वैभव लक्ष्मी आरती | Vaibhav Laxmi Aarti Hindi PDF
वैभव लक्ष्मी एक लक्ष्मी जी का ही एक स्वरूप हैं। इनकी पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है। व्यक्ति को किसी भी तरह की आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही रुका हुआ धन भी वापस आ जाता है।
मान्यता है कि वैभव लक्ष्मी के व्रत 11 या 21 शुक्रवार तक करने चाहिए। अगर किसी कारण के चलते आप किसी शुक्रवार व्रत नहीं कर पा रहे हैं तो मां से माफी मांग कर अगले शुक्रवार को व्रत करें। वैभव लक्ष्मी का व्रत स्त्री और पुरुष में से कोई भी रख सकता है।
वैभव लक्ष्मी आरती | Vaibhav Laxmi Aarti in Hindi
ॐ वैभव लक्ष्मी माता,
मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी,
भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता,
ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
लक्ष्मी माँ का नाम जो लेता,
सुख सम्पति पाता,
मैया सुख सम्पति पाता,
दुःख दरिद्र मिटता,
दुःख दरिद्र मिटता,
बांछित फल पाता ।
ॐ वैभव लक्ष्मी माता,
मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी,
भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता,
ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
लक्ष्मी माता तू जग माता,
जग पालक रानी,
मैया जग पालक रानी,
हाथ जोड़ गुण गाते,
हाथ जोड़ गुण गाते,
जग के सब प्राणी ।
ॐ वैभव लक्ष्मी माता,
मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी,
भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता,
ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
हे माँ तेरी शरण में जो आता,
तेरी भक्ति पाता,
मैया तेरी भक्ति पाता,
माँ तेरी ममता पा के,
माँ तेरी ममता पा के,
अंत स्वर्ग जाता ।
ॐ वैभव लक्ष्मी माता,
मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी,
भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता,
ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
ॐ वैभव लक्ष्मी माता,
मैया वैभव लक्ष्मी माता,
भक्तों के हितकारिनी,
भक्तों के हितकारिनी,
सुख वैभव दाता,
ॐ वैभव लक्ष्मी माता,
ॐ वैभव लक्ष्मी माता ।
Vaibhav Laxmi Aarti
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