नम:
  100. ऊँ वृं शुभलक्षणाय नम:
  101. ऊँ वृं लोकत्रयगुरवे नम:
  102. ऊँ वृं श्रीमते नम:
  103. ऊँ वृं सर्वगाय नम:
  104. ऊँ वृं सर्वतोविभवे नम:
  105. ऊँ वृं सर्वेशाय नम:
  106. ऊँ वृं सर्वदा तुष्टाय नम:
  107. ऊँ वृं सर्वपूजिताय नम:
  108. ऊँ वृं सर्वदेवेभ्यो नम:

You can download Brihaspati Ashtottara Shatanamavali PDF by clicking on the following download button.

बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali PDF - 2nd Page
बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali PDF - PAGE 2

बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali PDF Download Link

REPORT THISIf the purchase / download link of बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If बृहस्पति अष्टोत्तर शतनामावली | Brihaspati Ashtottara Shatanamavali is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

RELATED PDF FILES

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *