Maha Mrityunjaya Mantra Sanskrit
महा मृत्युंजय मंत्र (Maha Mrityunjaya Mantra) एक चिकित्सा और पोषणकर्ता मंत्र है और एक अर्थ में, वेदों का ह्रदय है। इस मंत्र द्वारा जागृत किया गया चिकित्सा शक्ति शरीर से मनस्तत्त्व और मनस्तत्त्व से आत्मा तक फैलती है। यह हमारी इच्छा, ज्ञान, और क्रिया की शक्ति को मजबूत करता है, इस प्रकार उत्साह, साहस, और संकल्प की धारा को अनिर्मित करता है।
इस मंत्र की ध्वनि आंतरिक चिकित्सा शक्ति को जागृत करती है जबकि प्राकृतिक चिकित्सा एजेंट्स को आकर्षित करती है, जो दोनों मूल स्थलों से उत्पन्न होते हैं। यह मंत्र हमें हमारे अंदर के चिकित्सक से जोड़ता है और हमें खाद्य, जड़ी-बूटियों या हमारे पूर्ण कल्याण के लिए किए गए किसी भी अनुशासन से पूर्ण पोषण प्राप्त करने में मदद करता है।
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Maha Mrityunjaya Mantra (महा मृत्युंजय मंत्र)
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे,
सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धना-
न्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
(Om Tryambakam Yajamahe
Sugandhim Pushtivardhanam
Urvarukamiva Bandhanan
Mrityor Mukshiya Maamritat)
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