Ganapati Stotra - Summary
संकट नाशन गणपति स्तोत्र एक प्रसिद्ध और शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान गणेश की महिमा का वर्णन करता है। इस संकट नाशन गणपति स्तोत्र के पाठ से भक्त अपने जीवन के सभी संकटों से मुक्ति प्राप्त करते हैं और भगवान गणेश की कृपा पाते हैं। इस स्तोत्र में भगवान गणेश को संकटों से नष्ट करने वाले देवता के रूप में पूजा जाता है।
यह स्तोत्र मन को शुद्ध करता है और भक्तों में शक्ति और साहस भरता है। अगर आप भी संकट नाशन गणपति स्तोत्र के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं, तो इसे पढ़कर अपने जीवन के सभी संकटों से मुक्ति पा सकते हैं। भगवान गणेश की संकटों को समाप्त करने वाली शक्ति की स्तुति करके आप अपने जीवन को समृद्ध और खुशहाल बना सकते हैं।
आपका संकट दूर करने वाला गणपति स्तोत्र
संकट नाशन गणपति स्तोत्र का पाठ करने से ना केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि यह आपके मन को शांति और संतोष भी प्रदान करता है। भक्त इस स्तोत्र को पढ़कर भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जिससे उनके जीवन में सुख और समृद्धि आती है। इसकी आरती, चालीसा और अन्य भक्ति गीतों के माध्यम से, भक्त अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं।
Sankat Nashan Ganpati Stotra Lyrics
|| श्री गणपती स्तोत्र ||
जय जयाजी गणपती | मज द्यावी विपुल मती | करावया तुमची स्तुती | स्पुर्ती द्यावी मज अपार || ०१ ||
तुझे नाम मंगलमूर्ती | तुज इंद्र-चंद्र ध्याती | विष्णू शंकर तुज पूजिती | अव्यया ध्याती नित्य काळी || ०२ ||
तुझे नाव विनायक | गजवदना तू मंगल दायक | सकल नाम कलिमलदाहक | नाम-स्मरणे भस्म होती || ०३ ||
मी तव चरणांचा अंकित | तव चरणा माझे प्रणिपात | देवधीदेवा तू एकदंत | परिसे विज्ञापना माझी || ०४ ||
माझा लडिवाळ तुज करणे | सर्वापरी तू मज सांभाळणे | संकटामाझारी रक्षिणे | सर्व करणे तुज स्वामी || ०५ ||
गौरी पुत्र तू गणपती | परिसावी सेवकाची विनंती | मी तुमचा अनन्यार्थी | रक्षिणे सर्वार्थेची स्वामिया || ०६ ||
तूच माझा बाप माय | तूच माझा देवराय | तूच माझी करिशी सोय | अनाथ नाथा गणपती || ०७ ||
गजवदना श्री लम्बोदरा | सिद्धीविनायका भालचंद्रा | हेरंभा शिव पुत्रा | विघ्नेश्वरा अनाथ बंधू || ०८ ||
भक्त पालका करि करुणा | वरद मूर्ती गजानना | परशुहस्ता सिंदुरवर्णा | विघ्ननाशना मंगलमूर्ती || ०९ ||
विश्ववदना विघ्नेश्वरा | मंगलाधीषा परशुधरा | पाप मोचन सर्वेश्वरा | दिन बंधो नाम तुझे ||१० ||
नमन माझे श्री गणनाथा | नमन माझे विघ्नहर्ता | नमन माझे एकदंता | दीनबंधू नमन माझे || ११ ||
नमन माझे शंभूतनया | नमन माझे करुणांलया | नमन माझे गणराया | तुज स्वामिया नमन माझे || १२ ||
नमन माझे देवराया | नमन माझे गौरीतनया | भालचंद्रा मोरया | तुझे चरणी नमन माझे || १३ ||
नाही आशा स्तुतीची | नाही आशा तव भक्तीची | सर्व प्रकारे तुझिया दर्शनाची | आशा मनी उपजली || १४ ||
मी मूढ केवल अज्ञान | ध्यानी सदा तुझे चरण | लंबोदरा मज देई दर्शन | कृपा करि जगदीशा || १५ ||
मती मंद मी बालक | तूच सर्वांचा चालक | भक्तजनांचा पालक | गजमुखा तू होशी || १६ ||
मी दरिद्री अभागी स्वामी | चित्त जडावे तुझिया नामी | अनन्य शरण तुजला मी | दर्शन देई कृपाळुवा || १७ ||
हे गणपती स्तोत्र जो करी पठण | त्यासी स्वामी देईल अपार धन | विद्या सिद्धी चे अगाध ज्ञान | सिंदूरवदन देईल पै || १८ ||
त्यासी पिशाच भूत प्रेत | न बाधिती कळी काळात | स्वामीची पूजा करोनी यथास्थित | स्तुती स्तोत्र हे जपावे || १९ ||
होईल सिद्धी षड्मास हे जपता | नव्हे कदा असत्य वार्ता | गणपती चरणी माथा | दिवाकरे ठेविला || २० ||
|| इति श्री गणपती स्तोत्र संपूर्ण ||
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