CG Dhan Panjiyan Form - Summary
छत्तीसगढ़ सरकार ने किसानों के लिए CG Dhan Panjiyan Form PDF जारी किया है, जिसे आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इस फॉर्म के जरिए किसान अपने फसलों को बेचने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं और इसके माध्यम से बिक्री कर सकते हैं।
जिन किसानों ने अपना पंजीकरण करवा लिया है, वे छत्तीसगढ़ CG Dhan Panjiyan की आधिकारिक वेबसाइट @kisan.cg.nic.in पर जाकर अपना नाम देख सकते हैं। अब छत्तीसगढ़ राज्य के किसान अपने मोबाइल के जरिए भी आसानी से CG Dhan Panjiyan List Kaise Dekhen (धान पंजीयन लिस्ट देखना) कर सकते हैं, जैसे किसान का धान कितना बिका और उन्हें कितना पैसा मिलेगा।
CG Dhan Panjiyan Form – पंजीयन की प्रक्रिया
- कृषक को राजीव गांधी किसान न्याय योजना, मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजना, धान एवं मक्का उपार्जन तथा कोदो, कुटकी एवं रागी उर्पाजन योजना का लाभ उठाने के लिए निर्धारित समयावधि में एकीकृत किसान पोर्टल (https://kisan.cg.nic.in) पर पंजीकरण कराना होगा।
- आवेदन की स्वीकृति या अस्वीकृति की जानकारी कृषक को SMS के माध्यम से दी जाएगी। पंजीकरण के बाद, प्रत्येक कृषक को एक यूनिक आईडी दी जाएगी।
- संयुक्त खातेदार कृषकों का पंजीकरण नंबरदार के नाम से या समस्त खाता धारकों द्वारा नामित व्यक्ति के नाम से किया जा सकेगा। इसके लिए सभी खाताधारकों की सहमति आवश्यक होगी।
- संस्थागत/रेगहा/बटाईदार/लीज पर खेती करने वाले कृषकों का पंजीकरण खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण विभाग के नियमों के अनुसार किया जाएगा। इस हेतु पोर्टल में अलग लिंक उपलब्ध होगा।
- पोर्टल में खरीफ मौसम की कृषि फसलों, उद्यानिकी फसलों और वृक्षारोपण करने वाले कृषकों का पंजीकरण किया जाएगा।
- खरीफ 2020 में धान उपार्जन के लिए पंजीकृत रकबा पर धान के बदले सुगंधित धान, फोर्टिफाइड धान, कृषि फसल, उद्यानिकी फसल एवं वृक्षारोपण करने वाले कृषकों का पंजीकरण होगा।
- किसान को ग्रामवार आवेदन करना होगा और बोए गए फसल के रकबे की जानकारी खसरावार देनी होगी।
- कृषक यदि कृषि भूमि की खरीद-बिक्री करते हैं, तो गिरदावरी की अंतिम तिथि तक दिखाई गई कुल रकबा के आधार पर उनकी पात्रता तय की जाएगी।
- विभिन्न योजनाओं के लिए न्यूनतम फसल व रकबा मान्य होगा। पंजीकृत किसानों का डेटाबेस भविष्य वर्षों में उपयोग हेतु सुरक्षित रखा जाएगा। यदि किसी पूर्व पंजीकृत कृषक को खुद में बदलाव करना है, तो वे निर्धारित प्रपत्र में आवेदन दे सकते हैं।
- धान उपार्जन योजना के तहत उपार्जन में दोहराव को रोकने के लिए आवश्यक प्रक्रियाओं का पालन किया जाएगा। प्रमाणित बीज उत्पादन कार्यक्रम में भाग लेने वाले कृषकों को पंजीकरण कराना होगा।
- पोर्टल में पंजीकरण हेतु कृषकों को आधार नंबर देना अनिवार्य है। यदि किसी कृषक के पास आधार नंबर नहीं है, तो उन्हें भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण में पंजीकरण कराने का सुझाव दिया जाएगा।
- डूप्लीकेसी को रोकने के लिए आधार नंबर का सत्यापन किया जाएगा। वास्तविक हितग्राही को लाभ देने के लिए कृषकों के बैंक विवरण की भी जांच की जाएगी।
- कृषक के आवेदन का परीक्षण और सत्यापन ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी द्वारा किया जाएगा। विशेष परिस्थितियों में, उद्यानिकी फसल लगाने वाले कृषकों के आवेदन का सत्यापन कृषि अधिकारी द्वारा किया जाएगा।
- पोर्टल पर कृषक के आवेदन का ऑनलाइन सत्यापन अनिवार्य होगा, इसके बाद ही पंजीकरण संबंधित सहकारी समिति द्वारा किया जाएगा।
- फसल के रकबे का निर्धारण भूमि/गिरदावरी के स्थाई आंकड़ों पर आधारित होगा।
- सभी फसलों की जानकारी कृषि विभाग द्वारा गिरदावरी के माध्यम से इकट्ठा की जाएगी।
- यदि गिरदावरी के आंकड़ों में त्रुटि पाई जाती है, तो राजस्व विभाग द्वारा सुधारात्मक कार्यवाई की जाएगी।
- पोर्टल में प्रदर्शित प्रक्रिया के अनुसार सभी संबंधितों द्वारा सत्यापन और पंजीकरण की प्रक्रिया होगी।
पंजीयन की पात्रता
- समस्त श्रेणी के भू-स्वामी एवं वन पट्टाधारी कृषक को पोर्टल में पंजीकरण की पात्रता होगी।
- मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजनान्तर्गत वन पट्टा धारक, ग्राम पंचायत एवं संयुक्त वन प्रबंधन समिति को भी पोर्टल में पंजीकरण की पात्रता होगी।