सोमवार व्रत कथा – Somvar (Monday Fast) Vrat Katha Hindi

सोमवार व्रत कथा – Somvar (Monday Fast) Vrat Katha Hindi PDF download free from the direct link given below in the page.

32 Like this PDF
❴SHARE THIS PDF❵ FacebookX (Twitter)Whatsapp
REPORT THIS PDF ⚐

सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha) Hindi PDF

सोमवार (Monday Fast) का व्रत भगवान भोले नाथ के लिए किया जाता हैं।  ऐसा माना जाता है कि जो भी स्त्री अपने कुमारी अवस्था में भगवान शिव के सोलह सोमवार व्रत करती है उसे एक बहुत ही अच्छा पति मिलता है।इस सोमवार व्रत कथा पुस्तक में आपको सोमवार व्रत विधि, व्रत कथा, चालीसा और आरती मिलेगी। यदि आप आर्थिक रूप से बुरी तरह संकट में फंसे हुए हैं, तो आपको सोमवार का व्रत करना चाहिए। सोलह सोमवार व्रत कथा को शिवमनसाव्रत कथा भी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं भी पूर्ण हो जाती है।

सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन लोग भगवान शिव के लिए व्रत रख कर पुरे दिन भूखे रह कर भगवान शिव को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। जो व्यक्ति सोमवार के दिन की पूजा करते हैं उन्हें मनोवांछित फल अवश्य मिलता है। शिव पूजन के पश्चात् कथा सुननी चाहिए। इस पोस्ट में दिए गए लिंक पर क्लिक करके आप सोमवार व्रत कथा (Somvar Vrat Katha PDF) को PDF प्रारूप में डाउनलोड कर सकते हैं।

सोमवार व्रत कथा PDF – Somvar (Monday Fast) Vrat Katha in hindi

किसी नगर में एक साहूकार रहता था। उसके घर में धन की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसकी कोई संतान नहीं थी जिस वजह से वह बेहद दुखी था। पुत्र प्राप्ति के लिए वह भगवान शिव प्रत्येक सोमवार व्रत रखता था और पूरी श्रद्धा के साथ शिवालय में जाकर भगवान शिव और पार्वती जी की पूजा करता था। उसकी भक्ति देखकर मां पार्वती प्रसन्न हो गई और भगवान शिव से उस साहूकार की मनोकामना पूर्ण करने का निवेदन किया। पार्वती जी की इच्छा सुनकर भगवान शिव ने कहा कि “हे पार्वती। इस संसार में हर प्राणी को उसके कर्मों के अनुसार फल मिलता है और जिसके भाग्य में जो हो उसे भोगना ही पड़ता है।” लेकिन पार्वती जी ने साहूकार की भक्ति का मान रखने के लिए उसकी मनोकामना पूर्ण करने की इच्छा जताई। माता पार्वती के आग्रह पर शिवजी ने साहूकार को पुत्र-प्राप्ति का वरदान तो दिया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि उसके बालक की आयु केवल बारह वर्ष होगी। माता पार्वती और भगवान शिव की इस बातचीत को साहूकार सुन रहा था। उसे ना तो इस बात की खुशी थी और ना ही गम। वह पहले की भांति शिवजी की पूजा करता रहा। कुछ समय उपरांत साहूकार के घर एक पुत्र का जन्म हुआ। जब वह बालक ग्यारह वर्ष का हुआ तो उसे पढ़ने के लिए काशी भेज दिया गया।

साहूकार ने पुत्र के मामा को बुलाकर उसे बहुत सारा धन दिया और कहा कि तुम इस बालक को काशी विद्या प्राप्ति के लिए ले जाओ और मार्ग में यज्ञ कराओ। जहां भी यज्ञ कराओ वहीं पर ब्राह्मणों को भोजन कराते और दक्षिणा देते हुए जाना। दोनों मामा-भांजे इसी तरह यज्ञ कराते और ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देते काशी की ओर चल पड़े। राते में एक नगर पड़ा जहां नगर के राजा की कन्या का विवाह था। लेकिन जिस राजकुमार से उसका विवाह होने वाला था वह एक आंख से काना था। राजकुमार के पिता ने अपने पुत्र के काना होने की बात को छुपाने के लिए एक चाल सोची। साहूकार के पुत्र को देखकर उसके मन में एक विचार आया। उसने सोचा क्यों न इस लड़के को दूल्हा बनाकर राजकुमारी से विवाह करा दूं। विवाह के बाद इसको धन देकर विदा कर दूंगा और राजकुमारी को अपने नगर ले जाऊंगा।

