Bal Ram Katha Class 6 Question and Answers - Summary
बाल राम कथा एक ऐसी पुस्तक है जिसमें राम और उनके परिवार की कहानियों के विभिन्न अध्याय हैं और वे सभी कहानियाँ हैं जिन्हें सुनकर बच्चे बड़े होते हैं। राम के बारे में, हम रामायण के बारे में जानते हैं, लेकिन बाल राम कथा भगवान के बारे में बहुत अधिक कहानियों का प्रचार करती है ताकि छात्रों को हिंदू संस्कृति और इसके इतिहास और महत्व का एक उचित विचार मिल सके। भारत जैसे देश में, जहां संस्कृति जीवन के हर पहलू में केंद्र स्थान रखती है, इन कहानियों को जानना महत्वपूर्ण है।
कक्षा 6 हिंदी बाल राम कथा के लिए महत्वपूर्ण प्रश्नों की सूची तैयार की है, जिसका उपयोग छात्र यह पता लगाने के लिए कर सकते हैं कि तैयारी के बारे में सबसे अच्छा कैसे जाना है।
Bal Ram Katha Class 6 Question and Answers – Overview
Article Category | PDF file |
Board | CBSE |
Textbook | NCERT |
Class | Class 6 |
Subject | Hindi |
Chapter Name | बाल रामकथा |
Number of Questions Solved | 32 |
बाल राम कथा कक्षा 6 प्रश्न और उत्तर – Bal Ram Katha Class 6 Question and Answers
प्रश्न 1.
पुस्तक के पहले अध्याय के पहले अनुच्छेद में लेखक ने सजीव ढंग से अवध की तसवीर प्रस्तुत की है। तुम भी अपने आसपास की किसी जगह का ऐसा ही बारीक चित्रण करो। यह चित्रण मोहल्ले के चबूतरे, गली की चहल-पहल, सड़क के नज़ारे आदि किसी का भी हो सकता है जिससे तुम अच्छी तरह परिचित हो।
उत्तर-
मैं अपने मोहल्ले के माहौल से अच्छी तरह परिचित हूँ। यह भारत की राजधानी दिल्ली से बिलकुल नजदीक है। डी० एल०एफ० अंकुर विहार जो दिल्ली पुलिस ट्रेनिंग सेंटर के साथ लगा हुआ है। इस मार्ग के दोनों ओर स्थित ऊँची-ऊँची अट्टालिकाओं की शोभा को देखते ही बनता है। यहाँ आलीशान इमारतें एवं मॉल हैं। यहाँ का वातावरण शांत तथा शहर के कोलाहल से बहुत अलग है। प्रकृति से निकटता यहाँ के परिवेश की ही खासियत है। प्रदूषण से मुक्त आबोहवा है। चारों तरफ दूर-दूर तक फै ली हुई हरियाली यहाँ के आकर्षण का केंद्र है।
यह गाँव एवं शहरों के समिश्रण का संयुक्त रूप है। चौड़ी-चौड़ी सड़कें, स्ट्रीट लाइट, कम भीड़भाड़ एवं कोलाहल होने के कारण यहाँ का वातावरण काफ़ी खुशनुमा है। लोग यहाँ काफ़ी पढ़े-लिखे एवं सभ्य हैं। बड़े-बड़े पार्को में चारों ओर रंग-बिरंगे खिले फूलों की भीनी-भीनी सुगंध का क्या कहना। वास्तव में ऐसे स्वर्गीय वातावरण का आनंद सौभाग्य से ही मिलता है।
प्रश्न 2.
विश्वामित्र जानते थे कि क्रोध करने से यज्ञ पूरा नहीं होगा। इसलिए वे क्रोध को पी गए। तुम्हें भी कभी-कभी गुस्सा आता होगा। तुम्हें कब-कब गुस्सा आता है और उसका क्या परिणाम होता है?
उत्तर-
हाँ, मुझे गुस्सा तब आता है जब मुझसे कोई झूठ बोले, मेरी बात न माने या मुझसे पूछे बिना मेरी चीजों को हाथ लगाता है तो मुझे गुस्सा आता है। मैं गुस्से को काबू करने का काफ़ी प्रयत्न करता हूँ लेकिन उसे रोक नहीं पाता। इसका परिणाम . मुझे नुकसान के रूप में उठाना पड़ता है। इसका परिणाम मुझे डाँट सुननी पड़ती है या फिर किसी से झगड़ा के रूप में परिवर्तित हो जाता है। मेरे कई मित्रों से गुस्से के कारण संबंध खराब हो गए। यहाँ तक कि बोल-चाल भी बंद हो गए।
प्रश्न 3.
राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार किया। तुम्हारी समझ में इसका क्या कारण रहा होगा?
उत्तर-
राम और लक्ष्मण अपने पिता के भक्त थे। वे एक वीर एवं आदर्श पुरु ष भी थे। अतः वे अपने पिता के वचनों का मान रखना चाहते थे। इसी कारण राम और लक्ष्मण ने महाराज दशरथ के निर्णय को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया होगा। इसके अलावा उन्हें वंश परंपरा का भी ध्यान था। रघुकुल में वचन का मान रखने के लिए उनके पूर्व की पीढ़ियों ने प्राणों की बाजी लगा दी थी। उन्हें अपने कुल की परंपरा का ज्ञान था।
प्रश्न 4.
विश्वामित्र ने कहा, ”ये जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। इनसे कोई डर नहीं है।” उन्होंने ऐसा क्यों कहा?
उत्तर-
जानवर और वनस्पतियाँ जंगल की शोभा हैं। वनस्पतियाँ ही तो जंगल का आधार हैं। वनस्पतियों के बिना जंगल की कल्पना नहीं की जा सकती। प्रकृति का पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने के लिए भी ये सहायक होते हैं। धरती पर जीवन की उपस्थिति के लिए ये आवश्यक हैं। अतः ये हमारे जीवन साथी हैं और हमें जानवरों से कोई खतरा नहीं होता। ये प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं। जानवरों से रौनक बनी रहती है। अतः इनके महत्त्व को समझते हुए विश्वामित्र ने कहा कि ये जंगल की शोभा हैं। इनसे नहीं डरना चाहिए।
प्रश्न 5.
लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। क्या ऐसा करना उचित था? अपने उत्तर का कारण बताओ।
उत्तर-
शूर्पणखा ने राम-लक्ष्मण से विवाह करने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन दोनों भाइयों ने शूर्पणखा का प्रस्ताव ठुकरा दिया। इसलिए क्रोध में आकर शूर्पणखा सीता पर झपटी। यह देख लक्ष्मण ने शूर्पणखा के नाक-कान काट दिए। शूर्पणखा एक राक्षसी होते हुए भी एक स्त्री थी। इसलिए लक्ष्मण के द्वारा नाक-कान काटना अनुचित कार्य था। उसे इस तरह अपमानित करना उचित नहीं कहा जा सकता है। शूर्पणखा के विवाह प्रस्ताव को ठुकराने के लिए लक्ष्मण को उसे समझाने का प्रयत्न करना चाहिए था। इस पर यदि वह नहीं मानती तो उसे दंड देना चाहिए था। इस प्रकार के दंड को अनुचित कहा जा सकता है।
Bal Ram Katha Class 6 Question and Answers
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