षष्ठी देवी स्तोत् – Sashti Devi Stotram Sanskrit PDF

षष्ठी देवी स्तोत् – Sashti Devi Stotram in Sanskrit PDF download free from the direct link below.

षष्ठी देवी स्तोत् – Sashti Devi Stotram - Summary

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपको Sashti Devi Stotram PDF में प्रदान कर रहे हैं। यदि आप इस स्तोत्र को संस्कृत PDF प्रारूप में खोज रहे हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। आप इस पृष्ठ के नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। जिन दंपत्तियों को संतान प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, उन्हें रोज इस षष्ठी स्तोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। संतान के इच्छुक दंपत्तियों को शालिग्राम शिला, कलश, वटवृक्ष का मूल या दीवार पर लाल चंदन से षष्ठी देवी की आकृति बनाकर उनका पूजन नित्य करना चाहिए।

भगवती षष्ठी देवी शिशुओं की अधिष्ठात्री देवी हैं। यह उन्हें संतान देती हैं और संतान को दीर्घायु प्रदान करती हैं। बच्चों की रक्षा करना भी इनका स्वाभाविक गुण धर्म है। वे मूल प्रकृति के छठे अंश से प्रकट हुई हैं, इसीलिए इनका नाम षष्ठी देवी पड़ा है। यह ब्रह्मा जी की मानसपुत्री और कार्तिकेय की प्राणप्रिया हैं।

षष्ठी देवी स्तोत्र – Sashti Devi Stotra in Sanskrit

॥ श्री गणेशाय नमः ॥

। ध्यानम् ।

श्रीमन्मातरमम्बिकां विधि मनोजातां सदाभीष्टदां

स्कन्देष्टां च जगत्प्रसूं विजयदां सत्पुत्र सौभाग्यदाम् ।

सद्रत्नाभरणान्वितां सकरुणां शुभ्रां शुभां सुप्रभां

षष्ठांशां प्रकृतेः परां भगवतीं श्रीदेवसेनां भजे ॥

षष्ठांशां प्रकृतेः शुद्धां सुप्रतिष्ठां च सुव्रताम् ।

सुपुत्रदां च शुभदां दयारूपां जगत्प्रसूम् ॥

श्वेतचम्पक वर्णाभां रक्तभूषण भूषिताम् ।

पवित्ररूपां परमां देवसेनां पराम्भजे ॥

अथ श्रीषष्ठीदेवि स्तोत्रम् ।

स्तोत्रं श‍ृणु मुनिश्रेष्ठ सर्वकामशुभावहम् ।

वाञ्छाप्रदं च सर्वेषां गूढं वेदे च नारद ॥

। प्रियव्रत उवाच ।

नमो देव्यै महादेव्यै सिद्ध्यै शान्त्यै नमो नमः ।

शुभायै देवसेनायै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ १॥

वरदायै पुत्रदायै धनदायै नमो नमः ।

सुखदायै मोक्षदायै च षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ २॥

सृष्ट्यै षष्ठांशरूपायै सिद्धायै च नमो नमः । var शक्तिषष्ठीस्वरूपायै

मायायै सिद्धयोगिन्यै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ॥ ३॥

परायै पारदायै च षष्ठीदेव्यै नमो नमः ।

सारायै सारदायै च परायै सर्वकर्मणाम् ॥ ४॥

बालाधिष्ठातृदेव्यै च षष्ठीदेव्यै नमो नमः ।

कल्याणदायै कल्याण्यै फलदायै च कर्मणाम् ॥ ५॥

प्रत्यक्षायै च भक्तानां षष्ठीदेव्यै नमो नमः ।

पूज्यायै स्कन्दकान्तायै सर्वेषां सर्वकर्मसु ॥ ६॥

देवरक्षणकारिण्यै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ।

शुद्धसत्त्वस्वरूपायै वन्दितायै नृणां सदा ॥ ७॥

हिंसाक्रोधवर्जितायै षष्ठीदेव्यै नमो नमः ।

धनं देहि प्रियां देहि पुत्रं देहि सुरेश्वरि ॥ ८॥

धर्मं देहि यशो देहि षष्ठीदेव्यै नमो नमः ।

भूमिं देहि प्रजां देहि देहि विद्यां सुपूजिते ॥ ९॥

कल्याणं च जयं देहि षष्ठीदेव्यै नमो नमः ।

॥ फलश‍ृति ॥

इति देवीं च संस्तूय लेभे पुत्रं प्रियव्रतः ॥ १०॥

यशस्विनं च राजेन्द्रं षष्ठीदेवीप्रसादतः ।

षष्ठीस्तोत्रमिदं ब्रह्मन्यः श‍ृणोति च वत्सरम्॥ ११।

अपुत्रो लभते पुत्रं वरं सुचिरजीविनम् ।

वर्षमेकं च या भक्त्या संयत्तेदं श‍ृणोति च ॥ १२॥

सर्वपापाद्विनिर्मुक्ता महावन्ध्या प्रसूयते ।

वीरपुत्रं च गुणिनं विद्यावन्तं यशस्विनम् ॥ १३॥

सुचिरायुष्मन्तमेव षष्ठीमातृप्रसादतः ।

काकवन्ध्या च या नारी मृतापत्या च या भवेत् ॥ १४॥

वर्षं श‍ृत्वा लभेत्पुत्रं षष्ठीदेवीप्रसादतः ।

रोगयुक्ते च बाले च पिता माता श‍ृणोति चेत् ॥ १५॥

मासं च मुच्यते बालः षष्ठीदेवी प्रसादतः ।

॥ इति श्रीब्रह्मवैवर्ते महापुराणे इतिखण्डे नारदनारायणसंवादे

षष्ठ्युपाख्याने श्रीषष्ठीदेविस्तोत्रं सम्पूर्णम् ॥

आप नीचे दिए गए लिंक का उपयोग करके षष्ठी देवी स्तोत् | Sashti Devi Stotram PDF में डाउनलोड कर सकते हैं।

RELATED PDF FILES

षष्ठी देवी स्तोत् – Sashti Devi Stotram Sanskrit PDF Download