कुबेर मंत्र | Kuber Mantra and Aarti Hindi PDF
कुबेर मंत्र | Kuber Mantra and Aarti हिन्दी PDF डाउनलोड करें इस लेख में नीचे दिए गए लिंक से। अगर आप कुबेर मंत्र | Kuber Mantra and Aarti हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको रहे हैं कुबेर मंत्र | Kuber Mantra and Aarti के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक।
धनतेरस पर भगवान गणेश, कुबरे जी और माता लक्ष्मी की भी विधि- विधान से पूजा- अर्चना की जाती है। कुबेर जी को धन का देवता कहा जाता है। कुबेर जी की कृपा से व्यक्ति का जीवन सुखमय हो जाता है। भगवान कुबेर को प्रसन्न करने के लिए धनतेरस के पावन दिन कुबेर मंत्र का जप जरूर करना चाहिए।
हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर धनतेरस का पावन पर्व मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस बार धनतेरस का त्योहार 2 नवंबर 2021 को हैं।
Kuber Mantra | कुबेर मंत्र
कुबेर अष्ट लक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं श्री की श्री कुबेराय अष्टलक्ष्मी मम गृहे धन पुरय पुरय नमः
कुबेर धन प्राप्ति मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्ली वितेश्वराय नमः ॥
विनियोग
अस्य श्री कुबेर मंत्रस्य विश्वामित्र ऋषि:बृहती छन्द:
शिवमित्र धनेश्वरो देवता समाभीष्टसिद्धयर्थे जपे विनियोग:
कुबेर का विलक्षण सिद्ध मंत्र
मनुजवाह्य विमानवरस्थितं गुरुडरत्नानिभं निधिनाकम।
शिव संख युक्तादिवि भूषित वरगदे दध गतं भजतांदलम।।
कुबेर का अष्टाक्षर मंत्र
ॐ वैश्रवणाय स्वाहा:
कुबेर का षोडशाक्षर मंत्र
ॐ श्री ॐ ह्रीं श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय नम:।
कुबेर का प्राचीन दिव्य मंत्र
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये
धनधान्या समृद्धिम् देहि दापय दापय स्वाहा।
कुबेर आरती | Kuber Aarti
ऊँ जय यक्ष कुबेर हरे,
स्वामी जै यक्ष जै यक्ष कुबेर हरे ।
शरण पड़े भगतों के,
भण्डार कुबेर भरे ।
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
शिव भक्तों में भक्त कुबेर बड़े,
स्वामी भक्त कुबेर बड़े ।
दैत्य दानव मानव से,
कई-कई युद्ध लड़े ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
स्वर्ण सिंहासन बैठे,
सिर पर छत्र फिरे,
स्वामी सिर पर छत्र फिरे ।
योगिनी मंगल गावैं,
सब जय जय कार करैं ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
गदा त्रिशूल हाथ में,
शस्त्र बहुत धरे,
स्वामी शस्त्र बहुत धरे ।
दुख भय संकट मोचन,
धनुष टंकार करें ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
भांति भांति के व्यंजन बहुत बने,
स्वामी व्यंजन बहुत बने ।
मोहन भोग लगावैं,
साथ में उड़द चने ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
बल बुद्धि विद्या दाता,
हम तेरी शरण पड़े,
स्वामी हम तेरी शरण पड़े ।
अपने भक्त जनों के,
सारे काम संवारे ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
मुकुट मणी की शोभा,
मोतियन हार गले,
स्वामी मोतियन हार गले ।
अगर कपूर की बाती,
घी की जोत जले ॥
॥ ऊँ जै यक्ष कुबेर हरे…॥
यक्ष कुबेर जी की आरती,
जो कोई नर गावे,
स्वामी जो कोई नर गावे ।
कहत प्रेमपाल स्वामी,
मनवांछित फल पावे ॥
आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके कुबेर मंत्र | Kuber Mantra and Aarti PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।
Also Check,
