अम्बे तू है जगदम्बे काली – Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti Lyrics - Summary
“अम्बे तू है जगदम्बे काली” माता का एक लोकप्रिय भजन है जिसे श्रद्धालु बहुत भाव और भक्ति के साथ गाते हैं। इस भजन में माता अम्बे, काली, दुर्गा और शक्ति के रूपों की स्तुति की गई है। इसे सुनने और गाने से मन में शक्ति, साहस और भक्ति की भावना जागृत होती है।
यह भजन विशेष रूप से नवरात्रि और देवी पूजन के समय गाया जाता है। इसमें माँ की महिमा, उनकी करुणा और शक्ति का वर्णन किया गया है। भक्त मानते हैं कि इस भजन का गायन करने से माता अम्बे का आशीर्वाद मिलता है, दुख-दर्द दूर होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
अम्बे तू है जगदम्बे काली – Ambe Tu Hai Jagdambe Kali Aarti Lyrics in Hindi
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली l
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी l
दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ll
सौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली l
दुखिंयों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
माँ बेटे का है इस जग में, बडा ही निर्मल नाता l
पूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता ll
सब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली l
दुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
नहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना l
हम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा कोना ll
सबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली l
सतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली l
तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ll
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