शनि स्तुति | Shani Stuti 2025 Sanskrit PDF

शनि स्तुति | Shani Stuti 2025 in Sanskrit PDF download free from the direct link below.

शनि स्तुति | Shani Stuti 2025 - Summary

नमस्कार दोस्तों! आज हम आपके लिए शनि स्तुति (Shani Stuti) PDF लाए हैं। अगर आप शनि स्तुति को संस्कृत में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो आप बिलकुल सही जगह पर हैं। नीचे दिए गए लिंक से आप इसे आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। शनि देव फल दाता हैं और उनके अनुसार, व्यक्ति को उसके कर्मों का फल मिलता है। इसलिए शनिवार का दिन बहुत खास होता है।

शनि स्तुति PDF 2025 डाउनलोड करें

शनि स्तुति का नियमित पाठ करने से भगवान शनि प्रसन्न होते हैं और जीवन की कई मुश्किलों से छुटकारा मिलता है। इससे जीवन खुशाल बनता है। शनि देव की पूजा करके आप उन्हें खुश कर सकते हैं। खासकर शनिवार को शनि देव की आरती और स्तुति करने से उनकी कृपा मिलती है। इस लेख के जरिये हम आपको शनि स्तुति PDF दे रहे हैं, जिसे आप नीचे दिए लिंक से डाउनलोड कर सकते हैं। यह PDF आपको शनि स्तुति पढ़ने में बहुत मदद करेगा।

शनि स्तुति – Shani Stuti पाठ

यह शनि स्तुति बहुत ही शक्तिशाली मानी जाती है। इसके पाठ से शनि देव की असीम कृपा मिलती है।

नम: कृष्णाय नीलाय शितिकण्ठ निभाय च
नम: कालाग्नि रुपाय कृतान्ताय च वै नम:

नमो निर्मांस देहाय दीर्घश्मश्रुजटाय च
नमो विशालनेत्राय शुष्कोदरे भयाकृते

नम: पुष्कलगात्राय स्थूलरोम्णेsथ वै नम:
नमो दीर्घाय शुष्काय कालद्रंष्ट्र नमोaस्तुते

नमस्ते कोटराक्षाय दुर्निक्ष्याय वै नम:
नमो घोराय रौद्राय भीषणाय कपालिने

नमस्ते सर्वभक्षाय बलीमुख नमोaस्तु ते
सूर्यपुत्र नमस्तेaस्तु भास्करेaभयदाय च

अधोदृष्टे: नमस्तेaस्तु संवर्तक नमोaस्तु ते
नमो मंदगते तुभ्यं निर्स्त्रिंशाय नमोaस्तुते

तपसा दग्ध-देहाय नित्यं योगरताय च
नमो नित्यं क्षुधार्ताय अतृप्ताय च वै नम:

ज्ञानचक्षुर्नमस्तेaस्तु कश्यपात्मज – सूनवे
तुष्टो ददासि वै राज्यं रुष्टो हरसि तत्क्षणात

देवासुरमनुष्याश्च सिद्ध – विद्याधरोरगा
त्वया विलोकिता: सर्वे नाशं यान्ति समूलत:

प्रसाद कुरु मे सौरे ! वारदो भव भास्करे
एवं स्तुतस्तदा सौरिर्ग्रहराजो महाबल:

भगवान शनि देव जी की आरती 2025

शनि देव की आरती करने से भी खास कृपा मिलती है। यहाँ शनि देव जी की आरती दी गई है:

जय जय श्री शनिदेव भक्तन हितकारी।
सूर्य पुत्र प्रभु छाया महतारी॥
जय जय श्री शनि देव….

श्याम अंग वक्र-दृष्टि चतुर्भुजा धारी।
नी लाम्बर धार नाथ गज की असवारी॥
जय जय श्री शनि देव….

क्रीट मुकुट शीश राजित दिपत है लिलारी।
मुक्तन की माला गले शोभित बलिहारी॥
जय जय श्री शनि देव….

मोदक मिष्ठान पान चढ़त हैं सुपारी।< पाउडर तिल तेल उड़द महिषी अति प्यारी॥
जय जय श्री शनि देव….

देव दनुज ऋषि मुनि सुमिरत नर नारी।
विश्वनाथ धरत ध्यान शरण हैं तुम्हारी।
जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।।

शनि स्तुति पाठ के लाभ

शनि स्तुति के श्लोक पढ़ने के कई फायदे हैं:

  • शनि देव की पूजा से जीवन सुखी होता है।
  • शनि की महादशा और अंतर्दशा में लाभ मिलता है।
  • शनि की साढेसाती में भी लाभ होता है।
  • न्यायालय से जुड़े कामों में सफलता मिलती है।
  • दुर्घटनाओं से सुरक्षा मिलती है।

शनि देव के मंत्र

इन मंत्रों का जप करने से शनि देव की खास कृपा मिलती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जप करने से बहुत फायदा होता है।

ॐ शं शनैश्चराय नमः
“ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
“ॐ शन्नो देविर्भिष्ठयः आपो भवन्तु पीतये। सय्योंरभीस्रवन्तुनः।”

नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम
छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम।

आप ऊपर दिए गए लिंक का उपयोग करके शनि स्तुति | Shani Stuti PDF को आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं।

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