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Holika Dahan Vrat Katha and Pooja Vidhi | होलिका दहन व्रत कथा ओर पूजा विधि in Hindi
फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को होलिका दहन किया जाता है। इस बार होलिका दहन रविवार 28 मार्च दिन रविवार को किया जाएगा। इसके दूसरे दिन सोमवार यानी 29 मार्च को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि को रंगों वाली होली खेली जाती है।
इस बार 28 मार्च को सुबह 3.27 बजे से पूर्णिमा तिथि लग रही है और यह 28 और 29 मार्च की मध्य रात्रि 12.17 बजे समाप्त हो रही है। इसीलिए होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 28 मार्च को सूर्यास्त शाम 6:51 बजे से लेकर रात 9.12 बजे तक है।
होलिका दहन पूजा विधि
फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को सुबह नहाकर होलिका व्रत का संकल्प करें। दोपहर में होलिका दहन स्थान को पवित्र जल से शुद्ध कर लें। उसमें लकड़ी, सूखे उपले और सूखे कांटे डालें। शाम के समय उसकी पूजा करें। होलिका के पास और किसी मंदिर में दीपक जलाएं। होलिका में कपूर भी डालना चाहिए। इससे होली जलते समय कपूर का धुआं वातावरण की पवित्रता बढ़ता है। शुद्ध जल सहित अन्य पूजा सामग्रियों को एक-एक कर होलिका को अर्पित करें। होलिका दहन के समय परिवार के सभी सदस्यों को होलिका की तीन या सात परिक्रमा करनी चाहिए। इसके बाद घर से लाए हुए जौ, गेहूं, चने की बालों को होली की ज्वाला में डाल दें। होली की अग्नि और भस्म लेकर घर आएं और पूजा वाली जगह रखें।
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