गणेश पूजन विधि और मंत्र (Ganesh Pooja Vidhi & Mantra) के माध्यम से श्री गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की सरलतम विधि से पूजन करना आसान है। इस प्रक्रिया में वेद मंत्र का उच्चारण किया जाता है। यदि आप वेद मंत्र नहीं जानते हैं, तो आप नाम-मंत्रों के द्वारा भी इनकी पूजा कर सकते हैं।
गणेश पूजन विधि – Ganesh Pooja Vidhi
स्नान करने के बाद अपने पास समस्त सामग्री रखें। फिर पूर्व दिशा की ओर मुख करके आसन पर बैठ जाएं और तीन बार निम्न मंत्र बोलकर आचमन करें।
गणेश पूजन विधि और मंत्र – Ganesh (Ganpati) Pooja Vidhi & Mantra
आचमन के बाद हाथ में जल लेकर ॐ ऋषिकेशाय नम: बोलकर हाथ धो लें।
हाथ धोने के बाद पवित्री धारण करें। इसके बाद बाएं हाथ में जल लेकर दाहिने हाथ से अपने ऊपर और पूजा सामग्री पर छिड़कें।
ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु, ॐ पुण्डरीकाक्ष पुनातु बोलकर गणेश जी और अम्बिका (सुपारी में मौली लपेटकर) को स्थापित करें। निम्न मंत्र बोलकर उनका आवाहन करें।
ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम:!!
अब, कामना-विशेष का नाम लेकर संकल्प लें। दाहिने हाथ में जल, सुपारी, सिक्का, फूल और चावल लेकर जिस उद्देश से पूजा कर रहे हैं, उसका मन में उच्चारण करके थाली या गणेश जी के सामने छोड़ दें।
अब हाथ में चावल लेकर गणेश जी और अम्बिका का ध्यान करें।
ॐ भूर्भुवःस्वः सिद्धिबुद्धिसहिताय गणपतये नम:,
गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!
ॐ भूर्भुवःस्वः गौर्ये नम:, गौरीमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च!
आसन के लिए चावल चढ़ाएं,
ॐ गणेश-अम्बिके नम: आसनार्थे अक्षतान समर्पयामि!
फिर स्नान के लिए जल चढ़ाएं,
ॐ गणेशाम्बिकाभ्यां नम: स्नानार्थ जलं समर्पयामि!
फिर दूध चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, पय: स्नानं समर्पयामि!
फिर दही चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दधिस्नानं समर्पयामि!
फिर घी चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, घृतस्नानं समर्पयामि!
फिर शहद चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, मधुस्नानं समर्पयामि!
फिर शक्कर चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, शर्करास्नानं समर्पयामि!
फिर पंचामृत चढ़ाएं। (दूध, दही, शहद, शक्कर एवं घी को मिलाकर)
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, पंचामृतस्नानं समर्पयामि!
फिर चंदन घोलकर चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, गंधोदकस्नानं समर्पयामि!
फिर शुद्ध जल डालकर शुद्ध करें,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, शुध्दोदकस्नानं समर्पयामि!
फिर उन्हें आसन पर विराजमान करें।
फिर वस्त्र चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, वस्त्रं समर्पयामि!
फिर आचमनी जल छोड़ दें।
इसके बाद उपवस्त्र (मौली) चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, उपवस्त्रं समर्पयामि!
फिर आचमनी जल छोड़ दें,
फिर गणेश जी को यज्ञोपवित (जनेऊ) चढ़ाएं!
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाभ्यां नम: यज्ञोपवितं समर्पयामि!
फिर आचमनी जल छोड़ दें।
फिर चन्दन लगाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, चंदनानुलेपनं समर्पयामि!
फिर चावल चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, अक्षतान समर्पयामि!
फिर फूल-फूलमाला चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, पुष्पमालां समर्पयामि!
फिर दूर्वा चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, दुर्वाकरान समर्पयामि!
फिर सिन्दूर चढ़ाएं!
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सिन्दूरं समर्पयामि!
फिर अबीर, गुलाल, हल्दी आदि चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नानापरिमलद्रव्याणि समर्पयामि!
फिर सुगंधित (इत्र) चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, सुंगधिद्रव्यं समर्पयामि!
फिर धूप-दीप दिखाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, धूप-दीपं दर्शयामि!
फिर ऋषि केशाय नम: बोलकर हाथ धोकर नैवेद्य लगाएं।
ॐ प्राणाय स्वाहा! ॐ अपानाय स्वाहा! ॐ समानाय स्वाहा!
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, नैवेद्यं निवेदयामि!
फिर ऋतुफल चढ़ाएं,
ॐ भूर्भुवःस्वः गणेशाम्बिकाभ्यां नम:, ऋतुफलानि समर्पयामि!
फिर लौंग-इलायची, सुपारी अर्पित करें।
फिर दक्षिणा चढ़ाकर भगवान गणेश जी की आरती करें।
फिर परिक्रमा करें! तत्पश्चात भगवान गणेश-अम्बिका से प्रार्थना करें!
फिर दाहिने हाथ में जल लेकर पृथ्वी पर छोड़ दें।
यह बोलकर अन्य पूज्य गणेशाम्बिके प्रीयेताम न मम!
इस प्रकार श्री गणेश जी की पूजा कर अपने संपूर्ण मनोरथ पूर्ण करें।
आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके गणेश पूजन मंत्र PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।