अष्टावक्र गीता हिंदी अनुवाद - Summary
अष्टावक्र गीता PDF एक प्रमुख भारतीय आध्यात्मिक ग्रंथ है, जो न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में प्रासंगिक है। इस महत्वपूर्ण ग्रंथ में राजा जनक और महर्षि अष्टावक्र के बीच हुई ब्रह्म विद्या की संवाद का वर्णन किया गया है। भगवद्गीता, उपनिषद और ब्रह्मसूत्र की तरह, अष्टावक्र गीता भी ज्ञान, वैराग्य, मुक्ति और समाधि की अवस्थाओं का विस्तृत वर्णन करती है। इसमें कुल 20 अध्याय हैं और इसे वेदान्त के शिखर के रूप में माना जाता है। अष्टावक्र (२०१०) जगद्गुरु रामभद्राचार्य (१९५०–) द्वारा 2009 में लिखा गया एक हिन्दी महाकाव्य है, जिसमें 108-108 पदों के आठ सर्ग हैं, जिससे कुल 864 पद बनते हैं।
अष्टावक्र गीता पढ़ते-पढ़ते पाठक ध्यान में डूब जाता है। वह अद्भुत, अपूर्व और अपार आनंद की अनुभूति करता है, जो उसे आत्मज्ञान के महासागर में ले जाती है। जब वह उस महासागर से बाहर निकलता है, तो वह पूर्ण आत्मबोध का दिव्य अनुभव करता है। उसकी चेहरे पर एक अलौकिक शांति, अनुपम आभा और अद्भुत कांति दिखाई देने लगती है। ✨
अष्टावक्र गीता अध्याय की सूची
विभिन्न अध्यायों का विवरण
- साक्षी
- आश्चर्यम्
- आत्माद्वैत
- सर्वमात्म
- लय
- प्रकृतेः परः
- शान्त
- मोक्ष
- निर्वाण
- वैराग्य
- चिद्रूप
- स्वभाव
- यथासुखम्
- ईश्वर
- तत्त्वम्
- स्वास्थ्य
- कैवल्य
- जीवन्मुक्ति
- स्वमहिमा
- अकिंचनभाव
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