पितृ स्तोत्र 2025 Spiritual Stotra Hindi PDF

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पितृ स्तोत्र 2025 Spiritual Stotra - Summary

पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra) का पाठ पितृ पक्ष के पवित्र समय पर बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस स्तोत्र का रोजाना जाप और पढ़ाई पितृ दोष को कम करने और परिवार में खुशहाली बनाए रखने के लिए फायदे मंद होता है। धार्मिक भावना से इसका पाठ करने से पितरों की कृपा हमेशा बनी रहती है, जिससे मन को शांति और आध्यात्मिक विकास मिलता है।

पितृ स्तोत्र का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व

पितृ स्तोत्र का पाठ आपकी जिंदगी में सुख, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लाता है। खासकर उन लोगों के लिए जिनकी कुंडली में पितृ दोष होता है, नियमित रूप से इसका पाठ करना बहुत जरूरी है। पितृ दोष से होने वाली परेशानियाँ जैसे तकलीफ, बीमारी, परिवार में तनाव आदि से छुटकारा पाने के लिए ये स्तोत्र एक आध्यात्मिक इलाज साबित होता है। आप इस पवित्र स्तोत्र को हिंदी अनुवाद सहित PDF में डाउनलोड कर सकते हैं, ताकि इसे आप अपने मोबाइल या कंप्यूटर में रखकर कभी भी पढ़ सकें।

पितृ स्तोत्र हिंदी अनुवाद सहित – Pitru Stotra PDF डाउनलोड

  1. अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।
    नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ।।
    हिन्दी अर्थ– जिन्हें सभी पूजा करते हैं, जो अमूर्त और बहुत तेजस्वी हैं, और जिनकी दृष्टि दिव्य है, उन पितरों को मैं हमेशा नमस्कार करता हूँ।
  2. इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।
    सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् । ।
    हिन्दी अर्थ– जो इन्द्र और अन्य देवताओं, दक्ष, मारीच, सप्तर्षि और अन्य के नेता हैं, कामना पूरी करने वाले उन पितरों को मैं प्रणाम करता हूँ।
  3. मन्वादीनां च नेतार: सूर्याचन्दमसोस्तथा ।
    तान् नमस्यामहं सर्वान् पितृनप्युदधावपि ।।
    हिन्दी अर्थ– जो मनु आदि राजर्षि, मुनिश्वर और सूर्य-चन्द्रमा के भी नेता हैं, उन सभी पितरों को मैं जल और समुद्र में भी आदर सहित नमस्कार करता हूँ।
  4. नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा ।
    द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।
    हिन्दी अर्थ– नक्षत्र, ग्रह, वायु, अग्नि, आकाश और पृथ्वी के नेता पितरों को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ।
  5. देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।
    अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येहं कृताञ्जलि: ।।
    हिन्दी अर्थ– जो देवर्षियों के जनक हैं, जिन्हें सब लोग पूजते हैं और जो हमेशा अक्षय फल देते हैं, ऐसे पितरों को मैं हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ।
  6. प्रजापते: कश्पाय सोमाय वरुणाय च ।
    योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ।।
    हिन्दी अर्थ– प्रजापति, कश्यप, सोम, वरुण और योगेश्वर के रूप में मौजूद पितरों को मैं हमेशा हाथ जोड़कर प्रणाम करता हूँ।
  7. नमो गणेषु सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।
    स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ।।
    हिन्दी अर्थ– सातों लोकों में रहने वाले सात पितृ समूहों को नमस्कार। मैं योगदृष्टि वाले स्वयम्भू ब्रह्मा को प्रणाम करता हूँ।
  8. सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।
    नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ।।
    हिन्दी अर्थ– जो चन्द्रमा के आधार पर हैं और योगमूर्तिधारी पितृ हैं, उनको मैं प्रणाम करता हूँ। साथ ही पूरे जगत के पिता सोम को नमस्कार करता हूँ।
  9. अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।
    अगरीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ।।
    हिन्दी अर्थ– अग्नि के स्वरूप अन्य पितरों को मैं प्रणाम करता हूँ क्योंकि यह पूरा संसार अग्नि और सोम से भरा हुआ है।
  10. ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्रिमूर्तय: ।
    जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ।।
    तेभ्योखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतामनस: ।
    नमो नमो नमस्तेस्तु प्रसीदन्तु स्वधाभुज ।।
    हिन्दी अर्थ– जो पितर तेजस्वी हैं, जो चन्द्रमा, सूर्य और अग्नि के रूप में दिखते हैं, और जो जगत और ब्रह्म के स्वरूप हैं, उन सभी योगी पितरों को मैं मन लगाकर नमस्कार करता हूँ। बार-बार प्रणाम। वे स्वधाभोजी पितर मुझ पर खुश रहें।

।। इति पितृ स्त्रोत समाप्त ।।

पितृ स्तोत्र के आध्यात्मिक फायदे

  • पितृ स्तोत्र के नियमित जाप से पितृ दोष खत्म होकर जीवन में अच्छे बदलाव आते हैं।
  • हेमंत ऋतु में श्राद्ध के दौरान इसका पाठ पितरों को बारह साल तक संतुष्टि देता है।
  • शिशिर ऋतु में पढ़ने से चौबीस वर्षों तक पितरों की खुशी बनी रहती है।
  • वसंत और ग्रीष्म ऋतु में पढ़ाई से हर ऋतु में सोलह साल तक पितृ तृप्ति होती है।
  • वर्षा ऋतु में किया गया पाठ हमेशा अच्छा फल देता है।
  • शरद ऋतु में इसका पाठ पंद्रह साल तक लाभकारी रहता है।
  • श्राद्धकर्म में ब्राह्मणों को भोजन देते हुए पितृ स्तोत्र का पाठ करना पितरों के लिए खास फायदेमंद होता है।
  • पितृ स्तोत्र को भोजपत्र पर लिखने से पितृ श्राद्ध के समय आपके घर में पितर मौजूद होने का एहसास होता है।

इस पवित्र पितृ स्तोत्र को आप नीचे दिए गए लिंक से हिंदी अनुवाद सहित PDF में डाउनलोड कर सकते हैं और अपनी सुविधानुसार इसका जाप और पढ़ाई कर सकते हैं। PDF डाउनलोड करने का विकल्प आपको इसे सुरक्षित रखने में मदद करता है।

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