Mangala Gauri Aarti (मंगला गौरी आरती) - Summary
सावन का हर सोमवार भगवान शिव को समर्पित होता है, और इसी तरह से इस महीने के मंगलवार विशेष रूप से मां गौरी की पूजा के लिए महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो महिलाएं सावन (Sawan 2023) के हर मंगलवार को मां गौरी का व्रत करती हैं, वे अपनी जीवन में अखंड सौभाग्य की प्राप्ति करती हैं। व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन मां गौरी की आरती अवश्य करनी चाहिए।
यह कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ समुदायों में विवाहित और अविवाहित महिलाओं द्वारा मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण व्रत है। इस विशेष व्रत का उद्देश्य पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की प्राप्ति है। मंगला गौरी व्रत मंगलवार या श्रवण मंगलवार को श्रावण मासी के दौरान मनाया जाता है।
Mangala Gauri Aarti (मंगला गौरी आरती)
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता
ब्रह्मा सनातन देवी शुभ फल दाता। जय मंगला गौरी…।
अरिकुल पद्मा विनासनी जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा हरिहर गुण गाता। जय मंगला गौरी…।
सिंह को वाहन साजे कुंडल है,
साथा देव वधु जहं गावत नृत्य करता था। जय मंगला गौरी…।
सतयुग शील सुसुन्दर नाम सटी कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी सखियन रंगराता। जय मंगला गौरी…।
शुन्भ निशुम्भ विदारे हेमांचल स्याता,
सहस भुजा तनु धरिके चक्र लियो हाता। जय मंगला गौरी…।
सृष्टी रूप तुही जननी शिव संग रंगराताए
नंदी भृंगी बीन लाही सारा मद माता। जय मंगला गौरी…।
देवन अरज करत हम चित को लाता,
गावत दे दे ताली मन में रंगराता। जय मंगला गौरी…।
मंगला गौरी माता की आरती जो कोई गाता
सदा सुख संपति पाता।
जय मंगला गौरी माता, जय मंगला गौरी माता।।
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