Santoshi Mata ki Aarti Hindi PDF
संतोषी माँ एक हिंदू देवी हैं, जिन्हें उनके नाम का अर्थ “संतुष्टि की माँ” के रूप में पूजा जाता है। संतोषी माता की पूजा विशेष रूप से उत्तर भारत और नेपाल की महिलाएं करती हैं। एक व्रत (अनुष्ठान उपवास) जिसे संतोषी मां व्रत कहा जाता है, जो लगातार 16 शुक्रवार को महिलाओं द्वारा किया जाता है, देवी की कृपा प्राप्त करता है।
संतोषी माता की चालीसा और आरती एवं व्रत का नियमत रूप से पालन करने से भी मनुष्य के जीवन के सारे दुःख दूर होते हैं एवं घर में प्रसन्नता, शांति एवं सौहार्द का वातावरण बना रहता है। यहाँ हमने आपके लिए श्री संतोषी माता आरती भी उपलब्ध की है जिसे आप नीचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करके निशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। श्री संतोषी माता आरती हिंदी पीडीऍफ़ डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक करें।
संतोषी माता आरती PDF | Santoshi Mata ki Aarti
॥ आरती श्री सन्तोषी माँ ॥
जय सन्तोषी माता,मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन को,सुख सम्पत्ति दाता॥
जय सन्तोषी माता॥
सुन्दर चीर सुनहरीमाँ धारण कीन्हों।
हीरा पन्ना दमके,तन श्रृंगार कीन्हों॥
जय सन्तोषी माता॥
गेरू लाल छटा छवि,बदन कमल सोहे।
मन्द हंसत करुणामयी,त्रिभुवन मन मोहे॥
जय सन्तोषी माता॥
स्वर्ण सिंहासन बैठी,चंवर ढुरें प्यारे।
धूप दीप मधुमेवा,भोग धरें न्यारे॥
जय सन्तोषी माता॥
गुड़ अरु चना परमप्रिय,तामे संतोष कियो।
सन्तोषी कहलाई,भक्तन वैभव दियो॥
जय सन्तोषी माता॥
शुक्रवार प्रिय मानत,आज दिवस सोही।
भक्त मण्डली छाई,कथा सुनत मोही॥
जय सन्तोषी माता॥
मन्दिर जगमग ज्योति,मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम बालक,चरनन सिर नाई॥
जय सन्तोषी माता॥
भक्ति भावमय पूजा,अंगीकृत कीजै।
जो मन बसै हमारे,इच्छा फल दीजै॥
जय सन्तोषी माता॥
दुखी दरिद्री, रोग,संकट मुक्त किये।
बहु धन-धान्य भरे घर,सुख सौभाग्य दिये॥
जय सन्तोषी माता॥
ध्यान धर्यो जिस जन ने,मनवांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर,घर आनन्द आयो॥
जय सन्तोषी माता॥
शरण गहे की लज्जा,राखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे,दयामयी अम्बे॥
जय सन्तोषी माता॥
सन्तोषी माता की आरती,जो कोई जन गावे।
ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति,जी भरकर पावे॥
जय सन्तोषी माता॥
आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके संतोषी माता आरती PDF / Santoshi Mata Aarti Hindi PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।