लड़के को दूल्हे का वस्त्र पहनाकर राजकुमारी से विवाह कर दिया गया। लेकिन साहूकार का पुत्र एक ईमानदार शख्स था। उसे यह बात न्यायसंगत नहीं लगी। उसने अवसर पाकर राजकुमारी की चुन्नी के पल्ले पर लिखा कि “तुम्हारा विवाह मेरे साथ हुआ है लेकिन जिस राजकुमार के संग तुम्हें भेजा जाएगा वह एक आंख से काना है। मैं तो काशी पढ़ने जा रहा हूं।”
जब राजकुमारी ने चुन्नी पर लिखी बातें पढ़ी तो उसने अपने माता-पिता को यह बात बताई। राजा ने अपनी पुत्री को विदा नहीं किया जिससे बारात वापस चली गई। दूसरी ओर साहूकार का लड़का और उसका मामा काशी पहुंचे और वहां जाकर उन्होंने यज्ञ किया। जिस दिन लड़के की आयु 12 साल की हुई उसी दिन यज्ञ रखा गया। लड़के ने अपने मामा से कहा कि मेरी तबीयत कुछ ठीक नहीं है। मामा ने कहा कि तुम अन्दर जाकर सो जाओ।

शिवजी के वरदानुसार कुछ ही क्षणों में उस बालक के प्राण निकल गए। मृत भांजे को देख उसके मामा ने विलाप शुरू किया। संयोगवश उसी समय शिवजी और माता पार्वती उधर से जा रहे थे। पार्वती ने भगवान से कहा- प्राणनाथ, मुझे इसके रोने के स्वर सहन नहीं हो रहा। आप इस व्यक्ति के कष्ट को अवश्य दूर करें| जब शिवजी मृत बालक के समीप गए तो वह बोले कि यह उसी साहूकार का पुत्र है, जिसे मैंने 12 वर्ष की आयु का वरदान दिया। अब इसकी आयु पूरी हो चुकी है। लेकिन मातृ भाव से विभोर माता पार्वती ने कहा कि हे महादेव आप इस बालक को और आयु देने की कृपा करें अन्यथा इसके वियोग में इसके माता-पिता भी तड़प-तड़प कर मर जाएंगे। माता पार्वती के आग्रह पर भगवान शिव ने उस लड़के को जीवित होने का वरदान दिया| शिवजी की कृपा से वह लड़का जीवित हो गया। शिक्षा समाप्त करके लड़का मामा के साथ अपने नगर की ओर चल दिए। दोनों चलते हुए उसी नगर में पहुंचे, जहां उसका विवाह हुआ था। उस नगर में भी उन्होंने यज्ञ का आयोजन किया। उस लड़के के ससुर ने उसे पहचान लिया और महल में ले जाकर उसकी आवभगत की और अपनी पुत्री को विदा किया।

इधर भूखे-प्यासे रहकर साहूकार और उसकी पत्नी बेटे की प्रतीक्षा कर रहे थे। उन्होंने प्रण कर रखा था कि यदि उन्हें अपने बेटे की मृत्यु का समाचार मिला तो वह भी प्राण त्याग देंगे परंतु अपने बेटे के जीवित होने का समाचार पाकर वह बेहद प्रसन्न हुए। उसी रात भगवान शिव ने व्यापारी के स्वप्न में आकर कहा- हे श्रेष्ठी, मैंने तेरे सोमवार के व्रत करने और व्रतकथा सुनने से प्रसन्न होकर तेरे पुत्र को लम्बी आयु प्रदान की है। जो कोई सोमवार व्रत करता है या कथा सुनता और पढ़ता है उसके सभी दुख दूर होते हैं और समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

Somvar Pooja Vidhi – सोमवार व्रत पूजा विधि

  1. गाय के शुद्ध कच्चे दूध को शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। यह करने से मनुष्य के तन-मन-धन से जुड़ी सारी परेशानियां खत्म हो जाती है।
  2. इसके बाद शिवलिंग पर शहद या गन्ने का रस चढ़ाए। फिर कपूर, इत्र, पुष्प-धतूरे और भस्म से शिवजी का अभिषेक कर शिव आरती करना करें। अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए ह्रदय से प्रार्थना करना चाहिए।
  3. इस व्रत में सफेद रंग का खास महत्व होता है। व्रत वाले को दिन में सफेद कपड़े पहनकर शिवलिंग पर सफेद पुष्प चढ़ाने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। सोमवार के दिन शिवपूजा का विधान है।
  4. भोलेनाथ एक लोटे जल से भी प्रसन्न हो जाते हैं। सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति की हर मनोकामना की पूर्ति होती है। यदि भोलेनाथ की पूजा शिवमंत्र के साथ की जाए तो भाग्योदय के साथ रोजगार, उन्नति व मनचाहे जीवन-साथी पाने की मनोकामना शीघ्र पूर्ण होती है।
  5. शिवलिंग पर जलाभिषेक के बाद गाय का दूध अर्पित करें। इससे तन, मन और धन संबंधी हर समस्या दूर होती है।
  6. शिवलिंग पर शहद की धारा अर्पित करें। इससे आजीविका, नौकरी व व्यवसाय से संबंधित सभी परेशानियों से छुटकारा मिलता है। लाल चंदन लगाएं व श्रृंगार करें। माना जाता है कि शिवलिंग पर चंदन लगाने से जीवन में सुख-शांति आती है।
  7. इन उपायों के बाद यथाशक्ति गंध, अक्षत, फूल, नैवेद्य अर्पित कर शिव आरती करें। साथ ही शिव जी को अर्पित किए गए दूध, शहद को चरणामृत के रूप में ग्रहण करें और चंदन लगाकर मनोकामना पूर्ति हेतु भोलेनाथ से प्रार्थना करें।

