धनतेरस पूजा विधि | Dhanteras Puja Vidhi and Samagri List Hindi PDF
हैलो दोस्तों, आज हम आपके लिए लेकर आये हैं धनतेरस पूजा विधि | Dhanteras Puja Vidhi and Samagri List PDF हिन्दी भाषा में। अगर आप धनतेरस पूजा विधि | Dhanteras Puja Vidhi and Samagri List हिन्दी पीडीएफ़ डाउनलोड करना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। इस लेख में हम आपको देंगे धनतेरस पूजा विधि | Dhanteras Puja Vidhi and Samagri List के बारे में सम्पूर्ण जानकारी और पीडीएफ़ का direct डाउनलोड लिंक।
धनतेरस के दिन पूजन करने से व्यक्ति के घर में सुख – संपत्ति का आगमन होता है। यदि आपके घर में लम्बे समय से कोई मांगलिक कार्य नहीं हुआ, तो आप धनतेरस के दिन यह पूजन अवश्य करें।
धनतेरस के धन्वन्तरि व कुबेर देव की पूजा की जाती है। इन दोनों देव के पूजन से घर में स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्यों का नाश तो होता ही है साथ ही धन की वर्षा भी होती है। कुबेर देव धन के देव हैं तथा धन्वन्तरि जी स्वस्थ्य के देवता हैं। यदि आप भी अपने घर धनतेरस का पूजन करना चाहते हैं तो यहां दी हुयी धनतेरस पूजन विधि का कर प्रयग कर सकते हैं।
धनतेरस पूजा विधि | Dhanteras Puja Vidhi
- धनतेरस के दिन सबसे पहले विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा करें, उसके बाद देवी लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करें, पूजा शुरू करने से पहले नए कपड़े के टुकड़े के बीच में मुट्ठी भर अनाज रखा जाता है।
- कपड़े को किसी चौकी या पाटे पर बिछाना चाहिए।
- धन्वंतरि देव की षोडशोपचार या 16 क्रियाओं से पूजा करें। पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नेवैद्य, आचमन, ताम्बुल, स्तवपाठ, तर्पण और नमस्कार. अंत में सांगता सिद्धि के लिए दक्षिणा भी चढ़ाएं।
- कलश पानी से भरें, उसमें गंगाजल मिला लें। इसके साथ ही सुपारी, फूल, एक सिक्का और कुछ चावल के दाने और अनाज भी इस पर रखें. कुछ लोग कलश में आम के पत्ते भी रखते हैं।
- धन्वंतरि देव के सामने धूप, दीप जलाकर मस्तक पर हल्दी, कुमकुम, चंदन और चावल लगाएं. फिर हार और फूल चढ़ाएं।
- पूजा में फूल, फल, चावल, रोली-चंदन, धूप-दीप का उपयोग करना चाहिए. इस दिन पूजा में भोग लगाने के लिये नैवेद्य के रूप में सफेद मिठाई का प्रयोग किया जाता है। माना जाता है कि माता लक्ष्मी और कुबेर की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है।
धनतेरस के दिन खरीदारी का शुभ मुहूर्तः
धनतेरस पूजा मंगलवार, नवम्बर 2, 2021 पर
धनतेरस पूजा मुहूर्त – 06:17 PM से 08:11 PM
अवधि – 01 घण्टा 55 मिनट्स
यम दीपम मंगलवार, नवम्बर 2, 2021 को
त्रयोदशी तिथि समाप्त – नवम्बर 03, 2021 को 09:02 PM बजे
अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके पीडीएफ प्रारूप में धनतेरस पूजा विधी डाउनलोड करें।
धन्वंतरि जी की आरती
जय धन्वंतरि देवा, जय धन्वंतरि जी देवा।
जरा-रोग से पीड़ित, जन-जन सुख देवा।।जय धन्वं.।।
तुम समुद्र से निकले, अमृत कलश लिए।
देवासुर के संकट आकर दूर किए।।जय धन्वं.।।
आयुर्वेद बनाया, जग में फैलाया।
सदा स्वस्थ रहने का, साधन बतलाया।।जय धन्वं.।।
भुजा चार अति सुंदर, शंख सुधा धारी।
आयुर्वेद वनस्पति से शोभा भारी।।जय धन्वं.।।
तुम को जो नित ध्यावे, रोग नहीं आवे।
असाध्य रोग भी उसका, निश्चय मिट जावे।।जय धन्वं.।।
हाथ जोड़कर प्रभुजी, दास खड़ा तेरा।
वैद्य-समाज तुम्हारे चरणों का घेरा।।जय धन्वं.।।
धन्वंतरिजी की आरती जो कोई नर गावे।
रोग-शोक न आए, सुख-समृद्धि पावे।।जय धन्वं.।।
आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके धनतेरस पूजा विधि | Dhanteras Puja Vidhi and Samagri List PDF में डाउनलोड करके भगवान की पूजा सहित तरीके से कर सकते हैं।
