आई गिरी नंदिनी लिरिक्स इन हिंदी - Summary
अयि गिरी नंदिनी लिरिक्स इन हिंदी पर आधारित यह सामग्री देवी महात्म्यम का एक अनुपम उदाहरण है। इसमें देवी दुर्गा का रूप मधु का वध करने के लिए लक्ष्मी और सरस्वती के साथ प्रतिस्थापित होता है, साथ ही कैटभ, महिषासुर, और शुंभ और निशुंभ का भी संदर्भ मिलता है। इस स्तोत्र की रचना रामकृष्ण कवि ने की थी, जिनके बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है।
अयि गिरी नंदिनी स्तोत्रम
अयि गिरि नन्दिनी स्तोत्रम बर्फ गुरु आदि शंकराचार्य (श्री श्री श्री शंकर भगवतपादाचार्य) द्वारा लिखा गया भगवान दुर्गा का एक अत्यंत लोकप्रिय भक्ति गीत है। आप महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम PDF में डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक का उपयोग कर सकते हैं।
अयि गिरि नन्दिनी स्तोत्रम – Aigiri Nandini Lyrics in Hindi
अयि गिरि नन्दिनी नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते।
गिरिवर विन्ध्यशिरोधिनिवासिनी विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते।
भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते।
जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ।।
अर्थ- हे हिमालयराज की कन्या, विश्व को आनंद देने वाली, नंदी गणों के द्वारा नमस्कृत, गिरिवर विन्ध्याचल के शिरो (शिखर) पर निवास करने वाली, भगवान् विष्णु को प्रसन्न करने वाली, इन्द्रदेव के द्वारा नमस्कृत, भगवान् नीलकंठ की पत्नी, विश्व में विशाल कुटुंब वाली और विश्व को संपन्नता देने वाली हे महिषासुर का मर्दन करने वाली भगवती! अपने बालों की लता से आकर्षित करने वाली पर्वत की पुत्री तुम्हारी जय हो, जय हो, जय हो।