सोमवार व्रत उद्यापन विधि (Somvar Vrat Udyapan Vidhi)

  • सुबह उठकर नित्य कर्म से निवृत हो स्नान करें।
  • स्नान के बाद हो सके तो सफेद वस्त्र धारण करें।
  • पूजा स्थल को गंगा जल से जरूर शुद्ध करें।
  • पूजा स्थल पर केले के चार खम्बे के द्वारा चौकोर मण्डप बना लें।
  • चारों ओर से फूल और बंदनवार (आम के पत्तों का) से सजायें।
  • पूर्व की ओर मुख करके आसन पर बैठ जायें और साथ में पूजा सामग्री भी रख लें।
  • आटे या हल्दी की रंगोली डालें और उसके ऊपर चौकी या लकड़ी के पटरे को मंडप के बीच में रखें।
  • इसके बाद चौकी पर साफ और कोरा सफेद वस्त्र बिछायें।
  • उस पर शिव-पार्वती जी की प्रतिमा या फिर फोटो को स्थापित करें।
  • चौकी पर किसी पात्र में रखकर चंद्रमा को भी स्थापित करें।
  • सबसे पहले अपने आप को शुद्ध करने के लिये पवित्रीकरण जरूर करें।

सोमवार व्रत उद्यापन के लिये पूजा सामग्री

शिव व पार्वती जी की प्रतिमा, चंद्रदेव की मूर्ति या चित्र, चौकी या लकड़ी का पटरा, अक्षत,पान (डंडी सहित),सुपारी, ऋतुफल, यज्ञोपवीत (हल्दी से रंगा हुआ), रोली, मौली, धूप, कपूर, रूई (बत्ती के लिये), पंचामृत (गाय का कच्चा दूध, दही,घी,शहद एवं शर्करा मिला हुआ), छोटी इलायची, लौंग, पुष्पमाला (2 सफेद एवं 1 लाल), चंदन (सफेद एवं लाल), कुंकुम, गंगाजल, कटोरी, आचमनी, वस्त्र (एक लाल एवं तीन सफेद), पंचपात्र, पुष्प, लोटा, नैवेद्य, आरती के लिये थाली, मिट्टी का दीपक, कुशासन, खुल्ले रुपये, चौकी या लकड़ी का पटरा, केले के खम्बे (केले का तना सहित पत्ता/ केले का पत्ता), आम का पत्ता।

शिव जी की आरती – Shiv Ji Ki Aarti in Hindi

ओम जय शिव ओंकारा, स्वामी जय शिव ओंकारा। ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

एकानन चतुरानन पञ्चानन राजे। हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे। त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

अक्षमाला वनमाला मुण्डमालाधारी। त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे। सनकादिक गरुड़ादिक भूतादिक संगे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

कर के मध्य कमण्डलु चक्र त्रिशूलधारी। सुखकारी दुखहारी जगपालनकारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका। मधु-कैटभ दो‌उ मारे, सुर भयहीन करे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

लक्ष्मी, सावित्री पार्वती संगा। पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा। भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला। शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

काशी में विराजे विश्वनाथ, नन्दी ब्रह्मचारी। नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी॥
ओम जय शिव ओंकारा॥

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे। कहत शिवानन्द स्वामी, मनवान्छित फल पावे॥
ओम जय शिव ओंकारा॥ ओम जय शिव ओंकारा॥

सोमवार व्रत कथा हिंदी

नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर के आप सोमवार व्रत कथा PDF / Somvar Vrat Katha PDF in Hindi मुफ्त में डाउनलोड कर सकते है।

2nd Page of सोमवार व्रत कथा – Somvar (Monday Fast) Vrat Katha PDF
सोमवार व्रत कथा – Somvar (Monday Fast) Vrat Katha

Download सोमवार व्रत कथा – Somvar (Monday Fast) Vrat Katha PDF

REPORT THISIf the purchase / download link of सोमवार व्रत कथा – Somvar (Monday Fast) Vrat Katha PDF is not working or you feel any other problem with it, please REPORT IT by selecting the appropriate action such as copyright material / promotion content / link is broken etc. If this is a copyright material we will not be providing its PDF or any source for downloading at any cost.

SIMILAR PDF FILES

  • Babulal Chaturvedi Calendar 2023

    Babulal Chaturvedi (पंडित बाबूलाल चतुर्वेदी कैलेंडर हिंदी) ji is a famous and well-known astrologer of India, who is also considered very much for his calendar and panchang. Another name Pandit Babulal Chaturvedi is also called Bhuvan Vijay Panchang, and the author of this almanac is Pt. Suryakant Chaturvedi and publisher...

  • Gayatri Mantra with Meaning & Benefits Hindi

    गायत्री मंत्र ओउम् भूर्भुव: स्व: । तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि । धियो यो न: प्रचोदयात् ॥ Gayatri Mantra Meaning Arya Samaj अर्थ :- हे प्राणों के प्राण, दु:ख विनाशक, सुखस्वरूप परमात्मा । आप सकल जगत उत्पादक, सर्वश्रेष्ठ एवं पाप विनाशक हो। हम आपका ध्यान करते है। आप हमारी बुद्धियों को...

  • Hindu Calendar 2024 with Tithi in Hindi

    अगर आप नए साल 2024 का हिन्दू कैलंडर को खोज रहे है तो आप सही जगह पर आए है। आप यह से  Hindu Calendar 2024 with Tithi in Hindi PDF में प्राप्त करके आने वाले साल के त्योहारों के बारे सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।  इस हिन्दू पंचांग कैलेंडर...

  • Hindu Panchang Calendar 2023 Hindi

    हिन्दू कैलेंडर 2023 आगामी तीज-त्योहारों और हर साल आने वाले व्रतों के बारे में जानकारी प्रदान करता है। इन सभी में हिंदू धर्म के अलावा मुस्लिम, ईसाई, सिख और कई अन्य समुदायों के त्योहार शामिल हैं। हिंदू कैलेंडर 2023 (हिंदू पंचांग कैलेंडर 2023) बहुत प्रसिद्ध पंचांग है जिसका उपयोग भारत...

  • Kalnirnay 2024 Calendar (कालनिर्णय मराठी कैलेंडर ) Marathi

    Kalnirnay 2024 Marathi (मराठी कैलेंडर) Calendar is the most popular Hindu Marathi calendar (Kalnirnay 2024) in India which was established by Jayantrao Salgaonkar in the year 1973. This calendar provides information about important religious festivals, auspicious timings, and various other events based on the lunar calendar. कालनिर्णय २०२४ मराठी कैलेंडर...

  • Kalnirnay December 2023 Calendar Marathi

    Kalnirnay December 2023 Marathi Calendar gives you daily panchang, auspicious wedding muhurat, sankashti Chaturthi moonrise time, daily sunrise–moon rise time, and monthly astrological predictions for all zodiac signs. Kalnirnay Calendar gives you simplified information about Panchang, auspicious days, festivals, holidays, sunrise, and sunset. It also gives information for auspicious dates,...

  • Kalnirnay January 2024 Calendar Marathi

    Kalnirnay January 2024 Marathi Calendar is published for the Marathi people mainly those who belong to Maharashtra and you can download the Kalnirnay January 2024 Calendar PDF download from the link given at the bottom. Kalnirnay Marathi Calendar includes information regarding Marathi Festivals, Public and National Holidays, Sunrise and Sunset,...

  • Kishor Jantri Panchang 2023 Hindi

    Kishor Jantri Panchang 2023 PDF इस पंचांग में आपको व्रत, उत्सव (त्योहारों), विवाह मुहूर्त, सूर्योदय, सूर्यास्तम, तेजी मांडी विचार, चंद्र स्तिथि, मासिक कुंडली, मासिक अवकाश, भद्रा स्तिथि, पंचक विचार, मूल विचार, गृह विचार सब कुछ पढ़ने को मिलेगा। किशोर जंत्री पंचांग में हिंदू धर्म के अलावा मुस्लिम, ईसाई, सिख और...

  • Mangala Gauri Aarti (मंगला गौरी आरती) Hindi

    सावन का प्रत्येक सोमवार भगवान शिव को समर्पित है इसी तरह से इस महीने के मंगलवार मां गौरी की पूजा के लिए खास माने जाते हैं। कहते हैं जो महिला सावन (Sawan 2023) के हर मंगलवार को मां गौरी का व्रत करती है उन्हें अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।...

  • Nirjala Ekadashi Vrat Katha Book | निर्जला एकादशी व्रत Hindi

    निर्जला एकादशी 2021 सभी एकादशी में सबसे श्रेष्ठ होती है। निर्जला एकादशी का व्रत करने से 24 एकादशी व्रत के बराबर फल मिलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना करनी चाहिए और निर्जला एकादशी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। इस...

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *